
पांच महीने पूर्व हुई हत्या का खुलासा, अवैध संबंधों के चलते की थी हत्या, मां, बेटा और बेटी गिरफ्तार





खुलासा न्यूज, बीकानेर। पूगल थाना क्षेत्र में पांच माह पूर्व हुई युवक की हत्या के मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए मां, बेटे व बेटी को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार 16 फरवरी 2024 को परिवादी ताजू खां पुत्र गुलामू खां जाति मुसलमान उम्र 56 साल निवाली सुरासर ने लिखित रिपोर्ट दी थी। जिसमें बताया कि मेरा लड़का लियाकत अली उम्र 37 साल 15 व 16 फरवरी 2024 की रात्री में अपनी मोटरसाईकल लेकर अपने ठेके पर लिये खेत 729 आरडी गया था, वहां खेत मे बनी ढाणी में भवंर राम, उसकी मां मघी देवी, बहन सरोज मौजूद थे। सुबह भवंर राम ने हमारी ढाणी आकर बताया कि लियाकत मेरी ढाणी आया हुआ था, जो अचानक बेहोश हो गया। तब हम वहां गया, वहां से मेरे लड़के लियाकत को बेहोशी की हालत में लेकर पूगल सरकारी हॉस्पीटल आये, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस पुलिस ने मर्ग रिपोर्ट दर्ज की। उस दौरान मृतक लियाकत के शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया। पोस्टमार्टम लिये गये विसरा एफएसएल परिक्षण हेतू भिजवाये गये। जिनकी परिक्षण रिपोर्ट मे मृत्यू का कारण जहर देना होना पाया गया। जिस पर परिवादी ताजू खां की रिपोर्ट पर धारा 328, 302, 201, 34 भादस में दर्ज कर अनुसंधान धर्मेन्द्र सिंह उ.नि. थानाधिकारी द्वारा शुरू किया गया।
जहर देकर मारने की बात स्वीकारी
प्रकरण में तकनीकी तरीके तथा गोपनीय रूप से पूछताछ करने पर पाया गया कि मृतक लियाकत अली एवं सरोज के साथ प्रेम-प्रसंग था। जिस पर आरोपीगण से अलग-अलग पूछताछ की गई तो कभी कुछ-कभी कुछ बताते रहे। जिसने सख्ताई से पुछताछ की गई तो मृतक लियाकत अली को जहर देकर मारने की बात स्वीकार करने पर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण में अन्य की संलिप्तता के सम्बंध में अनुसंधान जारी है।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
पुलिस की जांच में पाया कि 15/16 फरवरी 2024 की रात्री को करीब 02 बजे मृतक लियाकत अली पुत्र ताजू खां अपनी मोटरसाईकल से बिलाल खां पुत्र सलाम खां उम्र 38 साल निवासी सुरासर के साथ भवंर राम मेघवाल पुत्र पप्पूराम मेघवाल की ढाणी नजद 729 आरडी गये। उस समय ढाणी में भवंर राम मेघवाल, उसकी मां मघी देवी, बहन सरोज मौजूद थी। वहां जाकर दोनों के कहा कि हम आगे जाकर आये है, अब हमें सर्दी लगने लगी इसलिए बिस्तर दे दो, यही सोयेंगे। तब मघीदेवी व भवंर राम ने दोनों को बिस्तर दे दिये। लियाकत अली ढाणी में बने झौपडा में चारपाई पर सो गया एवं बिलाल खां झोपड़े के बाहर आंगण में सो गया। मघीदेवी, भवंरराम व सरोज दुसरे झौपड़ा में सो गये। करीब एक घण्टे बाद मघीदेवी ने अपनी बेटी सरोज को लियाकत के साथ संदिग्ध हालात में देखा तो अपने बेटे भवंर राम को इसके बारे में बताया। तब भवंरराम व मघीदेवी ने मिलकर खेत में छिड़कने के लिए लाई हुई जहर को पानी के साथ मिलाकर लियाकत अली को पीला दी। जहर पिलाने के बाद भवंरराम व मघीदेवी, सरोज तीनों मिलकर लियाकत की लाश को झोपड़े के बाहर निकालकर ढाणी के पास खेजड़ी के पेड़ के पास फांसी लटकाने के लिए लेकर गये, लेकिन जब इन तीनों से फांसी नहीं लगी तो लाश को वही खेजड़ी के पेड़ के पास रखकर रोला किया कि लियाकत ने फांसी खा ली। तब ढाणी में सो रहा बिलाल खां नींद से उठकर वहां गया तो देखा कि लियाकत के गले में कुछ नहीं था। तब बिलाल खां ने कहा इसे अन्दर लेकर चलो तब चारों मिलकर उसे ढाणी में बने झोपड़े में लेंकर आये। ढाणी में लाने के बाद मघी देवी व भवंरराम ने बिलाल खां को कहा कि लियाकत ने अपने आप फांसी खायी है, आप चुपचाप यहां से चले जावो, तुम यहां आये इसके बारे में हम किसी को नहीं बतायेगे। भवंरराम मोटरसाईकल से बिलाल खां को उसकी ढाणी के आगे छोड़कर लियाकत अली की ढाणी जाकर उसके परिवार वालों को कहा कि लियाकत हमारी ढाणी आया हुआ था, जो अचानक बेहोश हो गया। तब लियाकत के परिवार वाले उसे लेकर हॉस्पीटल गये जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद से भवंरराम व मघीदेवी, सरोज मनगढत कहानी बनाकर गुमराह करते रहे।


