
नगर निगम चुनाव: राजनैतिक दलों की भूमिका






कैसे बने स्मार्ट वार्ड-स्मार्ट सिटी के सन्दर्भ में
जयनारायण बिस्सा
नगर निगम चुनावों का बिगुल बज चुका है। चुनावों में कांग्रेस और भाजपा से पार्षद की टिकट मांगने वाले उम्मीदवारों की लम्बी कतारें लगी हैं। औसतन दोनों ही पार्टियों से 80 वार्डों में 10 से 12 व्यक्तियों ने पार्टी का टिकट पाने हेतु अपनी-अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है, और सभी के सभी दावेदार अपने आप को पार्टी का निष्ठावान कार्यकर्ता साबित करने में ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। ऐसे में इन दलों के लिए उम्मीदवारों के नाम तय करना एक बड़ी चुनौती भरा काम होगा। उम्मीदवारों का चयन किस आधार पर होगा? उनके चयन की क्या प्रक्रिया होगी? यह विचारणीय प्रश्न है।
प्रत्येक दल में निष्ठावान कार्यकर्ताओं की भारी कमी है। टिकट और पद के हिसाब से निष्ठा तुरन्त बदल जाती है। जिसको टिकट मिला वह निष्ठावान, बाकी लोग नाराज, भीतरीघात और बागी उम्मीदवारों का संकट, और निष्ठा में बदलाव, सम्भवतया इस बात से राजनैतिक दल अनभिज्ञ नहीं है।
राजनीति में शुद्धिकरण की शुरुआत निगम चुनावों से ही हो तो एक नई परम्परा का उदय होगा। मेरा ऐसा मानना है कि स्थानीय स्तर के नगर निगम चुनावों में टिकट उन्हीं को मिले जिनका अपने-अपने वाडऱ्ों में सामाजिक और राजनैतिक स्तर पर जुड़ाव हो। वह पार्टी में किसी पद पर है या नहीं यह महत्वपूर्ण नहीं है। बीकानेर में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो सामाजिक सेवा के साथ-साथ राजनैतिक आकांक्षाओं को पूरा करने की योग्यता रखते हैं लेकिन इनकी राह में सबसे बड़ी बाधा बनते हैं धनबल, भुजबल वाले जिसके कारण योग्यताधारी व्यक्ति नेपथ्य में चला जाता है, क्योंकि टिकट उन्हीं लोगों को मिलता है जिनका सम्बन्ध चन्द रसूखदारों से होता है। स्वच्छ छवि और योग्यताधारी को इन चुनावों में महत्व मिले इसके लिए दोनों बड़ी पार्टियों को सकारात्मक पहल करनी होगी। राजनैतिक दलों को उम्मीदवार का चुनाव जनता में उनकी छवि के अनुसार करना होगा न की इस आधार पर कि वह किसी व्यक्ति विशेष के प्रति वफादार है, नेताओं का रिश्तेदार है या रसूखदारों की सिफारिश है।
महत्वपूर्ण तो यह भी है कि लगातार सक्रिय रहते हुए, जमीन से जुड़ कर अपने वार्ड की छोटी और बड़ी सभी समस्याओं के लिए लगातार अपनी बात प्रशासन और जनप्रतिनिधियों तक पहुंचाई है और उन समस्याओं के समाधान हेतु प्रयासरत रहा हो। पार्टियों को अपने स्तर पर पूर्ण ईमानदारी और पारदर्शिता अपनाते हुए प्रत्येक वार्ड में योग्य उम्मीदवार के लिए सर्वे करवाना चाहिए, बाहरी उम्मीदवार थोपने से बचना चाहिए ताकि ऐसे व्यक्तियों को आगे आने का अवसर मिल जिनमें वार्डवासियों की समस्याओं को चिन्हित कर उनके समाधान हेतु योजनाएं बनाने, उनके क्रियान्वयन हेतु गम्भीर और सार्थक प्रयास करने तथा केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं के लाभ आमजन तक पहुंचाने के लिए सदैव तत्पर हो। बीकानेर के नव निर्माण और समग्र विकास के लिए नगर निगम में ऐसे व्यक्तियों की आवश्यकता है जो निगम में ठेकेदार बनने नहीं अपितू सेवादार प्रवृति वाले जागरूक, विचारवान, शिक्षित, उच्च आचरण, करनी और कथनी में समान आचरण वाले हों, जो अपने कत्र्तव्यों का पालन को पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी के साथ कर सके। तभी होगी नये और प्रगतिशील बीकानेर निर्माण की एक नई शुरूआत……. एक कदम बढ़ाइये तो सही प्रगति की ओर……

