एमपी की कडिय़ा गैंग ने चुराया था एसबीआई शाखा से 4 लाख रुपयों से भरा बैग, तीन गिरफ्तार - Khulasa Online एमपी की कडिय़ा गैंग ने चुराया था एसबीआई शाखा से 4 लाख रुपयों से भरा बैग, तीन गिरफ्तार - Khulasa Online

एमपी की कडिय़ा गैंग ने चुराया था एसबीआई शाखा से 4 लाख रुपयों से भरा बैग, तीन गिरफ्तार

हनुमानगढ़। जंक्शन के एसबीआई बैंक में 9 दिन पहले एक सेवानिवृत रेल कर्मी के 4 लाख रुपए नकदी से भरा बैग चुराने के मामले में बुधवार को पुलिस के हाथ सफलता लगी है। वारदात को अंजाम देने वाले मध्यप्रदेश की कडिय़ा गैंग से जुड़े एक बाल अपचारी को निरूद्ध करा पुलिस ने एक महिला सहित तीन जनों को गिरफ्तार किया।
आरोपियों से रकम की बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं। थानाप्रभारी हनुमानाराम बिश्नोई ने बताया कि गत 11 अक्टूबर को सेवानिवृत रेल कर्मचारी सुरेश कुमार पुत्र सुलतानराम निवासी 3 ई छोटी एसएसबी रोड श्रीगंगानगर के 4 लाख 1900 रुपए नकदी से भरा बैग चुराकर ले जाने के मामले में मोनू (24) पुत्र राजू सिसोदिया सांसी एवं उसके चचेरा भाई विकास (22) पुत्र तूफान सिसोदिया सांसी निवासी कडिय़ा थाना पचौर जिला राजगढ़ मध्यप्रदेश को जयपुर से गिरफ्तार किया गया।
दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए 22 अक्टूबर तक रिमांड पर लिया गया। वहीं इस गैंग की सदस्य मलखा बाई पत्नी अशोक कुमार निवासी गुलखेड़ी तहसील पचौर जिला राजगढ़ मध्यप्रदेश को गिरफ्तार कर एक बालिका को निरूद्ध किया गया। कार्रवाई करने वाली टीम में एएसआई शिवनारायण, हैड कांस्टेबल राजकुमार, कांस्टेबल बलदेव सिंह, नायब सिंह, सूरतगढ़ से कांस्टेबल चालक आत्माराम एंव साईबर सेल अभय कमांड सेंटर हनुमानगढ़ के कांस्टेबल प्रमोद कुमार की विशेष भूमिका रही।
सीसीटीवी फुटेज खंगालने के दौरान पता चला कि आरोपी जंक्शन रेलवे स्टेशन से बीकानेर की ट्रेन में रवाना हुए हैं। पुलिस ने पीछा करते हुए सूरतगढ़ पहुंची तो पता चला कि वहां पर सीसीटीवी फुटेज में नजर आए संदिग्धों ने एक बैंक खाते में डेढ़ लाख रुपए जमा करवाए हैं।
इसके बाद पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाया तो आरोपियों की पहचान हुई जिस पर दो आरोपी रुपयों का बंटवारा करने के बाद जयपुर भाग गए। इसके बाद पुलिस ने सूरतगढ़ से जयपुर पहुंचकर आरोपी चचेरे भाईयों को पकड़ा। वहीं मक्खना बाई और बाल अपचारी को निरूद्ध किया गया।
प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने कई चौंका देने वाले खुलासे किए हैं। आरोपियों ने बताया कि वह गैंग बनाकर नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल करते हैं। इसमें भीड़भाड़ वाले स्थान, बैंक, शादी समारोह आदि में वारदात को अंजाम देते हैं। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में एक गांव है कडिय़ा, जो बेहद खतरनाक है।
वो इसलिए क्योंकि यहां पर युवाओं को इस बात की ट्रेनिंग दी जाती है कि बैंक ग्राहकों से या शादी समारोह में रुपयों से भरा बैग कैसा पार किया जा सकता है। वारदात के बाद तुरंत ठिकाना बदल लेते हैं और जो भी साधन मिले उससे भागने की कोशिश करते हैं।
वारदात अंजाम देने से पहले गैंग के कुछ सदस्य होटल तो कुछ स्टेशन पर ही रूक जाते हैं और काम होते ही वहां से निकल जाते हैं। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि कडिय़ा गांव के करीब 500 लड़के और महिलाएं बैंक से रुपए निकालकर जाने तथा शादी समारोह में दुल्हन के पिता का बैग उठाने की वारदात को अंजाम देने का काम करते हैं।
गत 1 मार्च 2021 को टाउन में वाल्मिकी चौक स्थित एसबीआई बैंक से आयशर ट्रैक्टर एजेंसी में सेल्समैन जेठानंद सिंधी निवासी नई आबादी टाउन का 3 लाख 10 हजार रुपए नकदी से भरा बैग अज्ञात चोर चुरा ले गए थे। इसी तरह संगरिया में बैंक से 14 लाख 40 हजार रुपए और 3 लाख रुपए चुराकर ले जाने की वारदातों को लेकर भी इन आरोपियों से खुलासा होने क उम्मीद है।
वहीं शहर में विभिन्न शादी समारोहों में से रुपयों और जेवरात से भरे बैग चुराकर ले जाने की वारदातों को लेकर पूछताछ की जा रही है। खास बात है कि इन सभी वारदातों कम उम्र के बालक का इस्तेमाल किया गया था। वारदात का तरीका भी वही था। आरोपियों ने प्रारंभिक पूछताछ में कबूल किया कि जिस नाबालिग का वारदात में इस्तेमाल करते थे।
उसे एक के ऊपर एक कपड़े पहनाते थे ताकि ठिकाने बदलने के दौरान कपड़े भी बदलते रहे और पहचान भी नहीं हो पाए। इस वारदात में भी यही तरीका आरोपियों ने अपनाया था लेकिन सूरतगढ़ में रुपए जमा करवाने के दौरान पहचान होने से ये लोग पकड़ में आए।
रिटायर्ड रेलवे कर्मी सुरेश कुमार श्रीगंगानगर से जंक्शन स्थित एसबीआई ब्रांच में अपने खाता से लोन स्वीकृत करवाने के लिए आया था। 4 लाख रुपए का लोन स्वीकृत होने पर शाम करीब 4.10 बजे कैशियर से राशि लेकर बैग काउंटर पर रखा हुआ था। उसके पास अलग से 1900 रुपए थे वो भी बैग में रख दिए तभी एक लड़की जिसने काले रंग की पैंट एवं टॉप व मुंह पर कपड़ा बांधा हुआ था जो बिल्कुल पतली थी, बैग चुराकर भाग गई।
मामले की जांच एएसआई शिवनारायण को सौंपी गई। वहीं थानास्तर पर टीम गठित की गई। पुलिस ने बैंक एवं अभय कमांड सेंटर के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। फुटेज के आधार पर आरोपियों की तलाश में पीलीबंगा, सूरतगढ़ पहुंचकर वहां की फुटेज देखी तो वारदात को अंजाम देने वालों की मौजूदगी सूरतगढ़ में होना पाई गई। गैंग की पहचान मध्यप्रदेश की कडिय़ा गैंग के रुप में होना पाई गई जिस पर टीम लगातार पीछा करती रही।

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