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आरटीई के तहत पढऩे वाले एक लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स की नहीं मिली फीस, 26 को लामबंद होंगे स्कूल संचालक, बीकानेर से होगी शुरुआत

खुलासा न्यूज, बीकानेर। निजी अस्पतालों के चिकित्सकों के बाद अब सरकार के खिलाफ प्राइवेट स्कूल्स के टीचर्स लामबंद हो रहे हैं। दरअसल, राज्यभर के दस हजार से ज्यादा स्कूल्स को पिछले साल फ्री एडमिशन वाले एक लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स की फीस अब तक नहीं मिली है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की लापरवाही के चलते ये परेशान प्राइवेट स्कूल्स के संचालक अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष विरोध प्रदर्श करेंगे। गहलोत 26 अप्रैल को बीकानेर में आ रहे हैं। स्कूल एज्यूकेशन वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष कोडाराम भादू ने बताया कि राजस्थान के 10 हजार 465 स्कूल्स को शिक्षा सत्र 2022-23 की फीस अब तक नहीं मिली है। ये हालात तब है जब राज्य सरकार बजट दे चुकी है, फाइनेंस डिपार्टमेंट स्वीकृति दे चुका है। शिक्षा निदेशालय स्तर पर रही लापरवाही के चलते करीब 180 करोड़ रुपए का भुगतान अटका हुआ है। प्राइमरी से जुड़े स्कूल्स को ये भुगतान मिल गया लेकिन सेकंडरी एज्यूकेशन से जुड़े अधिकांश स्कूल भुगतान को तरस रहे हैं। उदयपुर और श्रीगंगानगर के कुछ स्कूल्स को छोड़कर राज्य के अधिकांश स्कूल्स को फीस नहीं मिली है। भादू ने बताया कि उन्होंने इस बारे में शिक्षा निदेशालय से संपर्क किया लेकिन सही जवाब नहीं मिला। इसके बाद जयपुर में फाइनेंस डिपार्टमेंट से संपर्क किया। तब बताया गया कि भुगतान हो चुका है लेकिन स्कूल्स को अब तक नहीं मिला। इस विरोध की शुरुआत 26 अप्रैल को बीकानेर से होगी। इसी दिन बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व चूरू के प्राइवेट स्कूल संचालक एकत्र होंगे। ये सभी लोग जनता के बीच में रहेंगे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विरोध करेंगे। संगठन का उद्देश्य मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करना रहेगा।

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