राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बीकानेर में 200 से अधिक संगठन हुए शामिल, विरोध-प्रदर्शन कर रखी अपनी मांगे, देखें वीडियो

राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बीकानेर में 200 से अधिक संगठन हुए शामिल, विरोध-प्रदर्शन कर रखी अपनी मांगे, देखें वीडियो

खुलासा न्यूज बीकानेर।  केंद्र सरकार की जन एवं श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ, 17 सूत्री मांगों को लेकर दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों एवं सैकड़ों स्वतंत्र ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर देशभर के करोड़ों कामगार, कर्मचारी एवं अधिकारी 9 जुलाई  को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल मे हड़ताल में बीकानेर में 200 अधिक से संगठन शामिल हुए। जिसमें एआईबीईए बैंक, बीमा ,सामान्य बीमा, राज्य, केंद्र, बीएसएनएल, आयकर, पोस्ट ऑफिस, रेल, अखिल राज. राज्य, कर्मचारी संयुक्त महासंघ, जी.एस.आई, एल.आई.सी, किसान महासभा, जनवादी महिला समिति,कोयला,रक्षा, आशा, उषा, आंगनवाड़ी, मध्यान भोजन कर्मी, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, खेत, खदान ,खलियान, भवन निर्माण, सार्वजनिक उपक्रमों एवं अन्य संस्थानों में कामकाज ठप्प रहेगा। यह हड़ताल विश्व की सबसे बड़ी आम हड़तालों में से एक होगी। हड़ताली संगठनों कि मांग है कि:-

1 चारों श्रम संहिताओं/ लेबर कोड्स को खत्म करो

  1. असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, अनुबंध मजदूरों और योजना मजदूरों सहित सभी मजदूरों के लिए रु. 26,000/- प्रति माह का राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन हो।
  2. किसी भी रूप में काम का आकस्मिककरण जैसे कि आउटसोर्स, निश्चित अवधि का रोजगार, अप्रेंटिसशिप, प्रशिक्षु आदि विभिन्न योजनाओं और बहानों के तहत न किया जाए। ठेका कर्मचारियों के लिए समान कार्य के लिए समान वेतन तुरंत लागू किया जाए।
  3. असंगठित क्षेत्र के कामगारों और कृषि क्षेत्र के कामगारों सहित सभी श्रेणियों के कामगारों के लिए न्यूनतम पेंशन रु 9,000/- प्रतिमाह और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। घर से काम करने वाले कामगार, फेरीवाले, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामगार, निर्माण कामगार, प्रवासी कामगार, योजना कामगार, कृषि कामगार, दुकान/प्रतिष्ठानों में काम करने वाले, लोडिंग/अनलोडिंग कामगार, गिग कामगार, नमक-कड़ाही कामगार, बीड़ी कामगार, ताड़ी निकालने वाले, रिक्शा चालक, आँटो/रिक्शा/टैक्सी चालक, प्रवासी कामगार, मछली पकड़ने वाले समुदाय आदि जैसे कामगारों को पंजीकृत किया जाए और उन्हें पेंशन सहित व्यापक सामाजिक सुरक्षा में पोर्टेबिलिटी दी जाए।
  4. पुरानी पेंशन योजना बहाल करो। एनपीएस और यूपीएस खत्म करो।
  5. बोनस, भविष्य निधि के भुगतान और पात्रता पर सभी अधिकतम सीमाऐं हटाई जाऐं और ग्रेच्युटी की राशि बढ़ाई जाऐ।
  6. आवेदन प्रस्तुत करने की तिथि से 45 दिनों के अंदर ट्रेड यूनियनों का अनिवार्य पंजीकरण हो; अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के कन्वेंशन सी-87 और सी-98 का तत्काल अनुसमर्थन हो।
  7. मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण करें, खाद्यान्न, दवाइयां, कृषि-इनपुट और मशीनरी जैसी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी हटाएं ,पेट्रोलियम उत्पादों और रसोई गैस पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में पर्याप्त कमी करें। खाद्य सुरक्षा की गारंटी दें और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभाैमिक बनाएं।
  8. सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, सरकारी विभागों का निजीकरण बंद करो। राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को खत्म करो। खनिजों और धातुओं के खनन पर मौजूदा कानून में संशोधन करो और स्थानीय समुदायों, खासकर आदिवासियों और किसानों के उत्थान के लिए कोयला खदानों सहित खदानों से होने वाले मुनाफे में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी सुनिश्चित करो।
  9. सभी कृषि उपजों के लिए सी-2+50 प्रतिशत की दर से एमएसपी की गारंटी के साथ खरीद की जाए। कानूनी गारंटी के साथ बीज, उर्वरक और बिजली आदि पर किसानों को दी जाने वाली इनपुट सब्सिडी में वृद्धि की जाए। व्यापक ऋण माफी और फसल बीमा योजनाऐं हों। केन्द्र सरकार द्वारा एसकेएम को दिए गए लिखित आश्वासनों को लागू करें, जिसके आधार पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष स्थगित किया गया था।
  10. बिजली (संशोधन) विधेयक, 2022 वापस लो। बिजली का निजीकरण बंद करो। प्रीपेड स्मार्ट मीटर नहीं हो
  11. काम करने के अधिकार को मौलिक बनाया जाए। स्वीकृत पदों को भरें और बेरोजगारों के लिए रोजगार पैदा करें। मनरेगा (प्रति वर्ष 200 दिन और 600 रुपये प्रतिदिन मजदूरी के साथ) का विस्तार करें और उसे लागू करें। शहरी रोजगार गारंटी अधिनियम लागू करें
  12. सभी के लिए मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी और स्वच्छता के अधिकार की गारंटी दी जाए। नई शिक्षा नीति, 2020 को रद्द किया जाए। सभी के लिए आवास सुनिश्चित किया जाए।
  13. वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) का सख्ती से क्रियान्वयनय हो, वन (संरक्षण) अधिनियम, 2023 और जैव-विविधता अधिनियम तथा नियमों में संशोधन वापस लें, जो केन्द्र सरकार को निवासियों को सूचित किए बिना ही वनों की कटाई की अनुमति देता है। जोतने वाले को भूमि सुनिश्चित करें।
  14. कल्याण कोष से अंशदान के साथ निर्माण मजदूरों को ईएसआई कवरेज दें, ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत सभी मजदूरों को स्वास्थ्य योजनाओं, मातृत्व हितलाभ, जीवन और विकलांगता बीमा का कवरेज भी दें। घरेलू मजदूरों और गृह-आधारित मजदूरों पर आईएलओ कन्वेंशनों की पुष्टि करें और उचित कानून बनाऐं। प्रवासी मजदूरों पर व्यापक नीति बनाऐं, मौजूदा नीतियों को मजबूत करें अंतर-राज्यीय प्रवासी कर्मकार (रोजगार विनियमन) अधिनियम, 1979 उनके सामाजिक सुरक्षा कवर की पोर्टेबिलिटी प्रदान करें
  15. अति धनवानों पर कर लगायें; काॅरपोरेट कर में वृद्धि करें, सम्पत्ति कर और उत्तराधिकार कर को पुनः लागू करें।
  16. संविधान के मूल मूल्यों – अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, असहमति का अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता, विविध संस्कृतियों, भाषाओं, कानून के समक्ष समानता और देश के संघीय ढाँचे आदि पर हमले बंद करें।

उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी 1991 से लेकर 2024 तक करीब 34 वर्ष के दौरान ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन द्वारा नव उदारवादी आर्थिक नीतियों, मजदूर विरोधी श्रम नीतियों और प्रतिगामी बैंकिंग सुधारो आदि के खिलाफ 33 राष्ट्रव्यापी हड़तालें की जा चुकी हैं।

अतः ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन ने  केंद्रीय श्रमिक संगठनों की मांगों का समर्थन करते 9 जुलाई 2025 को अखिल भारतीय बैंक हड़ताल का आह्वान किया है। हड़ताल के दौरान संगठन द्वारा बैंक एवं वित्तीय संस्थानों के कामगारों की निम्न मांगों को सरकार के ध्यान में लाया जाएगा :-

  1. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों को मजबूत करो
  2. निजीकरण और विनिवेश पर रोक लगाओ
  3. बीमा क्षेत्र में 100% विदेशी निवेश पर रोक लगाओ
  4. सार्वजनिक सामान्य बीमा कंपनियों का एकीकरण करो
  5. पर्याप्त नई भर्तियों करो
  6. आउटसोर्सिंग व ठेका प्रथा पर रोक लगाओ
  7. एनपीएस हटाकर पुरानी पेंशन योजना लागू करो
  8. कारपोरेट से बकाया ऋण वसूली के लिए सख्त कार्यवाही करो
  9. आम ग्राहकों पर सेवा शुल्क में कमी करो
  10. जीवन व स्वास्थ्य बीमा पर GST समाप्त करो
  11. चार नई श्रम संहिताओं/लेबर कोड्स को वापस लो
  12. ट्रेड यूनियन अधिकारों में हस्तक्षेप बंद करो
  13. बैंक कर्मियों की लंबित मांगों का निराकरण शीघ्र करो,आदि

इस अखिल भारतीय आम हड़ताल में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन (AIBEA)के अलावा बैंकिंग एवं वित्तीय संस्थानों की निम्न ट्रेड यूनियन्स- ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA), बैंक एम्प्लाईज फेडरेशन ऑफ इंडिया (BEFI), ऑल इंडिया इंश्योरेंस एम्प्लाईज एसोसिएशन (AIIEA ), ऑल इंडिया एल आई सी एम्प्लाईज फेडरेशन (AILICEF)और जनरल इंश्योरेंस एम्प्लाईज ऑल इंडिया एसोसिएशन (GIEAIA)भी शामिल हैं।

   आज की हड़ताल में श्रमिक व जन विरोधी हड़ताल में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहकर सभा को सम्बोधित किया व नारेबाजी, प्रदर्शन किया, एआईबीईए से वाई.के.शर्मा, योगी,  रामदेव राठौड़, जगदीश वर्मा, जयशंकर खत्री, आनन्द ज्याणी, हरी प्रकाश चौधरी, अनिल मखेजा, छोटू लाल चावंरिया, एस.के. पारीक, के.के. डागा, बाबू लाल सोनी, राकेश बिनावरा, सुभाष दैया, अनुराग सैनी, बैंक एआईबीईए से एटक से रहमान कोरी, प्रसन्न कुमार, सी.पी.आई से अविनाश व्यास,  इंटक से अशोक पुरोहित, शिव नारायण पुरोहित, सीटू से मूलचंद खत्री, रोडवेज रिटायर्ड एसोसिएशन से गिरधारी शर्मा, जाहिर हुसैन, श्याम दीन, बीमा से शौकत अली,संजय रक्षक, राकेश कुमार जोशी, राम निवास तरड,  बीएसएनएल से दिनेश मीणा, रेल से  ब्रजेश ओझा, प्रमोद यादव, विजय श्रीमाली, किसान महा सभा जेठाराम लाखूसर, लक्ष्मी नारायण, हुकमाराम, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव से सवाई दान चारण, संजय माथुर लालगढ़ होटल से पर्वत सिंह, करणी सिंह, जूनागढ से जुगल सिंह, महेंद्र सिंह, डेयरी से पूर्णा राम सारण, रामनिवास, मोहता रसायन से द्बारका प्रसाद, प्रभात गजाणी अन्य साथियों ने विचार व्यक्त किए, बैठक में उपस्थित हुए ।

आज की हड़ताल आयोजन कर्मचारी मैदान में हुआ ‌। प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंप कर श्रमिक विरोधी नीतियों को वापस लेने व चार श्रम संहिताओं कोड वापस लेने, बैंकों पर्याप्त भर्तियां करने की मांग रखी, अतिरिक्त जिला कलेक्टर महोदय ने  संगठनों के बिन्दुओं सुना , ज्ञापन की सिफारिश करने के लिए आश्वस्त किया ।आज की हड़ताल में शामिल संगठनों के प्रतिनिधियों व सदस्यों का रामदेव राठौड़ उप संयोजक ने धन्यवाद ज्ञापित कर कहा कि आगे आने वाले आंदोलन में सक्रियता से भागेदारी सुनिश्चित करेंगे ।

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