डेंगू के 13 हजार से ज्यादा केस: डेंगू से 34 मौत,बीकानेर सहित 12 जिले डेंजर जोन में - Khulasa Online डेंगू के 13 हजार से ज्यादा केस: डेंगू से 34 मौत,बीकानेर सहित 12 जिले डेंजर जोन में - Khulasa Online

डेंगू के 13 हजार से ज्यादा केस: डेंगू से 34 मौत,बीकानेर सहित 12 जिले डेंजर जोन में

जयपुर। कोरोना के बाद अब डेंगू ने राजस्थान में कहर मचा दिया है। प्रदेश में पहली बार हुआ है जब डेंगू के 13 हजार 759 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। अब तक 34 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। इससे पहले 13,706 केस साल 2017 में आए थे, जो किसी भी साल में मिले डेंगू के मरीजों में सर्वाधिक थे। इस बार राजस्थान के सभी 33 जिले भी डेंगू की जद में आ चुके हैं। जयपुर, कोटा, जोधपुर समेत 12 ऐसे जिले हैं, जहां हालात बेकाबू हैं। इन जिलों में 400 या उससे ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और डेंजर जोन में है।
डेंजर जिलों की सूची में सबसे पहला नंबर राजधानी जयपुर का है। जयपुर में अब तक 2562 से ज्यादा केस आ चुके हैं। वहीं इस बीमारी से अब तक 5 लोगों की मौत हो गई है। जयपुर के बाद कोटा दूसरा ऐसा जिला है जहां सबसे ज्यादा 1300 मरीज मिले हैं। वहीं पूरे प्रदेश में अब तक डेंगू से 34 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
जयपुर, कोटा जिलों के अलावा बीकानेर, अलवर, धौलपुर, झालावाड़, करौली, उदयपुर, बाड़मेर, भरतपुर, चूरू और जोधपुर डेंजर जिलों की कैटेगरी में शामिल हैं। इन जिलों में 400 से एक हजार के करीब मरीज अब तक मिल चुके हैं। झालवाड़, धौलपुर, करौली, चूरू, बाड़मेर जैसे छोटे और कम आबादी वाले जिलों में भी डेंगू ने कहर मचा रखा है।
डेन-2 वैरिएंट का असर, लीवर और फेफड़े पर करता है इफेक्ट
इस बार राजस्थान में सबसे ज्यादा केस बढऩे का कारण डेंगू का डेन-2 वैरिएंट है। यह मरीज के लीवर और फेफड़े पर इफेक्ट करता है। एक्सपर्ट के अनुसार इस वैरिएंट का असर सबसे पहले पेट पर होता है। मरीज को पेट दर्द के साथ बुखार की शिकायत होती है।
शुरुआती बुखार में प्लेटलेट्स कम नहीं होते और इस वैरिएंट का असर भी नहीं दिखता। यह वैरिएंट गॉलब्लेडर, लीवर और फेफड़े पर इफेक्ट करता है। गॉलब्लेडर में सूजन, लीवर का साइज बढऩे, पेट या फेफड़ों में पानी भर जाता है।
डोर टू डोर सैंपलिंग शुरू
प्रदेश में बढ़ते केस को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने डोर टू डोर सर्वे शुरू करवा दिया है। टीम की ओर से जिन घरों में संदिग्ध लोग मिल रहे हैं, उनके मौके पर ही ब्लड सैंपल लेकर हाथों-हाथ लैब जांच के लिए भिजवाया जा रहा है। इसके अलावा जिन इलाकों में ज्यादा मरीज मिल रहे हैं, वहां नगर निगम और नगर पालिकाओं से विशेष फॉगिंग और लार्वा खत्म करने के लिए दवाइयों का छिड़काव करवाया जा रहा है।
जयपुर में कोटपूतली, परकोटा, मानसरोवर सबसे खतरनाक क्षेत्र
जयपुर सीएमएचओ की रिपोर्ट देखे तो जयपुर में 3400 से ज्यादा डेंगू के केस अब तक मिल चुके हैं। एरिया वाइज स्थिति देखे तो ग्रामीण इलाकों में कोटपूतली, विराटनगर और सांगानेर में 100 से ज्यादा मरीज मिले हैं। कोटपूतली एरिया सबसे खतरनाक है, जहां 707 से ज्यादा मरीज डेंगू के अब तक मिल चुके हैं। वहीं शहरी सीमा में मानसरोवर, मालवीय नगर, प्रताप नगर, जगतपुरा और परकोटा, मुरलीपुरा, राजापार्क और झोटवाड़ा एरिया भी डेंगू का कहर है।

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