
मानसून आ गया:केरल को किया तरबतर, मौसम विभाग का अनुमान- इस बार 101% बारिश होगी






मानसून ने गुरुवार को केरल में दस्तक दे दी है। इसके सभी मानक पूरे होने के बाद मौसम विभाग ने मानसून के केरल पहुंचने की घोषणा की है। इस बार मानसून 2 दिन लेट है। दक्षिण पश्चिम मानसून के केरल में पहुंचने की स्थितियां कुछ दिन पहले ही बनना शुरू हो गई थीं। मौसम विभाग (IMD) का अनुमान है कि इस बार बारिश सामान्य से बेहतर 101% होगी। इसके 4% कम या ज्यादा होने की गुंजाइश भी रहेगी।
केरल के बाद अब मानसून धीरे-धीरे दूसरे राज्यों में भी दस्तक देगा। महाराष्ट्र में 10 जून तो उत्तर प्रदेश में 22 जून तक मानसून के पहुंचने की उम्मीद है। इससे पहले मानसून ने अंडमान में 21 मई को दस्तक दी थी। 27 मई को आधे श्रीलंका और मालदीव को पार करने के बाद मजबूत हवाओं की कमी के चलते 7 दिन तक मानसून की उत्तरी सीमा कोमोरिन सागर में ही ठहर गई थी।
केरल में पिछले 4 दिन से प्री-मानसून बारिश जारी है। बुधवार को यहां सैटेलाइट इमेज में तटवर्ती इलाकों और उससे सटे दक्षिण पूर्व अरब सागर में बादल छाए नजर आए। मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का कहना है कि केरल में बारिश वितरण में बढ़ोतरी हुई है। दक्षिण सागर के निचले स्तरों में पछुआ हवाएं चल रही हैं।
UP: 7 जिलों में बारिश, धूल भरी हवाएं चलीं
उत्तर प्रदेश में गुरुवार को लखनऊ सहित 7 जिलों में बारिश हुई। इसके साथ ही यहां धूल भरी हवाएं भी चलीं। मौसम विभाग ने लखनऊ, बाराबंकी,अमेठी, सीतापुर रायबरेली, प्रतापगढ़, फतेहपुर, कानपुर नगर और देहात जिले में अचानक मौसम बदलने के साथ बरसात होने की संभावना जताई है। इनमें से कुछ जिलों में 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
प्रमुख राज्यों में कब-कब पहुंचेगा मानसून
केरल: 3 जून
महाराष्ट्र: 10 जून
तेलंगाना: 11 जून
पश्चिम बंगाल: 12 जून
ओडिशा: 13 जून
झारखंड: 14 जून
बिहार और छत्तीसगढ़: 16 जून
गुजरात: 20 जून
उत्तराखंड और मध्य प्रदेश : 20 जून
उत्तर प्रदेश: 22 जून
हिमाचल प्रदेश: 24 जून
दिल्ली और हरियाणा: 27 जून
पंजाब: 28 जून
राजस्थान: 30 जून
मानसून की घोषणा के ये 3 मानक हैं
1. केरल, लक्षद्वीप और कर्नाटक के 14 मौसम केंद्रों में से 60% केंद्रों पर 10 मई के बाद लगातार दो दिनों तक 2.5 मिमी से अधिक बारिश होनी चाहिए।
2. जमीनी सतह से 4.5 किमी ऊंचाई तक पश्चिमी हवाएं चलने लगने लगे, सतह के करीब इसकी गति 30 से 35 किमी/घंटा तक हो।
3. बादलों की मोटाई इतनी अधिक हो कि जमीन से आसमान की ओर लौटने वाला रेडिएशन 200 वॉट/वर्गमीटर से कम हो जाए।
IMD ने मंगलवार को पहली बार देश के मूल मानसून क्षेत्र (बारिश आधारित कोर रीजन) में मानसून के दौरान होने वाली बारिश का अनुमान भी जारी किया था। इस बार इस क्षेत्र में 106% बारिश होगी। मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि स्टैस्टिकल एन्सेंबल्ड फॉरकास्टिंग सिस्टम में मानसून के चार महीनों के दौरान औसत के 96 से 104% बारिश यानी सामान्य मानसून होने की 40% संभावना पाई गई। सामान्य से अधिक की 22% और सामान्य से कम होने की 18% संभावना है।
इसी मॉडल के आधार पर उत्तर पश्चिम भारत (कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश) में मानसून के सामान्य (92-108 फीसदी), मध्य भारत (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र, गोवा, ओडिशा, गुजरात) में सामान्य से अधिक (106%), दक्षिणी पठार (केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, पुड्डूचेरी) में सामान्य (93 से 107%) बारिश होगी।
MP, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात में 106% बारिश का अनुमान
IMD के मुताबिक पूर्वोत्तर (पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारंखड, प. बंगाल, असम, मेघालय, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम) और मानसून कोर जोन (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तरी कर्नाटक, झारखंड) में 106% बारिश होने की संभावना बन रही है।


