क्या इमरान-नवाज की दुश्मनी में दिवालिया होगा पाकिस्तान:45 दिन के खर्च का पैसा बचा; कमजोर सरकार कैसे 2 महीने में चुकाएगी​​​​​​​ 8000 करोड़ कर्ज - Khulasa Online क्या इमरान-नवाज की दुश्मनी में दिवालिया होगा पाकिस्तान:45 दिन के खर्च का पैसा बचा; कमजोर सरकार कैसे 2 महीने में चुकाएगी​​​​​​​ 8000 करोड़ कर्ज - Khulasa Online

क्या इमरान-नवाज की दुश्मनी में दिवालिया होगा पाकिस्तान:45 दिन के खर्च का पैसा बचा; कमजोर सरकार कैसे 2 महीने में चुकाएगी​​​​​​​ 8000 करोड़ कर्ज

पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव हुए। नियम के मुताबिक रात 2 बजे तक नतीजे आ जाने चाहिए थे। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। कई घंटों तक चुनाव परिणाम जारी करने पर पाबंदी लगा दी गई। कई जगह नकाबपोश बैलेट बॉक्स लेकर भाग गए, तो कहीं मतदान केंद्रों पर ब्लास्ट और गोलीबारी हुई।

इन सब के बीच जब चुनाव का रिजल्ट आया तो उसमें न तो नवाज और न ही इमरान को बहुमत मिला। नतीजा ये हुआ कि 9 तारीख को पाकिस्तान के शेयर मार्केट में 2 हजार अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई। इसे पाकिस्तान में सियासत की वजह से वहां की अर्थव्यवस्था पर आने वाले संकट का संकेत माना जा रहा है।

क्या नवाज और इमरान की राजनीतिक दुश्मनी में तबाह हो जाएगी पाकिस्तान की इकोनॉमी और इस सियासी उठापटक का पाकिस्तान की अवाम पर क्या असर पड़ेगा? आइए जानते हैं-

पाकिस्तान के पास बचा सिर्फ 45 दिन के खर्च का पैसा
पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री हाफिज अहमद पाशा ने चुनाव परिणाम आने से एक दिन पहले देश की अर्थव्यवस्था पर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान के सरकारी खजाने में सिर्फ 45 दिनों का पैसा बचा है।

देश का विदेशी मुद्रा भंडार इस समय 8 बिलियन डॉलर है, जो करीब डेढ़ महीने तक के सामानों के आयात जितना है। देश के पास कम से कम 3 महीने के सामान के आयात जितना पैसा होना चाहिए।

2024 में पाकिस्तान की GDP महज 2.1% की दर से बढ़ने की संभावना है। विकास की ये दर कमजोर सरकार आने पर और नीचे जा सकती है। फिलहाल एक डॉलर की कीमत 276 पाकिस्तानी रुपए के बराबर है।

2022 में इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। पाकिस्तान में राजनीतिक उठापटक की स्थिति थी। इसके चलते महज 4 महीनों में डॉलर की तुलना में पाकिस्तानी करेंसी में 30 रुपए की भारी गिरावट हुई। 1 डॉलर के मुकाबले जनवरी 2022 में पाकिस्तानी रुपए की वैल्यू 174 थी जो मई तक बढ़कर 204 हो गई। इससे साफ है कि अब अगर फिर से पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता आई तो इसका असर वहां की करेंसी पर होगा।

IMF से कर्ज नहीं मिला तो डिफॉल्टर हो जाएगा पाकिस्तान
पाकिस्तान आर्थिक संकट में है। घटते विदेशी मुद्रा भंडार के बीच पाकिस्तान को अगले 2 महीने में 1 बिलियन डॉलर यानी 8.30 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चुकाना है। एक तरफ उस पर कर्ज तोड़ने का दबाव है तो वहीं दूसरी ओर 12 अप्रैल 2024 को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF से उसे 3 बिलियन डॉलर कर्ज मिलने की समय सीमा भी खत्म हो रही है।

पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के पूर्व सलाहकार साजिद अमीन ने कहा कि अगर कोई भी पार्टी साधारण बहुमत के साथ सरकार में नहीं आती है तो पाकिस्तान में राजनीतिक और आर्थिक हालात गंभीर हो जाएंगे।

जिस तरह के राजनीतिक हालात पाकिस्तान में बने हैं, इसमें सबसे बड़ी समस्या चुनाव की विश्वसनीयता और सरकार की वैधता पर उठने वाले सवाल हैं। कमजोर या सवालों से घिरी सरकार कभी कोई बड़ा आर्थिक बदलाव नहीं ला सकती है।

नई सरकार बनते ही पाकिस्तान को विदेश से पैसा लेने की जरूरत होगी, जबकि मुल्क पहले से ही 100 अरब डॉलर से ज्यादा कर्ज के तले दबा हुआ है। नई सरकार के पास सिर्फ एक रास्ता बचेगा कि वह IMF से 3 बिलियन डॉलर का कर्ज ले। अगर ऐसा नहीं हुआ तो मुल्क दिवालिया घोषित हो सकता है।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक इमरान खान और नवाज की राजनीतिक लड़ाई की वजह से पाकिस्तान में जो हालात बने हैं, उससे पाकिस्तान को IMF से कर्ज मिलने की आखिरी उम्मीद भी अब टूटती हुई नजर आ रही है।

अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने पाकिस्तान चुनाव में कथित धांधली पर चिंता जाहिर की है। अमेरिका की इजाजत के बगैर पाकिस्तान को IMF से फंड मिलना मुश्किल है। ऐसे में जब तक पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिरता नहीं आती, तब तक अमेरिका के लिए वहां किसी भी तरह की फंडिंग के लिए हामी भरना मुश्किल होगा।

पाकिस्तान से दुबई शिफ्ट हो रहे बड़े व्यापारी
डॉन न्यूज के मुताबिक, पिछले 20 महीने के अंदर पाकिस्तान के कई बड़े व्यापारियों ने दुबई के रियल एस्टेट में निवेश किया है। इसके साथ ही वो दुबई में ट्रेड और बिजनेस हाउस भी खोल रहे हैं। कई बड़े व्यापारियों ने अपने बिजनेस को पूरी तरह से दुबई में ही शिफ्ट कर लिया है। इसकी बड़ी वजह पाकिस्तान में राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता है।

खराब नियम-कानूनों की वजह से इन व्यापारी समुदायों को कराची में जबरन वसूली का भी सामना करना पड़ता था। इससे उनके इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट के बिजनेस पर सीधा असर पड़ रहा था।

2022 की EU टैक्स ऑब्जर्वेटरी की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानियों ने दुबई रियल एस्टेट में करीब 10.6 अरब डॉलर (88 हजार करोड़) का निवेश किया। इस दौरान वे खाड़ी देशों में तीसरे सबसे बड़े निवेशक रहे थे। दुबई में रियल एस्टेट के करीब 20 हजार मालिक पाकिस्तानी हैं।

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