मोडिफाई बसें दे रही हादसों को न्यौता, धड़ल्ले से दौड़ती बसों पर कार्रवाई आखिर कब

मोडिफाई बसें दे रही हादसों को न्यौता, धड़ल्ले से दौड़ती बसों पर कार्रवाई आखिर कब

मोडिफाई बसें दे रही हादसों को न्यौता, धड़ल्ले से दौड़ती बसों पर कार्रवाई आखिर कब
बीकानेर। राजस्थान के जैसलमेर में मंगलवार दोपहर 3.30 बजे जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर एसी स्लीपर बस में आग लग गई थी। हादसे में 20 यात्रियों की जिंदा जलने से मौत हो गई। हादसा इतना भीषण था कि शव बस की बॉडी पर चिपक गए। कुछ लोग जलकर कोयले जैसे हो गए। सवाल यह उठता है कि आखिर धड़ल्ले से दौड़ रही इन मॉडिफाई बसों पर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है। एक समय था जब बसों में एंट्री और एग्जिट दो अलग-अलग गेट हुआ करते थे लेकिन इन हाइटेक बसों में एक ही गेट है। ऑटोमेटिक लॉक जैसे सिस्टम होने की वजह से हादसों के दौरान गेट से बाहर ही नहीं निकला जा सकता है। ऐसी बसें बीकानेर सहित प्रदेश के अन्य जिलों में धड़ल्ले से दौड़ रही है। इतना ही नहीं इनकी स्पीड भी निर्धारित होने के बाद भी यह तेज रफ्तार में दौड़ती हुई नजर आती है। बसों में इमरजेंसी में गेट तो है लेकिन वह कैसे खुलता है इसकी कोई जानकारी ही नहीं दी जाती है। ऐसे में अब सरकार को इन प्राइवेट बसों के लिए खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करने की आवश्यकता है।
निजी बसों में अवैध नशा व ज्वलनशील पदार्थों को ले जाया जाता हे
प्राय: देखा जाता है कि बीकानेर से जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर व अन्य राज्यों में जाने वाली निजी बसों में अवैध रुप से नशे की खेप व गैस सिलेण्डर व अन्य ज्वलनशील चीज लेकर जाते है जिससे कई बार हादसे हो चुके है लेकिन आरटीओं अधिकारियों की उदासीनता के चलते सवारी बसों की चैकिंग नही की जा रही है। इन बसों में अवैध तरीके से कई सामान इधर से उधर रोजाना हो रहा है।
जब गूगल में सर्च किया तो ये आए नियम
राजस्थान में, प्राइवेट बसों की गति सीमा हाईवे पर अधिकतम 80 किमी/घंटा है और इसके लिए बसों में स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य है। सुरक्षा नियमों के अनुसार, बस का गेट भी सवारी के चढऩे और उतरने के दौरान ही खोला जाना चाहिए और इसे बंद रखने के बाद ही बस को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। ओवरस्पीड या असुरक्षित ड्राइविंग पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है।
गति सीमा
अधिकतम गति:हाईवे पर बसों की अधिकतम गति 80 किमी/घंटा तय की गई है।
स्पीड गवर्नर: सभी प्राइवेट बसों में स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य है और इसका पालन कराया जाएगा।
नियम का उल्लंघन: सुरक्षा की अनदेखी करने वाली और समय से पहले पहुंचने वाली बसों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गेट के नियम
सुरक्षित संचालन: बस के गेट को केवल यात्रियों के चढऩे और उतरने के दौरान ही खोला जाना चाहिए।
बस चलने से पहले: बस को आगे बढ़ाने से पहले गेट को सुरक्षित रूप से बंद करना होगा।

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