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राजस्थान के मनरेगा कामगारों की बल्ले-बल्ले, नए साल में ज्यादा मिलेगा मेहनताना

जयपुर। नए साल में आगमन से पहले एक बार फिर गहलोत सरकार ने अपना पिटारा खोल दिया है। राजस्थान सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना के तहत राज्य में कार्यरत संविदा कार्मिकों के मानदेय में 5 प्रतिशत बढ़ोतरी कर दी है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मनरेगा योजना के तहत राज्य में कार्यरत संविदा कार्मिकों के मानदेय में 5 प्रतिशत की वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह वृद्धि 1 नवम्बर, 2022 से की गई है। इससे राज्य सरकार पर 4.10 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। गहलोत सरकार के निर्णय से योजना के तहत राज्य में विभिन्न पदों पर कार्यरत संविदा कर्मियों की आय बढ़ेगी। उनका जीवन स्तर और अधिक बेहतर होगा।
पिछले साल बढ़ा दिए थे मनरेगा के कार्यदिवस
उल्लेखनीय है कि गहलोत ने वर्ष 2022-23 के बजट में प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत मानदेय कर्मचारियों (जिनके मानदेय में प्रतिवर्ष वृद्धि का प्रावधान नहीं है) के मानदेय में वृद्धि के संबंध में घोषणा की थी। वहीं बीते साल सीएम गहलोत ने बजट में मनरेगा मजदूरों के कार्यदिवस को 100 से बढ़ाकर 125 दिन करने की घोषणा की थी।
जानें पहले कितनी थी मजदूरी , कितना होगा फायदा
राजस्थान सरकार की ओर से मनरेगा मजदूरों के लिए की जाने वाली इस घोषणा के बाद लगभग लाखों लोगों को फायदा होगा। राजस्थान में अभी मनरेगा में काम करने वाले कामगारों को 220 रुपए की मजदूरी मिलती थी। अब 5 प्रतिशत के इजाफे के बाद यह मेहनताना 231 हो जाएगा। यानी एक दिन में 11 रुपए तक का इजाफा मनरेगा मजदूरों को होगा।

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