
विधायक जी आखिर बीकानेर की यातायात व्यवस्था कैसे सुधारेगी, सैकड़ों लोग दिन में दो से तीन घंटे जाम से रुबरु होते है





विधायक जी आखिर बीकानेर की यातायात व्यवस्था कैसे सुधारेगी, सैकड़ों लोग दिन में दो से तीन घंटे जाम से रुबरु होते है
बीकानेर। बीकानेर शहर के लिए यातायात व्यवस्था अब नासूर बन गई है पूरे शहर में दिनभर सैकड़ों बार जाम लगता है आमजन को घंटों एक ही जगह खड़े होकर आगे जाने पड़ता है। लेकिन यह का प्रशासन व विधायकों को इससे कोई सरोकार नहीं है। यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। गर्मी व बरसात में आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्योंकि बरसात में जगह जगह पानी जाम होने से वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। सबसे बड़ी समस्या सामने आ रही है वो है
एक तरफा यातायात व्यवस्था का कड़ाई से पालन नहीं होना है। हालात इस कदर बिगड़ चुके है कि जाम में लोग आगे निकलने के लिए एक दूसरे झगड़ा तक कर लेते है। हाल ही में यातायात विभाग ने सांखला फाटक से पहले यातायात पुलिस का मानव होर्डिंग लगाकर भी लोगों को नियमों की पालना करने के लिए कहा है। लेकिन लोग सभी नियमों को ताक में रख रहे है। अब आमने सामने से लोगों की आवाजाही के चलते अनेक बार जाम लग रहे हैं। अगर यातायात पुलिस एक तरफा रास्ते पर भी ध्यान दे ले तो व्यवस्था में सुधार हो सकता है लेकिन मजे की बात तो यह है कि यातायात कर्मी मौके पर खड़े है उनके सामने ही एक तरफा रास्ते के नियम तोड़े जा रहे है। तभी आमने सामने वाहन आ जाने से जाम लग जाता है। एक तरफा यातायात नियमों की पालना नहीं करने वालों का भी चालान काटा जाए। जिससे वाहन चालक डर से गलत दिशा में जायेगा ही नहीं।
हमारी जिम्मेदारी नहीं है
कई बार जब एक तरफा रास्ते के नियम को तोडऩे पर पुलिस को शिकायत करते है तो उनक तपाक उत्तर होता है हमारी जिम्मेदारी नहीं है हम दो और वाहन हजारों है हम किस किस को रोके हमारे पास यातायातकर्मी नही है।
सडक़ के बीचों बीच खड़े पिचके व फ्रुट के ठेलों तक नहीं हटाते है
कई बार देखा है कि सांखला फाटक बंद होने पर दोनों तरफ पिचके व फ्रुट वाले अपने गाड़े लाकर खड़ा कर देते है जिससे जाम के साथ साथ जगह ओर कम हो जाती है क्योकि ठेलो पर पिचके खाने ग्राहक अपने वाहन सहित खड़े हो जाते है जिससे जाम लग जाता है।


