शहर में भजनलाल सरकार के एक साल पूरे होने पर लगाये गये ब्लड कैंप में एमएलए नाराज, कार्यक्रम बीच छोड़ा, सीएमएचओ ने जोड़ों हाथ

शहर में भजनलाल सरकार के एक साल पूरे होने पर लगाये गये ब्लड कैंप में एमएलए नाराज, कार्यक्रम बीच छोड़ा, सीएमएचओ ने जोड़ों हाथ

शहर में भजनलाल सरकार के एक साल पूरे होने पर लगाये गये ब्लड कैंप में एमएलए नाराज, कार्यक्रम बीच छोड़ा, सीएमएचओ ने जोड़ों हाथ
बाड़मेर। भजनलाल सरकार के एक साल पूरे होने पर बाड़मेर में आयोजित ब्लड डोनेशन कैंप में विधायक नाराज हो गईं। बाड़मेर जिला अस्पताल ने हाथ जोड़े, लेकिन विधायक नहीं मानीं और कार्यक्रम छोडक़र चली गईं।
दरअसल, सरकार के एक साल और सीएम के बर्थडे पर जिला हॉस्पिटल बाड़मेर के ब्लड यूनिट सभागार में रविवार सुबह ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया गया था। सुबह 11 बजे निर्दलीय विधायक डॉ. प्रियंका चौधरी कार्यक्रम में पहुंचीं।
आयोजकों ने सबसे पहले बीजेपी जिलाध्यक्ष दिलीप पालीवाल का साफा पहनाकर स्वागत किया। इसके बाद पूर्व जिलाध्यक्ष स्वरूप सिंह राठौड़ का स्वागत किया। ऐसे में प्रोटोकॉल को लेकर विधायक नाराज हो गईं। वे अपनी जगह से उठीं और मंच संचालक को रोका।
वहां बैठे ष्टरू॥ह्र संजीव मित्तल और क्करूह्र बीएल मंसूरिया को खरी-खोटी सुनाई। इसके बाद सीएम भजनलाल शर्मा के जन्मदिन की बधाई दी और कार्यक्रम छोड़ रवाना हो गईं। विधायक का स्वागत करने के लिए क्करूह्र बीएल मंसूरिया हाथ में साफा लेकर खड़े रह गए।
कार्यक्रम में बीएल मंसूरिया साफा पहनाने आगे बढ़े, लेकिन विधायक ने स्वागत कराने से इनकार कर दिया।
कार्यक्रम में क्करूह्र बीएल मंसूरिया साफा पहनाने आगे बढ़े, लेकिन विधायक ने स्वागत कराने से इनकार कर दिया।
विधायक बोलीं- मुझे बुलाते ही नहीं
इस दौरान विधायक ने कहा- आप इतनी बड़ी गलती कैसे कर सकते हैं? या तो मुझे बुलाते नहीं। अगर बुलाकर प्रोटोकॉल फॉलो नहीं करते तो यह गलत है। चाहे किसी के साथ हो। अगर कोई इश्यू है तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है। सीएम साहब का जन्मदिन है, मन में भावना है। इन दिखावों से कुछ नहीं होता।
प्रोटोकॉल फॉलो नहीं किए जाने से नाराज विधायक ने गुलदस्ता हाथ में लिया। फिर लौटाकर कार्यक्रम छोड़ बाहर निकल गईं।
प्रोटोकॉल फॉलो नहीं किए जाने से नाराज विधायक ने गुलदस्ता हाथ में लिया। फिर लौटाकर कार्यक्रम छोड़ बाहर निकल गईं।
इसके बाद विधायक कार्यक्रम छोडक़र चल दीं। संजीव मित्तल हाथ जोडक़र मान-मनौवल करने पीछे दौड़े। ष्टरू॥ह्र संजीव मित्तल ने हाथ जोडक़र कहा- हमें पता नहीं था मैडम।
विधायक ने उन्हें भी लताड़ लगाई। कहा- आपका इन्टेंशन दिख रहा है। यह गलत बात है। मुख्यमंत्री के जन्मदिन और सरकार के एक साल का प्रोग्राम है। हम सरकार के साथ हैं और मुख्यमंत्री का आशीर्वाद हमारे साथ है। इतनी बड़ी मिस्टेक कैसे हो सकती है? कोई इश्यू नहीं है। आपको लगता है कि मुझे नहीं आना चाहिए तो मुझे बुलाते ही नहीं। मुझे निमंत्रण मत दीजिए। बुलाकर इतना भी ध्यान नहीं रखते हैं तो यह गलत है।
विधायक ने कहा- मुझे जनता ने विधायक बनाया है। अगर आप नहीं मानते हैं तो आपकी इच्छा। यह आपके निजी इश्यू हैं। मेरी प्रॉब्लम नहीं है। अगर आपको संगठन का प्रोटोकॉल फॉलो करना है तो कीजिए। हमें जनता ने एमएलए बनाया है। यह मैसेज ठीक नहीं है।
इस बीच राजेंद्र सिंह चांदावत ने विधायक की बात का समर्थन किया। बोले- इनकी गलती है। प्रोटोकॉल के तहत सबसे पहले विधायक का सम्मान होना चाहिए था।
संजीव मित्तल ने इस पर कहा- माफी चाहेंगे।
के हाथ जोडक़र माफी मांगने के बाद भी विधायक प्रियंका चौधरी वहां नहीं ठहरीं और कार्यक्रम छोडक़र सुबह 11.45 बजे रवाना हो गईं।
कहा- साफा पहनाने से कोई बड़ा या छोटा नहीं होता
इस मामले को लेकर विधायक डॉ. प्रियंका चौधरी से बात की तो उन्होंने कहा- साफा पहनाने से कोई बड़ा या छोटा नहीं हो जाता। बात यह है कि जनता को ये लोग क्या संदेश देना चाहते हैं। हम भाजपा सरकार का समर्थन कर रहे हैं। मेरा बाड़मेर में किसी से व्यक्तिगत विरोध नहीं है।
सरकार के एक साल पर मुझे कार्यक्रम में बुलाया गया था। जनता का चुना हुआ प्रतिनिधि किसी कार्यक्रम में बुलाया जाता है तो सम्मान की आशा रखता ही है। मुझे दिक्कत नहीं है कि वे विधायक का प्रोटोकॉल फॉलो करते हैं, या फिर संगठन का।
जिलाध्यक्ष, महामंत्री, मोर्चा अध्यक्षों को सम्मान करने के बाद मेरा सम्मान करते तो भी ठीक था। कोई एक प्रोटोकॉल तो फॉलो करें। मनमर्जी से सब कुछ कर रहे हैं, यह गलत है। ऐसा नहीं होना चाहिए।
भाजपा में 15 साल सक्रिय रहीं प्रियंका चौधरी
प्रियंका चौधरी बाड़मेर विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीतीं। उन्होंने नजदीकी प्रत्याशी को 13 हजार मतों से अधिक अंतर से हराया था। 51 साल की डॉ. प्रियंका चौधरी बीडीएस शिक्षित हैं। वे 15 साल बीजेपी में सक्रिय कार्यकर्ता रहीं। 2016 से 2018 तक यूआईटी अध्यक्ष रहीं। 2013 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन हार गई थीं। 2023 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उन्होंने कांग्रेस के मेवाराम जैन को हराया था।

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