बीकानेर में बजट को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया, एक नजर में जानिए किसने क्या कहा. - Khulasa Online बीकानेर में बजट को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया, एक नजर में जानिए किसने क्या कहा. - Khulasa Online

बीकानेर में बजट को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया, एक नजर में जानिए किसने क्या कहा.

बजट प्रतिक्रियाएं:व्यापार के लिये निर्मल,मध्यम वर्ग के लिये सीताराम वाला बजट

खुलासा न्यूृज,बीकानेर। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किये गये बजट पर मिलीजुली प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है। किसी ने व्यापार के लिये निर्मल और किसी ने मध्यम वर्ग के लिये सीताराम वाला बजट बताया है। उर्जा मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने इसे कमरतोडऩे वाला बजट बताया है। उन्होंने कहा कि करोड़ों युवा रोजगार से वंचित है,उनके लिये कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गये है।
किसानों के लिये केवल बाते है, धरातल पर कुछ नहीं है। किसान सम्मान योजना का बजट कम कर दिया गया है किसानों की आयु दुगनी करने वाली सरकार ने किसानों की स्थिति के सुधार में कोई प्रयास नहीं किये है। वहीं उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने वित्तीय बजट की आलोचना करते हुए इसे पूर्णतया नकारात्मक एवं असफल बजट बताया है।मंत्री भाटी ने कहा पिछले एक वर्ष में कोरोना महामारी ने मध्यम एवं निम्न वर्ग की कमर तोड़ कर रख दी थी, रोजगार एवं उद्योग धंधे तहस,नहस हो गये, श्रमिक वर्ग की हालत बदतर है,किसान सड़कों पर बैठा है सरहद पर बैठा सैनिक निराश है, युवा वर्ग हताश है, पेट्रोल, डीजल, गैस एवं घरेलू सामग्री की बढ़ती कीमतों एवं महंगाई ने घर का बजट बिगड़ रहा है, किन्तु इस बजट में किसी वर्ग के लिये कोई राहत की उम्मीद दिखाई नहीं देती।

शहर कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल गहलोत ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा आज पेश किए गए बजट में सिर्फ जनता की आंखों में धूल झोखने वाला बजट बताया।

नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने मोदी सरकार ने इस बजट में सभी पहलुओं को छूते हुए सभी सेक्टरों के मजबूती के साथ विकास पर विशेष ध्यान दिया है। इस बजट के प्रावधान में लोककल्याण की भावना साफ तौर पर दिखती है, जिसमें भारत के बुनियादी विकास की सभी योजनाओं को विशेष तौर पर समाहित किया गया है, जिनके लिए मोदी सरकार लगातार कार्य कर रही है।

नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा जारी आम बजट देश में विकास के नए आयाम रचेगा। कोरोना संकट के इस दौर में आत्मनिर्भर भारत पर जोर देते हुए राहत देने वाली अनेक घोषणाएं की हैं। खासतौर पर कोरोना वैक्सीन के लिए 35000 करोड़ का ऐलान करने का तात्पर्य यह है कि कोरोना के खिलाफ जंग में सरकार कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती है। सरकार ने कोरोना वैक्सीन के लिए न सिर्फ भारी भरकम पैकेज का ऐलान किया, बल्कि कहा है कि जल्द ही दो और वैक्सीन देश में उपलब्ध होंगी। बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 49 से बढ़कर 74 फीसदी करने का प्रस्ताव भी निवेश के लिए लाभदायी है।

वरिष्ठ भाजपा नेता तोलाराम जाखड़ ने कहा कि युवाओं के सपने पूरे करने की दिशा में यह बजट रोजगार सृजन में सहायक सिद्ध होगा ।  कोरोना वैक्सीन पर 35,000 करोड़ रुपए देने का स्वागत किया है । सबके लिए आवास हेतु सब्सिडी स्किम को बढ़ाने, कृषि पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए बजट में बढ़ोतरी , एमएसएमई के लिए 15.7हजार करोड़ की राशि, उच्च शिक्षा के लिए आयोग , जलजीवन मिशन तथा आयुष्मान का दायरा बढ़ाने की घोषणाएं स्वागत योग्य है ।

बीकानेर महापौर सुशीला राजपुरोहित ने कहा कि  देश का आम बजट लोकतंत्र के पवित्र मूल्यों को समर्पित बजट है। यह आत्मनिर्भर भारत की अपेक्षाओं पर खरा उतरने वाला बजट है। देश के विकास की नई परिभाषा लिखने वाले इस बजट में किसानों, युवाओं, महिलाओं, व्यापारियों,आदिवासियों सहित सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है।  इससे आम लोगों के जीवन के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक और व्यापक बदलाव आएगा।

 

शहर भाजपा जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना उपरांत चुनौतियों को गंभीरता से लेते हुए, देश के आम आदमी,अन्नदाता किसान,युवा, लघु उद्योग,श्रमिक, वरिष्ठ नागरिक आदि का ध्यान करते हुए राहत दी है।

क्या बोले एक्सपर्ट पीयूष शिंगारी 

20 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि बाजार ने बजट का इस तरह से उछाल मारकर स्वागत किया है। जहां सेंसेक्स ने 2314 पॉइंट्स और निफ्टी ने 646 पॉइंट्स की रिकॉर्ड ऊंचाई हासिल की। बजट की हाईलाइट्स को अगर देखें तो हमें ये विकासोन्मुखी प्रतीत होता है। कृषि के लिए 1.72 लाख करोड़ का प्रस्ताव हो या इंश्योरेंस में एफडीआई की हिस्सेदारी बढ़ाना, हेल्थकेयर से लेकर सरकारी बैंकों के विनिवेश की घोषणाएं सभी रोजगार में बढ़ोतरी, जीडीपी में सुधार और बाजार में तरलता की ओर सकारात्मक संकेत देती हैं। वरिष्ठ नागरिकों और गोल्ड इम्पोर्ट ड्यूटी से जुड़ी घोषणाओं का भी बाजार ने स्वागत किया है। एक्सपर्ट पीयूष शिंगारी , फाउंडर एंड बिजनेस हेड, पीएस इंवेस्टमेंट्स     

बजट भारत के मौजूदा बिजनेस को और अधिक ठोस आधार देगा : सीए ओझा

अच्छी तरह से बैलेंस्ड और रियलिस्टिक बजट है।लंबी अवधि की परियोजनाओं की फंडिंग के लिए एक डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन (डीएफआई) की शुरुआत इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा फोकस को पूरा करेगी | इस बार के बजट में कुल 37 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है | ये बजट भारत के मौजूदा बिजनेस को और अधिक ठोस आधार देगा। सीए श्रीकांत ओझा

आयकर में छूट नहीं मिलना दुखद : निदेशक बंसल
केन्द्रीय सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में आयकर में छूट नहीं मिलना एक दुखद बात है। नए उद्दोग करने वालों के लिए यह बजट सराहनीय है।
– सुशील बंसल, निदेशक बंसल गु्रप

संतुलित और विकोसोन्मुखी बजट : निदेशक अरोड़ा 

सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखने वाला शानदार, संतुलित और विकोसोन्मुखी बजट बताया है।  केन्द्रीय बजट में स्वास्थ्य, कृषि और आधारभूत विकास के लिए उच्च बजट का प्रावधान नए भारत की संकल्पना को साकार करने वाला महत्वपूर्ण प्रावधान है। राजीव अरोड़ा , निदेशक सुहाग सूट एंड साड़ी 

बजट देश में विकास के नए आयाम रचेगा : डायरेक्टर शर्मा

मोदी सरकार द्वारा जारी आम बजट देश में विकास के नए आयाम रचेगा। बजट की हाईलाइट्स को अगर देखें तो हमें ये विकासोन्मुखी प्रतीत होता है।  मनोज शर्मा, डायरेक्टर ग्राउंड क्राफ्ट इंफ़्रा pvt ltd

क्या बोले व्यवसायी
बीकानेर जिला उद्योग संघ, बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल एवं होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारकाप्रसाद पचीसिया, जुगराज दफ्तरी, वीरेंद्र किराडू, मो. सलीम सोढा, डॉ. प्रकाश ओझा, इकबाल समेजा, शिवरतन पुरोहित, निर्मल पारख, दिलीप रंगा, राजाराम सारडा, अजय मिश्रा, महावीर दफ्तरी, अजय मिश्रा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कुछ बिन्दुओं पर निराशाजनक व कुछ में सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कि इनकम टेक्स स्लेब में कोई बदलाव नहीं करना, पेट्रोल पर 2.5 रूपये कृषि सेस और डीजल पर 4 रूपये कृषि सेस लगाना,कमर्शियल गेस सिलेंडर की कीमत में बढ़ोतरी, बिना ईएसआई डिस्पेंसरीयां खोले सभी मजदूरों को ईएसआई के दायरे में लाना विनिवेश और रणनीतिक विक्रय का प्रस्ताव जैसे प्रस्ताव निराशाजनक है। जबकि 75 से अधिक आयु के बुजुर्गों को टेक्स छूट देना, स्टार्ट अप पर 31 मार्च 2022 तक कोई टेक्स नहीं लगाना, सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को सहारा देने के लिए 15700 करोड़ रूपये की व्यवस्था करना स्वागत योग्य है।

चिंतकों की नजर में निराशा के भाव ज्यादा
उधर शहर के शिक्षाविद व अर्थशास्त्री इसे चिंताजनक बजट मानते है। आर्थिक चिंतक और विश्लेषक प्रोफेसर डॉ. अजय जोशी ने कहा कि इस बजट में आम आदमी के लिए हर दृष्टि से निराशाजनक है।इसमें आय और रोजगार बढ़ाने के लिए कुछ भी नहीं है।एक तरफ आम आदमी की आय नहीं बढ़ी रही है बल्कि जो कुछ उसके पास थोड़ा बहुत बचत के रूप में जमा है वह और अधिक असुरक्षित होने की स ंभावना हैं।आम आदमी के लिए अपनी बचत को सुरक्षित रखने में बैंकों और बीमा के कंपनियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।बैंकों में ब्याज दरें निरन्तर घटकर नाम मात्र की रह गयी है।बीमा को व्यक्ति जोखिम से सुरक्षा और सुरक्षित निवेश का एक प्रभावी माध्यम मानता है। आम आदमी सरकारी बीमा कंपनियों में अपने निवेश को सुरक्षित मानता है लेकिन अब भारतीय जीवन बीमा निगम के आईपीओ लाने की बात बजट में की गई है इस तरह यह सबसे विश्वसनीय सरकारी कम्पनी निजीकरण की तरफ बढ़ रही है। डूंगर कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ एन के व्यास ने कहा कि केन्द्रिय बजट में स्पष्ट रूप में नजर आता है कि देश की अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है तथा राजकोषिय घाटा जो कि जीडीपी का 9.6 प्रतिषत है बजट में राजकीय व्यय बढ़ाने के लिये प्रावधान है और इसके लिये सरकारी विनिवेश व सार्वजनिक उधार का सहारा लिया गया है। इस तरह यह बजट महंगाई को बढ़ायेगा।

 

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