मिशन मदद: चार आईआइटीयन दोस्तों कोविड मरीजों के लिये बने है तारणहार - Khulasa Online मिशन मदद: चार आईआइटीयन दोस्तों कोविड मरीजों के लिये बने है तारणहार - Khulasa Online

मिशन मदद: चार आईआइटीयन दोस्तों कोविड मरीजों के लिये बने है तारणहार

खुलासा न्यूज,बीकानेर। महामारी की मार ऐसी पड़ी है कि हर ओर ऑक्सीजन, बेड, दवा के लिए हाहाकार मची है। कोरोना मरीजों की स्थिति बिगडऩे पर दूर-दराज से परिजन शहर की ओर भागते हैं। हॉस्पिटल पर अप्रत्याशित लोड बढ़ा है। नर्सिंग स्टाफ हो या अन्य स्टाफ। बिना अवकाश के लगातार काम कर रहे हैं। दबाव इतना बढ़ गया है कि अस्पतालकर्मियों को घर जाने का मौका नहीं मिल रहा है। समय से खाना तक नहीं मिल पा रहा है। रोगियों व उनके परिजनों के साथ भी यही समस्या है। अनजान शहर में भला वह किससे मदद मांगे। इसी हालात को देखते हुए 4 दोस्तों ने मदद का मन बनाया। इसके लिए बाकायदा खूब मनन-चिंतन हुआ। फिर तय किया गया कि जरूरतमंदों को समय से गर्म और ताजा खाना उपलब्ध कराया जाएगा। वह भी मुफ्त में। इसके बाद शुरू हुआ ‘मिशन मदद’।
नामी-गिरामी कंंपनियों में हैं तैनात
हिमांशु गोयल, प्रद्युम्न सिंह, प्रणवेंद्र चतुर्वेदी और मोहित खत्री। जयनारायण व्यास कॉलोनी इलाके के रहने वाले चारों दोस्तों ने वर्ष 2016 में आईआईटी से इंजीनियरिंग की थी। देश के अलग अलग महानगरों में बड़ी कंपनियों में और बड़े पैकेज पर नौकरी भी लग गई। लॉकडाउन लगा तो कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था कर दी। मूल रूप से ये चारों बीकानेर के ही रहने वाले हैं, इसलिए यहां का आकर्षण इनको खींच लाया। यहां आए तो हर ओर परेशानी ओर लाचारी से रू-ब-रू हुए। इसके बाद इनलोगों ने ‘स्टार्क फाउंडेशन’ का गठन किया। एक से बढ़कर एक नामी कंपनियों में कार्यरत दोस्तों ने सबसे पहले खाना बनाने वाले से बात की। जयनारायण व्यास कॉलोनी में ही एक व्यक्ति को इसकी जिम्मेदारी दी। शर्त यह रखी कि साफ-सफाई का ध्यान रखना होगा। हर चीज सैनिटाइज करके ही डिलीवरी के लिए निकलेगी। चारों ने अपने स्तर से इस व्यवस्था को चाक-चौबंद किया।
सुबह-शाम डेढ़ सौ से अधिक पैकेट
प्रद्युम्न सिंह बताते है- हम चारों दोस्त रोज सुबह व शाम एक ऑटो में डेढ़ सौ से अधिक लोगों के लिए भोजन लेकर रवाना होते हैं। दो-तीन घंटे का समय लगता है। किसी के घर पर तो किसी अस्पताल में। खाना बांटकर हमलोग लौट आते हैं। खाने के साथ बाकायदा पानी की बोतल भी दी जाती है। मरीज के परिजनों के अलावा अस्पताल के स्टाफ भी बड़ी संख्या में जरूरतमंद हैं। अब तक काफी लोगों के पास नंबर चला गया है, इसलिए समय रहते लोग फोन पर खाने की सूचना दे देते हैं। उन्हें हम पौष्टिक खाना पहुंचा देते हैं। कोशिश है कि हर जरूरतमंद तक हम पहुंच जाएं।
9588802638 पर करें कॉल
बीकानेर में स्टार्क फाउंडेशन और सौरभ गोयल मेमोरियल सोसायटी के स्तर से सराहनीय प्रयास हो रहा है। किसी को खाना चाहिए तो वह सीधे 9588802638 पर कॉल कर सकता है। चारों मित्र देश के अलग अलग हिस्सों में काम कर रहे हैं। प्रद्युम्न सिंह आईआईटी वाराणसी से, प्रणवेंद्र और हिमांशु आईआईटी गोवाहटी से और मोहित आईआईटी मुंबई से पास आउट हैं। तीनों जिस कंपनी में काम करते हैं, वहां नौ से 10 घंटे तक घर से ही काम करना पड़ता है। इस व्यस्तता के बाद भी वो हर हाल में इस काम को अंजाम देते हैं।
बजट की कमी नहीं
चारों मित्रों का कहना है कि पैकेट्स की संख्या बढ़ेगी तो भी हमारे पास बजट की कमी नहीं है। अगर कोई बीकानेरी इस अभियान से जुडऩा चाहता है तो स्वागत है। आर्थिक सहयोग भी कर सकता है। हालांकि इस पर हमारा ज्यादा फोकस नहीं है। हम तो ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद तक पहुंचना चाहते हैं। चारों दोस्त पीबीएम अस्पताल में चल रहे सस्ती दर के भोजनालय की जमकर तारीफ भी करते हैं। इसी भोजनालय के कारण पीबीएम में उनसे भोजन लेने वालों की संख्या बहुत कम है।

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