नाबालिग पहलवान ने बृजभूषण के खिलाफ बयान बदले, यौन शोषण नहीं भेदभाव के आरोप लगाए - Khulasa Online नाबालिग पहलवान ने बृजभूषण के खिलाफ बयान बदले, यौन शोषण नहीं भेदभाव के आरोप लगाए - Khulasa Online

नाबालिग पहलवान ने बृजभूषण के खिलाफ बयान बदले, यौन शोषण नहीं भेदभाव के आरोप लगाए

खुलासा न्यूज। नाबालिग पहलवान ने डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ लगाए यौन शोषण के आरोप वापस ले लिए हैं। बृजभूषण पर अब सिर्फ छेड़छाड़ के आरोप हैं। नाबालिग पहलवान के पिता ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि हमने 5 जून को कोर्ट में बयान बदल दिए थे। मै ये नहीं कहना चाहता कि किसने धमकी दी है। मेरा भी परिवार है। अगर मेरे को कुछ हो गया तो मेरा परिवार बर्बाद हो जाएगा। मुझे डर लग रहा है। हमारे अंदर भेदभाव का गुस्सा था। फेडरेशन के अंदर अपील की लेकिन उन्होंने भी नहीं सुनी। हमने जो एप्लीकेशन दी, उसमें कुछ सच और कुछ गलत था। मैंने सही और गलत को कोर्ट में जाकर क्लियर कर दिया है। मेरा पूरा परिवार डिप्रेशन में है।

 

इससे पहले रेसलर बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक की बुधवार को दिल्ली में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ 6 घंटे की मैराथन मीटिंग हुई। मीटिंग के बाद रेसलर साक्षी मलिक ने कहा कि सरकार ने जांच पूरी करने के लिए 15 जून तक का टाइम मांगा है। तब तक उन्हें किसी तरह के प्रदर्शन न करने की अपील की है। हालांकि पहलवानों का आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है।

 

बजरंग पूनिया ने कहा कि आज की मीटिंग के बारे में खाप प्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे। सबकी सहमति से ही किसी निर्णय पर पहुंचा जाएगा। बृजभूषण की गिरफ्तारी के सवाल पर भी खेल मंत्री ने जांच पूरी होने और उसके आधार पर कार्रवाई की बात कही।

 

खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि अच्छे माहौल में संवेदनशील मुद्दे पर सकारात्मक बातचीत हुई। मीटिंग में आरोपों की जांच कर 15 जून तक चार्जशीट दायर करने, डब्ल्यूएफआई का चुनाव 30 जून तक करने, डब्ल्यूएफआई में महिला अध्यक्ष की अगुआई में इंटरनल कंप्लेंट कमेटी बनाने, डब्ल्यूएफआई के चुनाव होने तक आईओए की एडहॉक कमेटी पर 2 कोच का नाम प्रस्तावित करने और फेडरेशन के चुनाव में खिलाडिय़ों से रायशुमारी पर सहमति बनी। निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण सिंह व उनसे संबंधित लोग चुनकर न आएं, ये रेसलर्स की मांग की थी। महिला खिलाडिय़ों को जरूरत के अनुसार सिक्योरिटी मिले। जिन खिलाडिय़ों, अखाड़ों या कोचों के खिलाफ केस हैं, उन्हें वापस लेने की मांग की गई।

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