नाबालिग बच्चों से करवा रहे थे काम, छापेमारी में खुली पोल

नाबालिग बच्चों से करवा रहे थे काम, छापेमारी में खुली पोल

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आधार कार्ड में उम्र बढ़ाकर बाल श्रम (नाबालिग से काम) करवाना फैक्ट्री प्रबंधन और 5 एजेंटों को महंगा पड़ गया. मामला सेलाकुई थाना क्षेत्र का है, जहां डिक्सन टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और ठेकेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिविल जज नेहा कुशवाहा के नेतृत्व में कंपनी पर छापेमारी हुई, जिसमें 94 बच्चों के आधार कार्ड फर्जी पाए गए. इनसे कंपनी में काम करवाया जा रहा था.

दरअसल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने डिक्सन कंपनी का औचक निरीक्षण किया और 94 बालिकाओं को चिन्हित कर उनके आधार कार्ड और सर्टिफिकेट की गहनता से जांच की, जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. मिली जानकारी के मुताबिक डिक्सन कंपनी में ठेकेदार बालिकाओं के फर्जी आधार कार्ड में उनकी उम्र को ज्यादा बताकर वहां काम करवा रहे थे और उनसे 12-12 घंटे अवैध रूप से बाल श्रम करवाया जा रहा था.

इस मामले में सेलाकुई थाना क्षेत्र में ठेकेदार और कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. वहीं, इस मसले पर एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि मामला बेहद गंभीर है और इसमें मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा है. सीओ प्रेमनगर को मामले में सख्त कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है, मामले में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी.

उधर, मामले पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की जज नेहा कुशवाहा ने कहा कि 94 बच्चों के आधार कार्ड और सर्टिफिकेट जांच में फर्जी मिले हैं. छोटे बच्चों की उम्र को आधार कार्ड में ज़्यादा दर्शाया गया है, इस बाबत सेलाकुई थाना क्षेत्र में तहरीर दी गई है. उन्होंने कहा कि बाल श्रम करवाने वाली अन्य कंपनियों पर भी जल्द ही बड़ी कार्रवाई हो सकती है.

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