2 दिन सीएम गहलोत के सामने अपने-अपने विभागों के कामकाज का प्रेजेंटेशन देंगे मंत्री

2 दिन सीएम गहलोत के सामने अपने-अपने विभागों के कामकाज का प्रेजेंटेशन देंगे मंत्री

जयपुर। प्रदेश में 23 जनवरी से शुरू हो रहे राजस्थान विधानसभा के पांचवे और अंतिम बजट से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी ही सरकार के कामकाज का फीडबैक लेना शुरू कर दिया है एक ओर जहां मुख्यमंत्री गहलोत ने बजट की तैयारियां तेज रखने के निर्देश दिए हैं तो वहीं दूसरी ओर सरकार के अलग-अलग विभागों विभागों में पिछले 4 साल में क्या-क्या काम हुए हैं उनकी सुध लेना शुरू कर दिया है।
इसके लिए बकायदा 16 और 17 जनवरी को 2 दिन राजधानी जयपुर में समीक्षा बैठकों का आयोजन भी किया जा रहा है जिसे चिंतन शिविर का नाम दिया गया है। सरकार की ओर से आयोजित किए जा रहे चिंतन शिविर में तमाम मंत्री अपने-अपने विभागों के कामकाज का प्रजेंटेशन मुख्यमंत्री गहलोत के सामने देंगे।
चिंतन शिविर को लेकर मंत्रिमंडल सचिवालय ने भी जारी किया शेड्यूल
वहीं सरकार के कामकाज को लेकर होने वाले चिंतन शिविर का शेड्यूल मंत्रिमंडल सचिवालय ने भी जारी कर दिया है, साथ ही तमाम मंत्रियों को अपने-अपने विभागों का प्रेजेंटेशन देने के निर्देश दिए गए हैं।
पूर्व की बजट घोषणाएं और जन घोषणा पत्र के क्रियान्वयन पर होगी चर्चा
सूत्रों की माने तो एक ओर जहां मंत्री अपने-अपने विभागों के चार साल के कामकाज का प्रजेंटेशन देंगे तो वहीं मंत्रियों को मुख्यमंत्री के सामने यह भी बताना पड़ेगा कि पूर्व में बजट 2019-20, 2020-21, 2021- 22 और 2022- 23 की बजट घोषणाओं में से कितनी घोषणाओं पर विभावार काम हुआ है और कितनी घोषणाएं अभी ऐसी हैं जो पेंडिंग चल रही है जिन पर धरातल पर कोई काम नहीं हुआ है। ऐसे में तमाम मंत्रियों को अपने विभाग से जुड़ी हुई बजट घोषणाओं के बारे में जानकारी देनी होगी। साथ ही मुख्यमंत्री के सामने यह भी बताना पड़ेगा कि जो बजट घोषणाएं अभी बाकी हैं उन बजट घोषणाओं को कितने दिनों में धरातल पर लागू किया जाएगा।
इसके अलावा जन घोषणा पत्र के वादों को लेकर भी मंत्रियों को प्रेजेंटेशन देना होगा। हालांकि सरकार के 4 साल पूरे होने के मौके पर मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से जन घोषणा पत्र के 80 फ़ीसदी वादे पूरे करने के दावे किए गए थे लेकिन कई विभाग अभी भी ऐसे हैं जो जन घोषणा पत्र के वादे पूरे करने में सुस्त रवैया अपनाए हुए हैं। ऐसे में जन घोषणा पत्र का क्रियान्वयन को लेकर भी चिंतन शिविर में चर्चा होनी है।
राज्य मंत्री, कैबिनेट मंत्री देंगे प्रेजेंटेशन
सूत्रों की माने तो बैठक में जिन विभागों में कैबिनेट मंत्री और राज्यमंत्री हैं उन विभागों में कैबिनेट मंत्री अपने-अपने विभागों का प्रेजेंटेशन देंगे। वहीं जिन विभागों में राज्य मंत्री को स्वतंत्र प्रभार का जिम्मा मिला हुआ है उन विभागों के कामकाज का प्रेजेंटेशन राज्यमंत्री देंगे।
विभागों के कामकाज की रिपोर्ट कार्ड लेने की एक वजह यह भी
सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री की ओर से 2 दिन बुलाए गए चिंतन शिविर के जरिए अलग-अलग विभागों के कामकाज का रिपोर्ट लेने के लिए एक वजह यह भी है कि सरकार के पांचवे बजट से पहले मुख्यमंत्री की मंशा है कि सभी विभागों के कामकाज का आंकलन कर लिया जाए, साथ जो योजनाएं और घोषणाएं अभी धरातल नहीं उतर सकी हैं उन घोषणाओं पर पांचवा बजट जारी होने के बाद फोकस करके जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाया जाए जिससे कि प्रदेश में 11 महीने के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं को साधा जा सके।

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