मंत्री जी को इस आईएएस पर आ रहा है गुस्सा, सीएम से कर डाली तबादले की मांग - Khulasa Online मंत्री जी को इस आईएएस पर आ रहा है गुस्सा, सीएम से कर डाली तबादले की मांग - Khulasa Online

मंत्री जी को इस आईएएस पर आ रहा है गुस्सा, सीएम से कर डाली तबादले की मांग

 

जयपुर। राजस्थान में मंत्री और ढ्ढ्रस् अफसरों के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब कृषि मंत्री लालचंद कटारिया और विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार के बीच झगड़ा शुरू हो गया है। यह अनबन इस हद तक बढ़ गई है कि कटारिया ने मुख्यमंत्री को लेटर लिखकर दिनेश कुमार को विभाग से हटाने की मांग कर डाली है।
बताया जाता है कि कटारिया प्रमुख सचिव दिनेश कुमार के रवैये से खफा हैं, वहीं दिनेश कुमार ने भी कटारिया की बात माननी बंद कर दी है।आखिर किस बात से नाराज हैं कटारिया?
मामला यह है कि कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने अपने विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार के कामकाज से नाराजगी व्यक्त की है। सूत्रों का कहना है कि जल्द आने वाले कृषि बजट को तैयार करने, कटारिया के सुझावों को शामिल नहीं करने और पूछे गए सवालों का जवाब नहीं देने से मंत्री नाराज हैं।
यह मामला अब काफी गरमा गया है। कटारिया ने सरकार को मौखिक भी और पत्र लिख कर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, अब दिनेश कुमार का तबादला होना तय है। अगली तबादला सूची में कुमार का नाम भी शामिल हो सकता है।
वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन पर भी टकराव
दिनेश कुमार के पास राजस्थान भंडारण निगम का भी चार्ज है। ऐसे में वहां से संबंधित कई मामलों को लेकर भी दोनों के बीच टकराव सामने आया है। निगम का अलग से बजट 100 करोड़ से ज्यादा का है। पिछले सप्ताह कृषि विभाग की एक बैठक भी थी, जो ऐन वक्त पर स्थगित कर दी गई। तभी से यह टकराव ब्यूरोक्रेसी के लेवल पर नजर आया।
चुनावी वर्ष में सीएम अशोक गहलोत के सामने मंत्रियों और ब्यूरोक्रेसी में सामंजस्य बैठाना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। खेल मंत्री अशोक चांदना और कुलदीप रांका (पीएस-सीएमओ) के बीच विवाद हुआ तो सीएम गहलोत को बीच में आकर स्थिति संभालनी पड़ी थी। कई बार आईएएस अफसरों का तबादला कर मामला शांत किया जाता है, फिर कोई नया विवाद सामने आ जाता है।
अब तक इस सरकार में पिछले चार साल में 17-18 मामले मंत्रियों और आईएएस अफसरों के बीच टकराव सामने आ चुका है। प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी के जानकारों का कहना है कि इससे पहले किसी भी सरकार में इतनी बड़ी संख्या में ऐसे मामले नहीं आए।
अभी 13 दिन पहले ही खान मंत्री प्रमोद जैन भाया और राजस्थान खनिज निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर आईएएस कर्ण सिंह में अनबन हुई। भाया ने भी सरकार से तबादला करने की सिफारिश की थी।
मंत्रियों-आईएएस के बीच विवाद के चर्चित मामले
रघु शर्मा और समित शर्मा : वर्ष 2019 में चिकित्सा विभाग में भर्तियों को लेकर तत्कालीन मंत्री रघु शर्मा और आईएएस अफसर समित शर्मा के बीच विवाद हुआ था। इस विवाद के तुरंत बाद समित का तबादला हुआ। समित आईएएस एसोसिएशन के सचिव भी हैं। रघु की शिकायत के बाद उन्हें जाना ही पड़ा।
खेल मंत्री अशोक चांदना और कुलदीप रांका : ?वर्ष 2022 में खेल मंत्री अशोक चांदना ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि उनकी उनके ही विभाग में कुछ नहीं चलती है। सारा काम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका ही देखते हैं। हालांकि चांदना की मूल नाराजगी राज्य क्रीड़ा परिषद की चेयरमैन कृष्णा पूनिया (विधायक) से थी, लेकिन चांदना की सिफारिश पर काम आगे नहीं बढऩे पर उन्होंने रांका को शिकायत की थी। वहां से जब कोई राहत नहीं मिली तब चांदना ने सोशल मीडिया पर मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश भी की थी। बाद में मुख्यमंत्री गहलोत ने उन्हें समझा-बुझा कर मामला शांत किया।
प्रताप सिंह खाचरियावास और अंतर सिंह नेहरा : आईएएस अफसर अंतर सिंह नेहरा जयपुर के कलेक्टर थे। वर्ष 2021 और 2022 में खाद्य व रसद मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने उनके तौर-तरीकों, प्रशासन पर पकड़ ना होने, जनप्रतिनिधियों को सम्मान ना देने की शिकायत की थी। खाचरियावास द्वारा बहुत बार शिकायतें करने पर नेहरा को बदला गया।
प्रताप सिंह खाचरियावास और आशुतोष पेडनेकर : नवंबर-2022 में खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने विभाग के प्रमुख सचिव आशुतोष पेढऩेकर को खाद्य विभाग में गरीब लोगों को मिलने वाले गेहूं (करीब 100 मीट्रिक टन) के लैप्स हो जाने का जिम्मेदार ठहराया। खाचरियावास ने नाराजगी व्यक्त की और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की। आशुतोष का तब तुरंत तबादला कर दिया गया, लेकिन खाचरियावास ने तब आईएएस अफसरों की एसीआर भरने का अधिकार मंत्रियों को ही देने का मुद्दा उठाकर सीएम अशोक गहलोत और सरकार पर जुबानी हमला बोल दिया था।
महेश जोशी और सुधांश पंत : जलदाय विभाग में करीब 13 महीने पहले नवंबर-2021 में पहली बार मंत्री बने महेश जोशी का विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत के साथ विवाद शुरू हो गया। अंतत: पंत का तबादला प्रदूषण मंडल में किया गया। उसके बाद पिछले एक वर्ष में पंत का दो बार और तबादला किया गया। इस बीच पंत दिल्ली में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए चयनित हुए और डेढ़ महीने पहले पांच वर्ष के लिए दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
रमेश मीणा और अपर्णा अरोड़ा : करीब महीना भर पहले पंचायतीराज विभाग में मंत्री रमेश मीणा और प्रमुख सचिव अपर्णा अरोड़ा के बीच एक लग्जरी गाड़ी को अपने पास रखने के विषय में विवाद चल रहा था। तब मीणा ने मुख्यमंत्री तक मामला ले जाने की बात मीडिया में कही थी। वे बात को सीएम तक लेकर गए, उसके बाद हाल ही सप्ताह भर पहले अपर्णा का तबादला हो गया है। वो गाड़ी अब मीणा के प्रोटोकॉल में लगी हुई है।
डॉ. बी. डी. कल्ला और संदीप वर्मा : वर्ष 2020 में तत्कालीन जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला और विभाग के प्रमुख सचिव संदीप वर्मा के बीच विभागीय काम-काज में छोटी-छोटी परेशानियों को समय पर दूर नहीं कर पाने के चलते विवाद हुआ। कल्ला के साथ पहली बार ऐसा हुआ कि किसी आईएएस अफसर से पटरी नहीं बैठी। अंतत: वर्मा का तुरंत तबादला कर दिया गया।
परिवहन मंत्री बृजेन्द्र ओला और संदीप वर्मा : हाल ही में प्रमोट होकर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में 19वें नंबर की सिनियोरिटी पर पहुंचे अतिरिक्त मुख्य सचिव संदीप वर्मा 3 अगस्त 2022 को रोडवेज के चेयरमैन बनाए गए। वहां उन्होंने एक मामले में रोडवेज की पैरवी अदालत में ठीक ढंग से नहीं करने से करोड़ों रुपए का नुकसान से संबंधित विभाग में बरती गई लापरवाही उजागर की। इससे मंत्री बृजेंद्र ओला सहित एक कांग्रेस पदाधिकारी नाराज हो गए थे। नतीजा संदीप वर्मा 30 अक्टूबर 2022 तक केवल 88 दिन ही अपने पद पर रह पाए। तब से वर्मा सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग संभाल रहे हैं।
रमेश मीणा और भगवती प्रसाद कलाल : नवंबर-2022 में पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा बीकानेर में एक सरकारी कार्यक्रम में गए हुए थे। वहां जब वे मंच पर भाषण दे रहे थे, तो जिले के कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल भी मंच पर ही बैठे हुए थे। कोई फोन कॉल आने पर कलाल ने उसे रिसीव किया। मंत्री मीणा भडक़ उठे। उन्होंने कलाल को वहां से चले जाने को कह दिया। कार्यक्रम में मौजूद कलेक्टर कलाल की अपने ही मातहत अफसर-कर्मचारियों के बीच बेइज्जती हुई। बाद में आईएएस एसोसिएशन ने यह मामला सीएस उषा शर्मा के सामने रखा और अपना विरोध मंत्री मीणा के खिलाफ प्रकट किया।

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