
खनिज अभियंता ने अपने ही नाम से की लीज स्वीकृति!, ऐसे कैसे हुआ संभव







खुलासा न्यूज, बीकानेर/दिलीप सिंह। श्रीकोलायत उपखंड मुख्यालय में इन दिनों खनन लीज के मामले को चर्चा में है। खनन विभाग के पूर्व खनिज अभियन्ता राजेंद्र सिंह बलारा पर पहले भी अवैध खनन माफियाओं की मिलीभगत के आरोप लगे थे, वहीं अब खनिज अभियन्ता राजेंद्र सिंह द्वारा बीकानेर में पद पर आसीन रहते हुए कोलायत में गंगासरोवर बांध के पायतन पर खुद के नाम से बालकले की लीज स्वीकृति करवाने का मामला सामने आया है। वहीं, इन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के नाम से नाल बड़ी में भी लीज स्वीकृत करवाई गई है। कोलायत के स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि गंगापुरा के सरोवर बांध के पायतन में अवैध खनन जोरो पर है, वहीं खनन विभाग के खनिज अभियन्ता राजेंद्र सिंह बलारा द्वारा ली गई लीजे कही न कही भ्रष्टचार की बू आ रही है।
पायतन में कैसे हुई लीज स्वीकृत, होनी चाहिए जांच
खुद ही खनिज अभियन्ता के पद पर कार्यरत रहते हुए खुद के नाम से लीज स्वीकृति की, जो नियमों के विरुद्ध है। इस सम्पूर्ण मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से करवाई जानी चाहिए। जिससे मामले की संपूर्ण सचाई सामने आ सके। जहां सूचना है कि जिस क्षेत्र में पदाधिकारी के पद पर कार्यरत रहते हुए इस तरह से लीजे स्वीकृत नहीं करवाई जा सकती है। ऐसे में राजेंद्र सिंह बलारा ने पद पर रहते हुए अपने नाम से लीज स्वीकृत कैसे ली, इसकी जांच होनी चाहिए।
कार्रवाई करना तो दूर, खुद लिप्त पाए गए
गंगापूरा के गंगासरोवार के पायतन में हो रहे खनन को लेकर जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने अनेकों बार खनिज अभियन्ता राजेंद्र सिंह बलारा से पत्राचार करके वैध और अवैध खनन को पूर्ण रूप से बंध करवाने का निवेदन किया, लेकिन पत्रों को अनदेखा करते हुए उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करने हुवे खुद खनन में लिप्त पाए, जो कि एक विषय है।
