
पैगम्बरे इस्लाम के पैदाइश के मौके पर अमन का पैगाम






बीकानेरआज बीकानेर के अंदर अमन और शांति के साथ यहां के शहर वासियों ने जिस तरह शांति के माहौल में पैदल चलकर जुलूस की शक्ल में अल्लाह के नबी हुजूर सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम का योमें विलादत का दिन मनाया वही
तन्जीमे अईम्मा व उलमाए अहले सुन्नत के नायब सदर मौलाना मोहम्मद सलीम रिजवी ने बताया कि जहां आज के दिन जुलूस निकाला गया वही हॉस्पिटल में जाकर जरूरतमंदों के बीच मोहम्मद अरबी की याद में मरीजों के बीच में फल फ्रूट बांटकर और उनके हक में शिफा की दुआ करके और तमाम मरीजों को जल्दी ठीक होने की दुआएं दे कर फिर वहां से आज का ये कार्यक्रम खत्म हुआ
हॉस्पिटल में जाकर मरीजों के हाल पूछना और उनको फ्रूट तक सिम करना और उनके लिए दुआ करना यह कोई आज का मिशन नहीं है बल्कि यह तो खुद मोहम्मद अरबी का बताया हुआ दीन है इसलिए के वह किसी एक जगह के लिए नहीं बल्कि वह सारी इंसानियत के लिए रहबर बनकर आए उन्होंने देखे बगैर इंसानियत की खिदमत की है और उन्होंने बताया है इंसानियत की खिदमत करना ही सबसे बड़ा मजहब और दीन है इसीलिए हम उनके बताए हुए तरीके को उनके अखलाक को लोगों में आम करने के लिए हमारी यह पूरी टीम वहां पहुंची जिस में शामिल रहे हाफिज नौशाद अहमद कादरी हाफिज नईमूदीन हाफिज मुनीर साहब मुफ्ती अशफाक साहब गोरी वह दिगर मुबल्लिगीन हजरात वह दिगर हमारे आए हुवे तमाम साथी इस नेक काम में हमारे शामिल रहे


