
राजस्थान के इस भाजपा विधायक की विधानसभा सदस्यता रद्द






राजस्थान के इस भाजपा विधायक की विधानसभा सदस्यता रद्द
जयपुर। राजस्थान की राजनीति में शुक्रवार को बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। बारां जिले की अंता विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कानूनी सलाह के आधार पर यह फैसला लिया।बता दें कंवरलाल मीणा को 20 साल पुराने आपराधिक मामले में दोषी ठहराते हुए 3 साल की सजा दी गई थी, जिसके चलते उनकी विधायकी 1 मई 2025 से समाप्त मानी जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
कंवरलाल मीणा पर वर्ष 2003 में तत्कालीन उपखंड अधिकारी पर पिस्तौल तानने, सरकारी कार्य में बाधा डालने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप थे। इस मामले में हाल ही में अदालत ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई।
कंवरलाल मीणा ने सजा पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने याचिका खारिज करते हुए उन्हें दो सप्ताह में सरेंडर करने के निर्देश दिए। इसके बाद 21 मई 2025 को उन्होंने अकलेरा कोर्ट में आत्मसमर्पण किया, और फिलहाल जेल में बंद हैं।
बताते चलें कि कंवरलाल मीणा ने 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद जैन भाया को 5,861 वोटों से हराकर अंता सीट से विधायक बने थे। लेकिन महज डेढ़ साल में ही उनका विधायक पद चला गया।
विधानसभा अध्यक्ष का फैसला
विधानसभा सचिवालय ने मीणा को नोटिस भेजकर 7 मई तक जवाब मांगा था, जिसमें यह पूछा गया कि सुप्रीम कोर्ट से उन्हें कोई अंतरिम राहत मिली या नहीं। लेकिन सजा पर रोक न लगने की पुष्टि के बाद स्पीकर के पास विधायकी रद्द करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।
महाधिवक्ता (्रत्र) और वरिष्ठ विधिवेताओं की राय के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष ने आज यह फैसला किया। इसमें सुप्रीम कोर्ट के उस ऐतिहासिक फैसले का हवाला भी शामिल था, जिसके अनुसार दो साल या उससे अधिक की सजा मिलने पर जनप्रतिनिधि की सदस्यता स्वत: समाप्त मानी जाती है।
8 साल में दूसरी बार सदस्यता खत्म
यह घटना राजस्थान विधानसभा में आठ साल में दूसरी बार किसी विधायक की सदस्यता समाप्त होने का मामला है। इससे पहले 2017 में बसपा विधायक बीएल कुशवाह को हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता खत्म की गई थी। उस समय धौलपुर सीट पर उपचुनाव हुए थे, जिसमें उनकी पत्नी शोभारानी कुशवाह भाजपा के टिकट पर विजयी हुई थीं।
आगे क्या होगा अब?
गौरतलब है कि कंवरलाल मीणा की सदस्यता समाप्त होने के बाद अंता विधानसभा सीट रिक्त हो गई है और निकट भविष्य में यहां उपचुनाव कराए जाने की संभावना है। वहीं, कंवरलाल की सजा उच्च अदालत में रद्द होती है, तो वह दोबारा चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन फिलहाल उनकी विधानसभा में कोई भूमिका नहीं रहेगी।


