डॉक्टर ने गैंग के साथ मिलकर जयपुर में बेचे 1000 नकली इंजेक्शन, सेंट्रल लैब की जांच रिपोर्ट में खुलासा - Khulasa Online डॉक्टर ने गैंग के साथ मिलकर जयपुर में बेचे 1000 नकली इंजेक्शन, सेंट्रल लैब की जांच रिपोर्ट में खुलासा - Khulasa Online

डॉक्टर ने गैंग के साथ मिलकर जयपुर में बेचे 1000 नकली इंजेक्शन, सेंट्रल लैब की जांच रिपोर्ट में खुलासा

कोरोना महामारी में रेमडेसिविर इंजेक्शन की काला बाजारी करने वाले फरीदाबाद के डॉ. जितेश अरोड़ा और उसकी गैंग का जयपुर में एक और काला कारनामा सामने आया है। इस गैंग ने कोरोना मरीजों के उपचार के लिए 1000 से ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना मरीजों के उपचार के लिए बेचे थे। ये सभी नकली थे। यह खुलासा जयपुर में सेठी कॉलोनी स्थित ड्रग डिपार्टमेंट की सेंट्रल लैब ने अपनी जांच रिपोर्ट में किया है।

रिपोर्ट में दावा है कि कोतवाली थाना पुलिस ने कालाबाजारी करने वाली गैंग सदस्य रामावतार यादव के कब्जे से जो रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किया था। उसे सेंट्रल लैब में टेस्टिंग के लिए भेजा गया था। सामने आया कि इंजेक्शन में रेमडेसिविर दवा नहीं पाई गई है। रिपोर्ट आने के बाद कोतवाली थाना पुलिस ने बुधवार को पहले से दर्ज मुकदमे में ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट की धारा 27 ए भी जोड़ दी है। इसमें 10 साल की सजा प्रावधान है। फिलहाल तीनों आरोपी जयपुर जेल में हैं।

अप्रैल में पकड़ा गया था पहला आरोपी और 21 मई को गैंग का सरगना डॉक्टर
कोतवाली थानाप्रभारी विक्रम सिंह ने बताया कि जांच में जो रेमडेसिविर इंजेक्शन नकली पाया गया है। वह अप्रैल में सबसे पहले चौड़ा रास्ता से गिरफ्तार रामावतार यादव से जब्त किया गया था। पूछताछ में रामावतार ने बताया था कि उसे यह इंजेक्शन जयपुर में श्याम मित्र मंडल नगर मुरलीपुरा के रहने वाले शंकर सैनी की मदद से मिले थे। तब शंकर सैनी को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई तो उसने बताया कि करीब 750 इंजेक्शन गैंग के सरगना डॉक्टर जितेश अरोड़ा (27) से लिए थे।

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