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मेडिकल सेवा कर्मियों ने की हड़ताल तो बिना वारंट सीधे गिरफ्तारी, लगा ये एक्ट

नई दिल्ली। राजस्थान में अब अगले 6 महीने तक डॉक्टर, नर्स, एंबुलेंसकर्मी सहित मेडिकल सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों का हड़ताल करना मुश्किल होगा। बता दें कि, प्रदेश के गृह विभाग ने मेडिकल सेवाओं में राजस्थान एसेंशियल सर्विसेज मेंटीनेंस एक्ट (क्रश्वस्रू्र) की अवधि 6 महीने और बढ़ाने की अधिसूचना जारी कर दी है।
आपको बता दें कि राज्य में पहले से ही 14 मार्च तक रेस्मा लगा हुआ था। अब गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर मेडिकल सेवाओं में राजस्थान एसेंशियल सर्विसेज मेंटीनेंस एक्ट (क्रश्वस्रू्र) की अवधि 6 महीने के लिए बढ़ाकर 14 सितंबर तक कर दी है। बताया जा रहा है, गृह विभाग को यह प्रस्ताव पिछले दिनों चिकित्सा विभाग ने ही भेजा था। ऐसे में अब रेस्मा लागू होने के बाद अब मेडिकल से जुड़ी सभी सेवाओं में हड़ताल या कार्य बहिष्कार गैर कानूनी होगा। इसके अंतर्गत यदि कोई भी हड़ताल करता है तो उसे बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकेगा। सरकार ने यह फैसला तब लिया है जब पिछले कुछ दिनों से मेडिकल क्षेत्र के कुछ कर्मचारी संगठन अपनी मांगो को लेकर हड़ताल करने वाले थे। लेकिन अब हड़ताल करना मुश्किल होगा। माना जा रहा है कि सरकार कोरोना के बढ़ते मामलों व वैसिनेशन की प्रक्रिया में किसी तरह की हीलाहवाली नहीं चाहती है, तभी यह फैसल लिया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश में रेस्मा के दायरे में डॉक्टर, नर्स के साथ सभी पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंसकर्मी और अस्पतालों से जुड़ी सभी सहायक सेवाओं के कर्मचारी आते हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार यह कदम पहली बार उठाया है, इससे पहले भी कई बार सरकार रेस्मा लगाती रही है। सरकार ने इससे पहले पिछले साल कोरोना को देखते हुए 14 मार्च 2020 को मेडिकल सेवाओं पर रेस्मा लगाया था।

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