
महापौर जी! शहर के वार्डों व मौहल्लों में छाए रहने वाले अंधेरे की और भी देखिए, यहां भी जरूरत है पर्याप्त प्रकाश की






बीकानेर। बीकानेर शहर की अधिकांश गलियों में रात को अंधेरा छाया रहता है। इस कारण रात के समय में महिलाओं का तो क्या पुरुषों को घर से बाहर निकलने में डर लगता है। कई मैन सड़कों पर विद्युत पोल लगे हुए है, लेकिन उनमें लगी लाईटें खराब हुई पड़ी है, जिसे न तो निगम ठीक करवा रहा और न ही यूआईटी। शहर में ऐसे कई मौहल्ले व वार्ड है जिनमें लंबे समय से रोड लाईट लगाने की मांग की जा रही है, परंतु सुनवाई नहीं हो रही। पूरी रात छाए रहने वाले अंधेरे के कारण अपराध भी बढ़ रहा है। चोर इस अंधेरे का फायदा उठाते हुए घरों में चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे है। ताले तोड़कर लोगों को लाखों रुपए का चुना लगा रहे। इन सभी को नजरअंदाज कर महापौर ने पीबीएम अस्पताल पर मेहरबानी दिखाई है, जहां 100 स्ट्रीट लाईटें लगाने की आदेश जारी किये है। हालांकि महापौर का यह कदम सही भी हैं क्योंकि यहां भी पर्याप्त प्रकाश की जरूरत है, अस्पताल आम-आदमी से जुड़ा हुआ क्षेत्र है, बड़ी संख्या में रात को यहां महिलाएं कर्मचारी काम करती है। लेकिन अंधेरे में डूबे शहर की और नहीं देखना महापौर व अन्य संबंधित जुड़े विभागों के अधिकारियों की उदासीनता व गैरजिम्मेदारी को दर्शाता है। महापौर व अधिकारियों को देखना व समझना चाहिए कि बिना प्रकाश के लोग कैसे जी रहे है, रात को आठ बजे के बाद लोग घर से निकलने में अपने-आप को सुरक्षित महसूस नहीं करते। जनता इनसे उम्मीद लगाए हुए बैठी है, एक ना एक दिन तो उनकी समस्या का समाधान होगा।


