
महापौर ने शिक्षामंत्री डॉ. बी.डी.कल्ला व महेन्द्र कल्ला पर लगाए आरोप, बोली नहीं करने देते है काम






बीकानेर. नगर निगम की साधारण सभा के तुरंत बाद महापौर सुशीला कंवर ने अपने घर पर प्रेसवार्ता की। प्रेसवार्ता के दौरान महापौर सुशीला कंवर ने नगर निगम आयुक्त पर गंभीर आरोप लगाए है। साधारण सभा में नगर निगम महापौर व आयुक्त के बीच विवाद अब बड़े स्तर उठने लगा है। महापौर ने कहा कि आज का दिन काला दिन है। महापौर ने बताया कि आयुक्त की ओर से मुझे आज की मीटिंग के लिए नहीं बुलाया गया। आयुक्त ने तानाशाही व हठधर्मिता की वजह से मीटिंग बुलाई। इन आयुक्त को सरकार का संरक्षण मिला हुआ है। सात पार्षदों को लेकर यह सभा की गई जो गलत तरीके से बुलाई गई।
आयुक्त ने सीधे नगर पालिका एक्ट की धज्जियां उड़ा रहे है। महापौर ने बताया कि आयुक्त ने पार्षदों को धमकी दी है। आयुक्त ने व्हाट्सअप पर मैसेज दिया कि जो पार्षद इस मीटिंग में नहीं आते है उनका निलंबन किया जाएगा। महापौर ने बताया कि जब आयुक्त के साथ पहली मीटिंग की तो उन्होंने कहा कि मैं तो वही करूंगा जो मंत्री जी कहेंगे और उनके भतीजे कहेंगे। महापौर ने प्रेसवार्ता में बताया कि निगम में एचओ पर भ्रष्टाचार में लिप्त है और उनको स्वास्थ्य अधिकारी पद पर लगाया था, फिर महापौर ने उनको हटाने का विरोध किया तो आयुक्त ने कहा महेन्द्र कल्ला से बात करें। इसको नहीं हटाउंगा जब तक महेन्द्र कल्ला नहीं कहेंगे। वहीं डीएलबी कहती है मंत्रीजी से बात करें और आयुक्त कहते है महेन्द्र कल्ला से बात करें। महापौर ने बताया कि मीटिंग में नहीं बुलाना जनप्रतिनिधि के अधिकार का हनन हुआ है। सरकार को तानाशाही रवैये करवाने वाले अधिकारियों पर एक्शन लेंवे। अधिकारी जनप्रतिनिधि के अधिकारों का सम्मान करें। महापौर ने बताया कि ये अधिकारी कह रहे है कि हम साजिश के तहत आएं। अगर सरकार एक् शन नहीं लेती है भाजपा का पूरा संगठन साथ मिलकर कार्य करेंगे। निगम में महापौर पति के हस्तक्षेप के सवाल पर कहा कि मेरे पति नहीं धमकाते है और हर कर्मचारी को सपोर्ट करते है। कर्मचारियों के साथ अच्छा व्यवहार करते है।


