शहर में कई मकान जर्जर अवस्था में, निगम ने नोटिस देकर कर दी इतिश्रि, एमएम स्कूल व कोटड़ी की दीवार ढही

शहर में कई मकान जर्जर अवस्था में, निगम ने नोटिस देकर कर दी इतिश्रि, एमएम स्कूल व कोटड़ी की दीवार ढही

खुलासा न्यूज, बीकानेर। मानसून की बारिश के बाद जर्जर मकानों ने शहर में हादसे का खतरा पैदा कर रखा है। हालांकि पूर्व में कई बार मकान गिरने से हादसे हो चुके है, उसके बाद नगर निगम की ओर से जर्जर व पुराने मकान मालिकों को नोटिस देकर मकान गिराने की हिदायत दी गई थी, लेकिन इसका असर मकान मालिकों पर नहीं हो रहा। जिसका नतीजा यह है कि आज भी शहर में ऐसे कई मकान खड़े है, जो आज गिरे, कल गिरे, ऐसी स्थिति में है। वहीं, नगर निगम प्रशासन ने भी केवल नोटिस देकर श्रतिश्रि कर दी, दुबारा फीडबैक ही नहीं लिया गया है। ऐसे में जर्जर मकान आज भी खतरे का कारण बने हुए है। रविवार को एमएम स्कूल की एक दीवार ढह गई, गनीमत रही कि रविवार का अवकाश होने के कारण कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।

 

इसी तरह नयाशहर में डॉ धनपत राय मार्ग स्थित नरसिंह भवन के सामने पुरानी व जर्जर कोटड़ी की एक दीवार ढह हो गई। गनीमत रही कि घटना हुई उस दौरान आसपास कोई नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा हो जाता। जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है, यह लापरवाही इस बारिश के सीजन में भारी पड़ सकती है। हालांकि पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास ने सरकारी स्कूलों का सर्वे करने के निर्देश जरूर दिए है, लेकिन उन्हें नहीं पता कि ऐसे जर्जर मकान तो शहर में अनेक पड़े हैं, जिन पर कार्यवाही करनी बेहद जरूरी है, अन्यथा हादसा होने के बाद एक-दूसरे पर जिम्मेदारी का पाला झाड़ते नजर आओगे। बता दें कि हाल ही में झालावाड़ में एक जर्जर स्कूल की छत ढह जाने से सात मासूम बच्चों की मौत हो गई थी और करीब 30 बच्चे घायल हो गए। इस हादसे के बाद सरकार गंभीर है, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन में गंभीरता नजर नहीं आ रही। यह उदासीनता किसी दिन शहरवासियों के लिए जीवन पर भारी पड़ सकती है।

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