कांग्रेस नेतृत्व को मल्लिकार्जुन खड़गे का समर्थन, कहा- सीनियर्स का पार्टी और हमारे नेताओं पर बोलना तकलीफदेह - Khulasa Online कांग्रेस नेतृत्व को मल्लिकार्जुन खड़गे का समर्थन, कहा- सीनियर्स का पार्टी और हमारे नेताओं पर बोलना तकलीफदेह - Khulasa Online

कांग्रेस नेतृत्व को मल्लिकार्जुन खड़गे का समर्थन, कहा- सीनियर्स का पार्टी और हमारे नेताओं पर बोलना तकलीफदेह

नावों में पिछले कुछ सालों से कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है और हाल ही में खत्म हुए बिहार विधानसभा चुनाव में भी उसका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन पर सिर्फ विपक्षी दल ही नहीं बल्कि कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भी सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शीर्ष नेतृत्व का बचाव करते हुए कहा कि आंतरिक कलह ने पार्टी को हिला कर रख दिया है. हम कभी आगे नहीं बढ़ सकेंगे यदि हम लोग ही अंदरुनी स्तर पर पार्टी को कमजोर करते रहेंगे.

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (CWC) का ही यह फैसला था कि चुनाव होने तक सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल जारी रखना चाहिए. चुनाव अभी बाकी हैं और कोविड-19 अभी भी खत्म नहीं हुआ है. हम एक जगह पर एक साथ 100 से अधिक लोगों को इकट्ठा नहीं कर सकते. फिर भी, लोग बातें कर रहे हैं.

पार्टी के कुछ नेताओं की ओर से शीर्ष नेतृत्व की आलोचना किए जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कुछ वरिष्ठ नेताओं को पार्टी के बारे में और हमारे नेताओं के बारे में बोलते देखना तकलीफदेह है.

उन्होंने कहा कि एक ओर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और आरएसएस हमारे पीछे पड़े हैं तो दूसरी ओर, आंतरिक कलह ने पार्टी को हिला कर रख दिया है. हम कभी आगे नहीं बढ़ सकेंगे अगर हम लोग ही अंदरुनी स्तर पर पार्टी को कमजोर करते रहेंगे. यदि हमारी विचारधारा कमजोर होती है, तो पार्टी बर्बाद हो जाएगी.

पार्टी नेतृत्व की आलोचना करने वालों पर बरसते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कुछ नेता जब चुनाव हार जाते हैं तो वे सोनिया गांधी और राहुल गांधी को दोषी करार देने लगते हैं. आप अपने राज्य में नेता हैं, आप अपने निर्वाचन क्षेत्र के नेता हैं. टिकट वितरण के समय, आप अपने लोगों के लिए टिकट मांगते हैं. तब आप यह भी कहते हैं कि अगर हमने आपके लोगों को टिकट नहीं दिया तो यह हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि 100 में से महज 5 या 10 प्रतिशत का अंतर हो सकता है, लेकिन 90 प्रतिशत हम वही करते हैं जिसकी आप मांग करते हैं, लेकिन आप बाद में दोष देना शुरू करते हैं कि पार्टी में कोई एकता नहीं है. टिकट का वितरण सही तरीके से नहीं किया गया, वह विपक्ष से थे, आदि तरीके से आलोचना करते हैं.

कपिल सिब्बल ने जताई नाराजगी
बिहार विधानसभा चुनाव के अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात समेत कई राज्यों में हुए उपचुनावों में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है. कांग्रेस की इस हार से पार्टी के ही कई नेता खासे नाराज हैं और कांग्रेस को आत्ममंथन करने की सलाह दे रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी हाईकमान को आत्ममंथन की सलाह दी है.

सिब्बल ने पार्टी में आत्ममंथन पर जोर देते हुए कहा कि देश के लोग, न केवल बिहार में, बल्कि जहां भी उपचुनाव हुए, जाहिर तौर पर कांग्रेस को एक प्रभावी विकल्प नहीं मानते. यही निष्कर्ष है. बिहार में विकल्प आरजेडी ही था. हम गुजरात में सभी उपचुनाव हार गए. लोकसभा चुनाव में भी हमने वहां एक भी सीट नहीं जीती थी. उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को 2 फीसदी से कम वोट मिले. उम्मीद है कि कांग्रेस आत्ममंथन करेगी.

कांग्रेस नेतृत्व को लेकर सवाल उठाते हुए चिट्ठी लिखे जाने पर वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा, ‘नेतृत्व द्वारा बातचीत के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा, इसलिए मैं उन्हें सार्वजनिक रूप से व्यक्त करने के लिए विवश हूं. मैं एक कांग्रेसी हूं और एक कांग्रेसी रहूंगा और आशा करता हूं कि कांग्रेस फिर से खड़ी हो और राष्ट्र निर्माण को लेकर अपने मूल्यों को आगे बढ़ाए.

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