
धोरों में रहने वाले महेश ने किया नीट-2022 क्रैक, अब बनेगा डॉक्टर






खुलासा न्यूज़ , बीकानेर । सपनों का जरा पंख तो दो, वो आपको कामयाबी का आसमां देंगे। इसे सार्थक कर दिखाया बीकानेर जिले के धूंपालिया गांव के रहने वाले महेश रामावत ने । एमबीबीएस में चयन के लिए नीट यूजी का एग्जाम क्लियर करना किसी भी छात्र का बड़ा ख्वाब होता है। धोरों में रहने वाले महेश ने ऑल इंडिया 2703 रैंक हासिल की है, वहीं ओबीसी वर्ग में रामावत की 809वीं रैंक है। महेश की इस सफलता से पूरा गांव गौरवान्वित है, क्योंकि महेश गांव का एकमात्र ऐसा लड़का है जिसने डॉक्टर बनने के लिए नीट की परीक्षा पास की है। महेश पढ़ाई में शुरू से अव्वल था । 10वीं कक्षा पास करने के बाद महेश व परिजनों ने ठानी कि डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करनी है। तब से इस सफलता को हासिल करने में जुटा रहा और आखिरकार उसको प्राप्त भी कर लिया। महेश ने 12वीं कक्षा के बाद दो साल सीकर में रहकर नीट परीक्षा की तैयारी की। रामावत ने बताया कि इस सफलता के पीछे परिजनों को बड़ा योगदान रहा है।
महेश के पिता गणेशदास जो कारपेंटर का काम करते है । कारपेंटर पिता के इस बेटे ने उनका सपना सच कर दिखाया है ।
परिणाम आए भले ही दो तीन दिन हो गए हैं, लेकिन बधाई और गले लगाकर खुश होने वाले लोगों का सिलसिला अभी खत्म नहीं हुआ है।
कड़ी तपस्या की हो रही है चर्चा
महेश अब अपने आसपास के गांव के पहले डॉक्टर बनने जा रहे हैं। पूरे इलाके में उनकी तैयारी, मेहनत और कारपेंटर पिता की कड़ी तपस्या की चर्चा हो रही है।
महेश ने कहा कि गांवों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है लेकिन सही मार्गदर्शन व काउंसलिंग न मिल पाने के चलते वे सफल नहीं हो पाते। वो कहते हैं कि गांव के बच्चों के पास आज भी पर्याप्त मात्रा में संसाधन नहीं है। शायद यही वजह है कि गांव के बच्चों की प्रतिभा बहुत मुश्किल से सामने आ पाती है।


