
महाकुम्भ में महात्यागी नगर बीकानेर खालसा का हुआ समापन, 40 दिन में 200 कार्यकर्ताओं ने दी सेवाएं, लाखों श्रद्धालुओं का हुआ आगमन







बीकानेर। संत-महात्माओं का कार्य है कि जप-तप करे और अध्यात्म की अलख जगाए। ऋषि-मुनियों के भारत देश में धर्म की ध्वजा को फहराने का कार्य संत समाज बखूबी कर रहा है। यह उद्गार संत श्रीसरजूदासजी महाराज ने प्रयागराज महाकुम्भ में रामझरोखा कैलाशधाम द्वारा महात्यागी नगर बीकानेर खालसा के समापन समारोह में कही। संत श्रीसरजूदासजी महाराज ने बताया कि परम पूज्य सियारामजी महाराज के आशीर्वाद तथा परम पूज्य गुरु महाराज श्रीरामदासजी महात्यागी के सान्निध्य में गंगा पूजन, संगम स्नान, हनुमान ध्वजा की पूर्णाहुति के साथ महात्यागीनगर में पिछले 40 दिनों से अखंड कीर्तन की पूर्णाहुति भी की गई। व्यवस्थापक महामंडलेश्वर श्रीभगवानदासजी महाराज ने बताया कि समापन समारोह में महात्यागी नगर बीकानेर खालसा परिवार ने प्रयागराज के प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस प्रशासन व यूपी सरकार का आभार व्यक्त किया। बीकानेर खालसा में बीकानेर सहित देशभर से पधारे लाखों श्रद्धालुओं का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। बीकानेर खालसा व्यवस्थापक रघुवीरदासजी महाराज व महंत परमेश्वरदासजी ने बताया कि बीकानेर खालसा में लगभग 200 कार्यकर्ताओं की टीम ने 40 दिनों दो चरणों में सेवाएं प्रदान की। गुरुवार को राष्ट्रीय संत श्रीसरजूदासजी महाराज मथुरा सहित अन्य तीर्थस्थलों के दर्शन करके 15 फरवरी को बीकानेर पहुंचेंगे। बीकानेर पहुंचने पर विभिन्न स्थानों पर श्रीसरजूदासजी महाराज का अभिनन्दन किया जाएगा। संत श्रीसरजूदासजी महाराज ने बताया कि 4 जनवरी को बीकानेर खालसा महात्यागी नगर की स्थापना प्रयागराज महाकुम्भ में की गई थी। रोजाना औसतन 3 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को नि:शुल्क भोजन, अल्पाहार व निवास की सुविधा प्रदान की गई। 40 दिनों में लगभग डेढ़ लाख श्रद्धालुओं का बीकानेर खालसा में आगमन हुआ। साधु-संतों का आशीर्वाद, अखंड कीर्तन, हवन यज्ञ में आहुतियां प्रदान करने का सौभाग्य बीकानेरवासियों को मिला।


