महाजन, लूणकरनसर में नीम-हकीम कर रहे जिंदगी के साथ खिलवाड़





बीकानेर। उपखण्ड मुख्यालय समेत गांवों में नीम-हकीम व झोलाछाप का फैलता जाल लाइलाज बीमारी साबित हो रहा है। स्थिति यह है कि गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में झोलाछाप फर्जी चिकित्सक बेरोकटोक भोले-भाले ग्रामीणों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।कस्बे व गांवों की हर गली-मोहल्ले झोलाछाप की भरमार है। इनके पास डॉक्टरी की डिग्री होना तो दूर धरातलीय चिकित्सकीय ज्ञान भी नहीं होता है। जानकारी में आया है कि बहुत से ऐसे फर्जी झोलाछाप डिग्रीधारी चिकित्सकों के पास बैठकर या दवा की दुकानों में थोड़ा कुछ काम सीख लेते है और कुछ समय बाद स्वयं-भू डॉक्टर बनकर भोले-भाले गांव वालों को ठगते रहते है। ये नौसिखिए फर्जी चिकित्सक टाइफाइड व टीबी जैसी बीमारियों का इलाज भी करते है।उधर, ग्रामीणों के अनुसार क्षेत्र के ग्रामीण अंचल के सरकारी चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिलने से लोग नीम-हकीमों से इलाज करवाने को मजबूर है। ये फर्जी चिकित्सक भू्रण हत्या व अवैध गर्भपात समेत अन्य जघन्य अपराध करने से भी नहीं चूकते हैं। प्रशासन इनके खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं पा रहा है। इससे ग्रामीणों की जिन्दगी से खिलवाड़ का सिलसिला जारी है। गांवों में इन झोलाछाप के उपचार से कई बार मरीजों की मौत के मामले सामने आते है लेकिन ना प्रशासन ध्यान देता है तथा ना ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग इनके खिलाफ कार्रवाई करता है। इन दिनों गांवों में भीषण गर्मी के चलते मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ये झोलाछाप हैवी-डोज देकर मरीजों का उपचार करते है। ऐसे में मरीज कुछ समय तो ठीक हो जाता है लेकिन कुछ दिन बाद फिर से बीमार होने पर उसे उपचार के लिए बड़े सरकारी अस्पताल जाना पड़ता है।
कार्रवाई सैल गठन प्रदेश में नीम-हकीम के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए राज्य स्तर पर सैल का गठन किया गया है लेकिन उपखण्ड मुख्यालयों समेत गांवों में जमे झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई देखने को नहीं मिल रही है। इससे ये झोलाछाप गांवों में लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।
मिलीभगत का अंदेशागांवों में बैठकर धड़ल्ले से उपचार कर रहे नीम-हकीमों व झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से चिकित्सा विभाग के अधिकारियों व चिकित्सकों के साथ मिलीभगत का अंदेशा लग रहा है। यहां तक बात सामने आई है कि गांवों के झोलाछाप दवा कम्पनियों से चिकित्सकों को मिलने वाले नोट फोर सेल लिखी सैम्पल की दवाइयां बेच रहे हैं। इन गांवों में मकडज़ाल जानकारी के मुताबिक लूणकरनसर, रोझां, गारबदेसर, कांकड़वाला, मलकीसर, महाजन, ढाणी पाण्डूसर, छटासर, गोपल्याण, कपूरीसर समेत सैकड़ों गांवों व ढाणियों में झोलाछाप का जाल बिछा है।़


