
बीकानेर में लंपी अन कंट्रोल, जगह-जगह मृत पशु के ढेर, दुर्गंध से लोगों का जीना दूभर, मची लूट , सिस्टम सवालों के घेरे में






– संपादक कुशाल सिंह मेड़तिया की विशेष रिपोर्ट
खुलासा न्यूज़ , बीकानेर । बीकानेर में लंपी अन कंट्रोल होता जा रहा है। हर दिन स्थिति बिगड़ती जा रही है। मृत गोवंश की संख्या भी बढ़ती जा रही है। हालात यह है कि गोवंश को दफनाने के लिए जगह कम पड़ रही है। जगह-जगह मृत पशु के ढेर लगे हुए हैं। गोवंश के सींगों के ढेर लगे पड़े हैं। लोगों का कहना है कि दवाइयों और घर से मृत पशु ले जाने में लूट मची हुई है। घर से गाय ले जाने के लिए 2 हजार रुपए तक की डिमांड करते है। वहीं, खुले में मृत गोवंश को फेंकने से आसपास के लोगों को परेशानी हो रही। महामारी फैलने का डर है। सरकारी आँकड़े कुछ बोलते है, लेकिन हकीकत कुछ अलग ही सामने आ रही है। सात गुने गोवंश की मौत हुई है।
खुलासा ने पड़ताल की तो सामने आया की मृत गोवंश खुले में ही पड़े हैं। कुत्ते व अन्य पशु-पक्षी भी गोवंश को नोच रहे हैं। बदबू इतनी है कि इंसान एक मिनट भी खड़ा नहीं रह सकता है। इस तरीके से खुले में मृत पशु डाले जाएंगे तो महामारी फैल सकती है।
फिटकरी की कालाबाजारी
इलाज के लिए काम मे आने वाली फिटकरी की कालाबाजारी शुरू हो गई है एक गोपालक ने बताया की पशुओं मे जो अभी बीमारी चल रही है उसमे फिटकरी का रोल अहम है जिससे पशुओ को बचाया जा सकता है जैसे इस बात का पता मंडी के व्यापारियों को चला तो एक ही दिन मे फिटकरी के दाम आसमान पर चढा दिये नोरमल दिनो मे फिटकरी के दाम 50किलो का कटा 900 रुपये मे मिलता था लेकिन आज 15 सौ रुपये मे भी नही मिल रहा जंहा एक और सरकार पशुओं को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है वही दुसरी और बजारो मे फिटकरी की कालाबाजारी जोरो पर है फिटकरी से पशुओ को नहलाने से 36 घंटे मे बीमारी से आराम मिल जाता है।


