जून में लंपी की पुष्टि, नहीं चेता विभाग, नतीजा जुलाई में फैला संक्रमण

जून में लंपी की पुष्टि, नहीं चेता विभाग, नतीजा जुलाई में फैला संक्रमण

बीकानेर. लंपी स्किन डिजीज लगातार गोवंश पर कहर बरपा रही है। बीते दो माह में बीकानेर में हजारों की तादाद में गोवंश तड़प-तड़प कर दम तोड़ चुकी है। जिले में 10 फीसदी गोवंश इस मौत से जूझ रही है। लंपी स्किन बीमारी के वायरस पाकिस्तान के रास्ते गांवों में दस्तक दी है। सबसे ज्यादा संक्रमित गोवंश भी बॉर्डर के इलाकों में है। बीकानेर जिले में लाखों गोवंश है। वहीं मौत का आंकड़ा एक हजार के पास पहुंच चुका है। हकीकत में यह आंकडा इससे कई ज्यादा है। दरअसल, जून माह में लंपी स्कीन डिजीज ने दस्तक ने दी थी। गांवों में छतरगढ़, लूणकरणसर, खाजूवाला सहित अन्य गांवों में सबसे पहले लंपी बीमारी के केस मिले थे, तब से अगर विभाग चेत जाता तो शायद यह बीमारी इतनी भयावह रूप नहीं लेती। प्रशासन की लापरवाही के चलते जुलाई में लंपी स्कीन बीमारी ने जिलेभर में फैल गई। गोवंश के मरने का सिलसिला शुरू हो गया। विभाग ने महामारी को गंभीरता से लिया होता तो समय रहते गोवंश को अकाल मौत से बचाया जा सकता था।

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