गोवर्धन पूजा 22 को भगवान कृष्ण ने पर्वत को उठाकर की थी सुरक्षा

गोवर्धन पूजा 22 को भगवान कृष्ण ने पर्वत को उठाकर की थी सुरक्षा

गोवर्धन पूजा 22 को भगवान कृष्ण ने पर्वत को उठाकर की थी सुरक्षा
बीकानेर। कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर को है। इस दिन भगवान गोवर्धन और गाय की पूजा का विशेष महत्व होता है। दीपावली के दूसरे दिन प्रभात के समय मकान के द्वार पर गौ के गोबर का गोवर्धन बनाया जाता है। शास्त्रों में गोवर्धन को पुष्पादिगंध से सुशोभित बनाने का भी विधान है। साथ ही गौ माता का विधि पूजन करना चाहिए। लक्ष्मी जिस प्रकार सुख समृद्धि प्रदान करती है।
उसी प्रकार गौ माता भी दूध से स्वास्थ्य रूप धन प्रदान करती है। इसी तिथि पर भगवान कृष्ण ने गोकुल वासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाया था। देवराज इंद्र के अहंकार को नष्ट किया था। भगवान कृष्ण ने सबसे छोटी उंगली से गोवर्धन पर्वत उठाया था। तभी से गोवर्धन पर्वत व गोबर का गोवर्धन बनाकर उसकी पूजा करने की परंपरा चलती आ रही है। साथ ही इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा भी की जाती है। गोवर्धन पूजा के दौरान इस दिन गोवर्धन पर धूप, दीप, नवैध, जल, फल और फूल आदि चढ़ाने का महात्मय है।

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