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पिछले परिणामों को देख,गति नहीं पकड़ रहा शुद्ध के लिये युद्ध

खुलासा न्यूज,बीकानेर। मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने के लिये सरकार भले ही कितने दावे कर लें। लेकिन उनके दावों की पोल उनके ही सिस्टम के द्वारा की जाती है। कुछ ऐसे ही हालात बीकानेर जिले में देखने को मिल रहे है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिलावट के खिलाफ शुरू किये गये शुद्ध के लिये युद्ध अभियान में महज खानापूर्ति की जा रही है। जिसके चलते पिछले आठ दिनों में महज 19 नमूने ही जांच के लिये लिए गये है। जबकि विभाग की ओर से 10 नमूने लेने का टारगेट तय किया गया था। जानकार सूत्रों की माने तो अभियान में चल रही शिथिलता के पीछे एक बड़ा कारण पिछले साल कुछ बड़े फर्मों पर की गई कार्यवाही के बाद आएं परिणामों को माना जा रहा है। पूर्व सीएमएचओ डॉ बी एल मीणा की ओर से नमकीन भंडार,मावा भंडार व एक फास्ट फूड रेस्टोरेंट पर की गई कार्यवाही के बाद उन्हें पद से हाथ धोने के चलते चिकित्सा विभाग के आलाधिकारियों में भय का माहौल है। इस वजह से विभाग अब इस अभियान में केवल कागजी घोड़े दौड़ाकर सरकारी खानापूर्ति कर रहा है।
मौसमी बीमारियों को बनाया ढाल
मंजर यह है कि चिकित्सा विभाग की लचर व्यवस्था के चलते न तो शुद्ध के लिये युद्ध अभियान गति पकड़ रहा है और न ही मौसमी बीमारियों पर अंकुश लग रहा है। ऐसे में विभाग की ओर से मौसमी बीमारियों को ढाल बनाकर इस अभियान में लकीर पीटी जा रही है। सूत्रों की माने तो विभाग ने इसको लेकर किसी प्रकार की कोई गंभीरता नहीं दिखाई है। न ही इसका कोई खाका तैयार कर प्रतिदिन कहां कार्यवाही होगी इसकी रिपोर्ट दी जा रही है और न ही कहां कार्यवाही की गई। इसका ब्यौरा दिया जा रहा है। जब हमारे संवाददाता ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी से बातचीत कर गुरूवार को कहां कार्यवाही होगी। इसकी जानकारी चाही तो उन्होंने जबाब दिया कि सीएमएचओ से बात कर ही बता पाएंगे। खाद्य सुरक्षा अधिकारी के इस जबाब से स्पष्ट है कि विभाग सरकार के इस महत्वपूर्ण अभियान के प्रति विभाग कितना लापरवाही बरत आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहा है। यहीं नहीं विभाग की इस गैर जिम्मेदाराना हरकत से मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हो रहे है।

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