क्राइम ब्रांच की पूछताछ में लोकेश शर्मा ने पूर्व सीएम गहलोत व कुलदीप रांका पर लगाए आरोप, पढ़ें खबर

क्राइम ब्रांच की पूछताछ में लोकेश शर्मा ने पूर्व सीएम गहलोत व कुलदीप रांका पर लगाए आरोप, पढ़ें खबर

खुलासा न्यूज नेटवर्क। फोन टैपिंग के मुद्दे पर तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की पूछताछ में गहलोत पर आरोप लगाए हैं। सात पेज के रिटन स्टेटमेंट में लोकेश शर्मा ने क्राइम ब्रांच के सामने फोन टैपिंग में खुद की भूमिका से इनकार करते हुए अशोक गहलोत से पूछताछ करने की मांग की। लोकेश शर्मा ने तत्कालीन डीजीपी, गृह विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और गहलोत के प्रमुख सचिव रहे कुलदीप रांका पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

रिटन स्टेटमेंट में लोकेश शर्मा ने कहा कि मुझे अशोक गहलोत ने ही क्लिप मीडिया को भेजने को कहा था। मुझे तो यह भी पता नहीं था कि इस पेन ड्राइव में है क्या? अब गहलोत से पूछताछ हो कि ऑडियो क्लिप कहां से आई, क्या लीगल-इलीगल फोन टैप हुए? गहलोत के निर्देश होते थे कि क्राइम ब्रांच में जाकर यह कहना है कि यह ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया से मिली। गहलोत कांग्रेस विधायकों की फोन टैप की रिकॉर्डिंग सुनते थे। तत्कालीन डीजीपी, गृह विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और गहलोत के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रहे कुलदीप रांका की भूमिका रही है। कुलदीप रांका तो हर चीज में शामिल थे।

मेरे को कुछ हुआ तो गहलोत जिम्मेदार

लोकेश शर्मा ने कहा कि मैंने स्टेटमेंट कलमबद्ध करने के साथ आग्रह किया है कि मैं अपने और परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं। उसको भी सुनिश्चित कराएं। मैंने अपने इस स्टेटमेंट में क्राइम ब्रांच में आग्रह किया है कि किसी भी तरह की दिक्कत आती है तो इसके लिए जिम्मेदार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत होंगे। मैंने सिर्फ निर्देशों की पालना की और जिनकी मेरी जिम्मेदारी बनती थी। आज क्योंकि स्टेटमेंट दे दिया है। आगे किस तरह जांच बढ़ेगी? हालांकि मैंने यह कहा है कि अब तो यह जांच अशोक गहलोत के ऊपर टिक जानी चाहिए। जांच एजेंसी को अब गहलोत से पूछना चाहिए कि यह कैसे हुआ? यह ऑडियो क्लिप उनके पास कहां से आई? और अब सब खुलासा गहलोत ही करेंगे, वह बताएंगे कि उन्होंने किसके फोन, किस तरह से इंटरसेप्ट करवाए।

 

मुझे तो यह भी पता नहीं था कि इस पेन ड्राइव में है क्या?

लोकेश शर्मा ने कहा कि क्राइम ब्रांच का मुख्य सवाल यही था कि ऑडियो क्लिप कहां से मिली? मैंने आज उसका खुलासा किया। मैंने क्राइम ब्रांच को सात पन्नों का लिखित स्टेटमेंट दिया, जिसमें पूरी तरह से तथ्यों के साथ यह जानकारी दी कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुझे पेन ड्राइव दिया था। पेन ड्राइव से ऑडियो सीधे तौर से शेयर नहीं किया जा सकता था।

मैं पेन ड्राइव लेकर अपने घर गया। पेन ड्राइव में जो कंटेंट था, उसको अपने लैपटॉप में लिया और लैपटॉप से अपने मोबाइल फोन में लिया। उस मोबाइल फोन के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशानुसार मीडिया को सारी क्लिप भेज दी। मुझे तो यह भी पता नहीं था कि इस पेन ड्राइव में है क्या? जब यह सारी खबरें टीवी पर चलीं और प्रदेश भर में हंगामा हुआ कि सरकार को गिराने की साजिश का कोई ऑडियो बाहर आया, तब मुझे पता लगा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुझे एक पेन ड्राइव दिया था, उसमें यह ऑडियो क्लिप है।

 

मैंने आज खुलासा कर कर दिया, गहलोत के निर्देश होते थे

पूर्व सीएम गहलोत के ओएसडी ने कहा- मैंने आज क्राइम ब्रांच के सामने यह पूरा खुलासा कर दिया। उस पहेली को सुलझा दिया कि यह ऑडियो क्लिप मुझे कहां से मिले। जब मैं पहले भी पूछताछ में आया, पहले मैंने वही जवाब दिए, जो निर्देश दिए गए थे। मुझसे लास्ट पूछताछ अक्टूबर, 2023 में हुई थी, तब कांग्रेस की सरकार थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे और मैं उनका ओएसडी था। मैं जब वहां से निकलता था तो मुझे निर्देश दिए जाते थे कि क्राइम ब्रांच में जाकर यह कहना है कि यह ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया के माध्यम से मिली थी। मैंने वही काम किया। सारा दोष मुझ पर डाला जा रहा है। मुझे आरोपी के तौर पर पेश किया जा रहा है तो मैंने खुलासा किया और स्पष्ट रूप से जवाब दिया कि उस ऑडियो क्लिप से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। उस पेन ड्राइव में जो कंटेंट था, उसको मैंने मीडिया में शेयर किया था।

 

क्राइम ब्रांच गहलोत से करें पूछताछ

लोकेश शर्मा ने कहा- अब यह पूछताछ अशोक गहलोत से होनी चाहिए। मैंने रिटन में यह कहा है कि आगे की पूछताछ अशोक गहलोत से होनी चाहिए कि ऑडियो क्लिप कैसे रिकॉर्ड करवाई। रिकॉर्डिंग लीगल अथवा इलीगल फोन टैपिंग से हुई। क्या सभी रूल्स-रेगुलेशन फॉलो करके किया या उसके पीछे क्या मंशा थी। इसकी जानकारी अब अशोक गहलोत ही दे पाएंगे। मेरा काम इतना-सा था कि जो ऑडियो क्लिप मुझे पेन ड्राइव के माध्यम से मिली, वह मैंने निर्देश अनुसार प्रदेश की जनता और मीडिया को सर्कुलेट किया ।

 

कुलदीप रांका तो हर चीज में शामिल थे

पूछताछ में सवालों को लेकर लोकेश शर्मा ने कहा- बहुत सारे सवाल थे। कैसे-कैसे किन-किन लोगों की भूमिका थी। मैंने कहा कि इंटरसेप्शन किया जाता है तो पूरा गृह विभाग का एक सेल होता है। वह सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद किसी के फोन टैप करने की मंजूरी देता है। जब राजस्थान में पॉलिटिकल क्राइसिस हुआ था, तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पक्ष के विधायकों सहित जो लोग सचिन पायलट के साथ मानेसर गए थे, उन तमाम विधायकों के फोन सर्विलांस पर लिया हुआ था। बाकायदा उनके पास उनकी रिकॉर्डिंग की ट्रांसक्रिप्ट आती थी। वह रिकॉर्डिंग सुनते थे किसने किससे बात की? इसमें तमाम लोग शामिल थे। तत्कालीन डीजीपी, होम सेक्रेटरी और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका, वो तो हर चीज में शामिल थे ही। उन्हें सब कुछ पता था कि क्या हो रहा है, क्या घटनाएं हो रही हैं?

लोकेश शर्मा ने कहा कि यह कहा जाता है कि मैंने फोन टैपिंग की। मेरे पर जो एफआईआर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने करवाई, उसमें यह लिखा हुआ है कि उनके फोन को इलीगली इंटरसेप्ट करके रिकॉर्डिंग को वायरल किया गया। जबकि मैंने हमेशा यह जवाब दिया है कि मेरा फोन टैपिंग से कोई लेना-देना नहीं है। मुझे बस ऑडियो क्लिप पेन ड्राइव में मिले और उनको मैंने सर्कुलेट किया, जो कि मेरी जिम्मेदारी बनती थी, मैंने वही किया। आज क्योंकि यह सच मुझे इसलिए सबके सामने रखना पड़ रहा है क्योंकि वह सारा दोष मेरे सिर पर डाला जा रहा था। यह कहा जा रहा था कि लोकेश शर्मा ने यह सब फोन टैपिंग किया है तो मैंने आज सात पेज का मेरा जवाब है। मैंने इस स्टेटमेंट को कलमबद्ध करवाया है।

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