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रसद विभाग के अधिकारियों पर चीनी गेहूं के घोटाला का आरोप, सीओ सिटी को जांच करने के दिये न्यायालय ने आदेश

रसद विभाग के अधिकारियों पर चीनी गेहूं के घोटाला का आरोप, सीओ सिटी को जांच करने के दिये न्यायालय ने आदेश
खुलासा न्यूज बीकानेर । राशन डिपो की पोस मशीन में ज्यादा गेहूं और चीनी की आमद दिखाकर राशन घोटाला करने के मामले में पुलिस जांच में एफआर लगाने के निर्णय को अस्वीकार कर दिया गया है। न्यायालय ने मामले की पत्रावली सीओ सिटी को भेजकर फिर से अनुसंधान कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए है।
कोटगेट थाने में 15 फरवरी 2022 को राशन डिपो होल्डर द्वारका प्रसाद ने इस्तगासा मार्फत दर्ज कराया था। परिवादी ने रिपोर्ट में बताया था कि उसे सहकारी उपभोक्ता भंडार की वार्ड 10 में उचित मूल्य की दुकान रसद विभाग की ओर से आवंटित है। रसद विभाग ने उन्हें पोश मशीन आवंटित कर रखी है। कोलायत क्रय विक्रय सहकारी समिति को आवंटित खाद्यान की राशि जमा कराने पर उसकी दुकान पर खाद्यान भेजा जाता है। जो ऑनलाइन उसकी पोश मशीन में अपडेट हो जाता है। आरोप लगाया कि रसद विभाग ने 1 मार्च 2017 को आवंटित 74 क्विंटल गेहूं की जगह 101 क्विंटल गेहूं की आमद दर्ज कर 27 क्विंटल गेहूं का गबन किया। इसी तरह मार्च 2018 में 36 किलो चीनी की ऑनलाइन आमद दर्ज कर गबन किया गया। उन्होंने 31 मार्च 2017 को 50 क्विंटल और फर्जीवाड़ा करने सहित कई आरोप लगाए। साथ ही फर्जी आवंटन दिखाए राशन का परिवहन बिल भी पास कराकर राजकोष को हानि पहुंचाने का आरोप लगाया।
पुलिस ने मामले की जांच कर अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश बीकानेर के समक्ष इस मामले में गत 27 फरवरी को एफआर रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसका परिवादी पक्ष के अधिवक्ता ने विरोध करते हुए पुलिस की जांच पर सवाल उठाए। न्यायालय ने प्रकरण में पुलिस अनुसंधान अधिकारी की ओर से पूर्ण अनुसंधान नहीं करना माना। साथ ही पत्रावली सीओ सीटी को भेजकर पुन: अनुसंधान कर नतीजा न्यायालय के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए है।

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