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मासूम की हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास, 50 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया

खुलासा न्यूज नेटवर्क। डेढ़ वर्षीय मासूम भतीजे की हत्या करने के आरोपी चाचा को शनिवार को जिला एवं सेशन कोर्ट ने आजीवन कारावास और 50 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी को कोर्ट ने सबूत मिटाने के आरोप में भी 7 वर्ष के कारावास और 50 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है। जानकारी के अनुसार, चूरू जिला सेशन जज रविंद्र कुमार ने वर्ष 2022 में रतननगर थाना इलाके के गांव सहनाली छोटी निवासी सांवरमल जाट को अपने डेढ़ वर्षीय भतीजे हर्षित की हत्या के आरोप में सजा सुनाई है। प्रकरण के अनुसार रतननगर थाने में 28 फरवरी 2022 को हत्या के संबंध में मामला दर्ज किया गया, जिसमें लिखा गया कि गांव सहनाली छोटी की गीतादेवी 24 फरवरी की रात रोते हुए अपने बेटे हर्षित को लेकर पड़ोसी अजय जांगिड़ के घर गई। उस समय हर्षित पानी में भीगा हुआ था। उसके मुंह से खून बह रहा था। उसने बताया कि उसका देवर सांवरमल हर्षित को डूबोकर मारना चाहता है। वह उसे बचाकर लाई है। दूसरे दिन सुबह गीता का आठ साल का बेटा विकास और छह साल की बेटी पूजा रोते हुए पड़ोसी के घर आए और कहा कि चाचा ने उनके भाई हर्षित को मार दिया। हत्या के बाद आरोपी सांवरमल मृतक हर्षित का शव गांव बीनासर ले गया। जहां गांव के श्मशान में दफना दिया। वहीं, घटना के बाद मृतक की मां और आरोपी का पिता मनरूपाराम मौके से फरार हो गए। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस गीता देवी के घर पहुंची। दीवारें खून से सनी थी।

सरकारी वकील काशीराम शर्मा के अनुसार, आरोपी सांवरमल के बड़े भाई गंगाराम की कुछ समय पहले मौत हो गई थी। भाई की मौत के बाद उसके परिवार की जिम्मेदारी आरोपी के कंधों पर आ गई। मृतक हर्षित जन्म के बाद से ही लगातार बीमार रहता था। इससे परेशान होकर आरोपी ने उसे ठिकाने लगाने की योजना बनाई। हर्षित को आरोपी ने पहले तो पानी में डूबोया पर वह नहीं मरा। इसके बाद उसे घर में स्थित एक दीवार से टकराकर मार डाला। पुलिस ने प्रकरण में चाचा सांवरमल सहित मृतक की मां गंगादेवी व दादा मनरूपाराम को भी आरोपी बनाया था। मगर जांच के बाद उन्हें आरोपों से मुक्त कर केवल चाचा को आरोपी मानकर कोर्ट में चालान पेश किया।

 

आठ वर्षीय विकास की गवाही ने दिलाई चाचा को सजा

हत्या के मामले में पुलिस की ओर से 15 गवाहों सहित वजह सबूत कोर्ट में पेश किए गए, जिसमें मामला दर्ज करवाने वाले ग्रामीणों में से विद्याधर को छोड़कर सभी गवाह पलट गए। इसके बाद कोर्ट ने मृतक के आठ वर्षीय भाई विकास की गवाही को आधार मानते हुए आरोपी सांवरमल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

 

मासूम का मर्डर जघन्य मामला

जिला एवं सेशन न्यायाधीश रविंद्र कुमार ने मामले में दिए गए फैसले में लिखा है कि इस तरह से मासूम का मर्डर एक जघन्य अपराध है। ऐसे कृत्य करने वाले को कठोर सजा मिलनी चाहिए। ऐसे मामले में दयाभाव का कोई स्थान नहीं है।

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