
भगवान दत्तात्रेय के 24 गुरुओं की सीख, पृथ्वी की तरह सहनशील बनो






शनिवार, 18 दिसंबर को ब्रह्मा, विष्णु और महेश के संयुक्त अवतार भगवान दत्तात्रेय का प्रकट उत्सव है। हर साल मार्गशीर्ष यानी अगहन माह की पूर्णिमा पर भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है। दत्तात्रेय ने अपने 24 गुरुओं की वजह से भी काफी प्रसिद्ध हैं। दत्तात्रेय ने इन 24 गुरुओं से कई महत्वपूर्ण सीख प्राप्त की थीं। अगर हम दत्तात्रेय भगवान के जीवन की सीख को अपनाएंगे तो हमारी भी कई समस्याएं खत्म हो सकती हैं। जानिए ये 24 गुरु कौन-कौन थे और उनसे कौन सी सीख ली जा सकती है…
पृथ्वी – दत्तात्रेय ने पृथ्वी से सहनशीलता का गुण सीखा था। पृथ्वी अच्छे-बुरे हर प्राणी का भार सहन करती है, पृथ्वी पर कई तरह के प्रहार किए जाते हैं, खनन होते हैं, लेकिन पृथ्वी इन्हें सहन करती रहती है।
छत्ते से शहद निकालने वाला – मधुमक्खियां शहद इकट्ठा करती है और एक दिन छत्ते से शहद निकालने वाला सारा शहद ले जाता है। इस बात से ये सीखा जा सकता है कि आवश्यकता से अधिक चीजों को एकत्र नहीं करना चाहिए, वर्ना कोई दूसरा उन चीजों को हमारे पास से ले जाएगा।


