जिले के महाजन थाना में 30 पुलिसकर्मियों के भरोसे 32 गांवों की कानून व्यवस्था - Khulasa Online जिले के महाजन थाना में 30 पुलिसकर्मियों के भरोसे 32 गांवों की कानून व्यवस्था - Khulasa Online

जिले के महाजन थाना में 30 पुलिसकर्मियों के भरोसे 32 गांवों की कानून व्यवस्था

बीकानेर। जहां सरकार नए पुलिस थाने खोलने व थानों को क्रमोन्नत कर रही है। वहीं महाजन पुलिस थाने में नफरी की तरफ ध्यान नहीं देने से कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लग रहा है। थाना क्षेत्र के 32 गांवों की कानून व्यवस्था के लिए यहां सीआइ सहित महज 30 पुलिसकर्मी ही नियुक्त है। भारतमाला सडक़ के कारण महत्वपूर्ण थाने की जैतपुर चौकी पर पिछले करीब एक माह से ताला लगा है।
गौरतलब है कि महाजन पुलिस थाने को करीब 12 साल पहले क्रमोन्नत कर सीआइ की पोस्टिंग की गई थी लेकिन यहां आज तक स्टाफ व सुविधाओं का विस्तार कागजी बना है। थाने के अंतर्गत महाजन, अरजनसर, जैतपुर जैसे बड़े कस्बे आते हैं। वहीं 29 अन्य गांव भी शामिल है। एशिया की सबसे बड़ी व सामरिक ²ष्टि से महत्वपूर्ण महाजन फील्ड फायङ्क्षरग रेंज भी इसी थाना क्षेत्र में आती है। ऐसे में यहां स्टाफ व सुविधाओं के प्रति विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
इतने पद स्वीकृत
महाजन थाने में एक सीआइ, एक एसआइ, तीन एएसआइ, चार हेड कांस्टेबल, 26 कांस्टेबल, दो ड्राइवर के पद स्वीकृत है। इसी प्रकार जैतपुर चौकी में एक हेड कांस्टेबल व चार कांस्टेबल के पद मंजूर है।
ये है वर्तमान में स्थिति
स्वीकृत पदों की एवज में यहां एएसआइ के तीनों पद, हेड कांस्टेबल का एक पद, कांस्टेबल के दो पद, चालक का एक पद रिक्त है। वहीं जैतपुर चौकी में हेड कांस्टेबल सहित चारों कांस्टेबल के पद खाली होने से चौकी ताले में बंद है।
चौकी बंद होने से व्यवस्था राम भरोसे
पुलिस थाने में स्टाफ के अभाव में गत करीब एक माह से जैतपुर चौकी बंद होने से जैतपुर, ढाणी छिपलाई, साबनिया, रानीसर, चक नोहड़ा, चक राइका सहित आसपास के अन्य गांवों की कानून व्यवस्था राम भरोसे ही है। भारतमाला सडक़ बनने से इस रास्ते अवैध कारोबार बढ़ा है। साथ ही सडक़ हादसे भी बढ़े है। फिलहाल यहां एक भी पुलिसकर्मी तैनात नहीं है।
संसाधन भी कम, झेलनी पड़ रही परेशानी
महाजन थाने के अंतर्गत करीब 26 किमी तक राजमार्ग संख्या 62 आता है। साथ ही अरजनसर से जैतपुर तक मेगा हाइवे भी लगता है। सडक़ हादसों के वक्त पुलिस के पास संसाधनों की कमी नजर आती है। यहां क्रेन, कटर मशीन जैसे साधन होने चाहिए। ताकि हादसों में फंसे घायलों को वाहनों से बाहर निकाल कर वक्त रहते अस्पताल तक पहुंचाया जा सके। यहां कार्यरत स्टाफ में से भी अधिकांश पुलिसकर्मियों को इन दिनों मेला-मगरियों में लगा रखा है। जिससे परिवादों का समय पर निस्तारण करना टेढ़ी खीर बना है।
इनका कहना है
स्टाफ व संसाधनों की कमी है। मेले-मगरियों में भी स्टाफ लगा देने से कुछ परेशानी हो रही है। स्टाफ की नियुक्ति के लिए जिला पुलिस अधीक्षक को अवगत करवाया गया है। स्टाफ मिलते ही जैतपुर चौकी पर भी व्यवस्था सुचारू हो जाएगी।
नारायण बाजिया, पुलिस वृताधिकारी लूणकरणसर।
हाल ही हुए तबादलों के कारण स्टाफ कम हुआ है। जिससे जैतपुर चौकी बंद है। इस बारे में उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई है।
अनिल कुमार, सीआई महाजन।

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