
लावणी गीत मोत्यों बीच में, चौमासा गीत अब के सावे में पिया बनी रे दुल्हनियां, देखे वीडियों






बीकानेर। होलाष्टक में मंचित हो रही रम्मतों के क्रम में गुरुवार को बारह गुवाड़ चौक और कीकाणी व्यास चौक में स्वांग मेहरी रम्मतों का मंचन हुआ। रम्मतों के प्रमुख गीत ख्याल के माध्यम से रम्मत कलाकारों ने राजनीति, राजनेता, महंगाई, पेपर लीक,समाज में आई कमियों पर करारे व्यंग्य किए। वहीं अयोध्या में बना भगवान रामलला का मंदिर भी ख्याल गीत के केन्द्र में रहा। प्रेम और श्रृंगार रस से ओत प्रोत चौमासा गीत का गायन किया गया। मेहरी पात्रों की ओर से मनमोहक नृत्यों की प्रस्तुतियां दी गई। बारह गुवाड़ रम्मत में लावणी गीत का भी गायन हुआ। कीकाणी व्यास चौक में राधा-कृष्ण की पुष्प होली का आयोजन हुआ।
नहीं पेपर लीक करावो, भर्ती ने सही बणावों
बारह गुवाड़ चौक में उस्ताद तनसुख दास रंगा के अखाड़े में उस्ताद दासी महाराज ओझा की स्वांग मेहरी रम्मत का मंचन हुआ। भगवान गणेश स्वरुप के अखाड़े में पहुंचने और स्तुती वंदना के साथ रम्मत की शुरुआत हुई। बोहरा-बोहरी, खाकी स्वांग पात्रों ने अच्छे जमाने के शगुन मनाए। रम्मत के वरिष्ठ कलाकार पंडित जुगल किशोर ओझा के निर्देशन में रम्मत का मंचन हुआ। रम्मत कलाकार विजय कुमार ओझा के अनुसार लावणी गीत मोत्यों बीच मेंज्, चौमासा गीत च्अबके सावे में पिया बनी रे दुल्हनियांज् की प्रस्तुती दी गई। वहीं ख्याल गीत च् अयोध्या में राम विराजे काशी में विश्वनाथज् की प्रस्तुति दी गई।
रम्मत में चन्द्रशेखर ओझा, जेठमल ओझा, काचिया महाराज, नमामी शंकर, मनोज, मीनू ओझा, भोली सरदार, शिवदत्त, शंकर व्यास, महेन्द्र, रामसा छंगाणी, कान्हा, आनंद ओझा, सत्यनारायण, मग्नेश्वर, भंवर लाल, गोपाल दास सहित रम्मत कलाकारों ने रम्मत का मंचन किया। मेहरी पात्र में दीपक व सुशील ने भूमिका निभाई। दमा महाराज ने नगाड़े पर संगत दी।
सब कर रया होडा होड, पुरानी छोड़, नवी रीत लावै
कीकाणी व्यास चौक में उस्ताद जमना दास कल्ला की स्वांग मेहरी रम्मत का मंचन हुआ। रम्मत का आगाज बुधवार मध्यरात्रि को लटियाल भवानी स्वरुप के अखाड़े में पहुंचने व स्तुती वंदना के साथ हुआ। गुरुवार सुबह रम्मत कलाकारों की ओर से चौमासा और ख्याल गीतों का गायन किया गया। रम्मत के वरिष्ठ कलाकार एडवोकेट मदन गोपाल व्यास के निर्देशन में रम्मत का मंचन हुआ। रम्मत के चौमासा गीत चौमासा बरसे मूसलधार का गायन किया गया। ख्याल गीत च्रीत्यों लावै है अपरम्पार, पग रैवे चादर सूं बारज् का गायन किया गया। ख्याल गीत में समाज की परंपराओं में आ रही कमियों को उजागर कर उनको दूर करने की अपील की गई। रम्मत में झमू मस्तान, मदन गोपाल व्यास, श्याम सुंदर ओझा, रामकिशन व्यास, मुकेश कल्ला, शत्रुघ्न ओझा, एसपी ओझा, रवि ओझा, प्रेम चूरा, गोविंद, मयूर, शरद, जुगल, भोला, मनोज, आशुतोष, बाबू, मिथु न पुरोहित, परमेश्वर व्यास,सत्यनारायण ओझा, दिनेश ओझा, मनमोहन सहित रम्मत कलाकारों ने रम्मत का मंचन किया। नगाड़े पर संगत बंटी ओझा व कान्हा ओझा ने दी।


