अब नहीं होगी नहरी पानी की बर्बादी: बीकानेर में दो और जैसलमेर में एक जगह से पानी की बर्बादी रुकेगी

अब नहीं होगी नहरी पानी की बर्बादी: बीकानेर में दो और जैसलमेर में एक जगह से पानी की बर्बादी रुकेगी

इंदिरा गांधी नहर से निकलने वाले पानी की बर्बादी रोकने के लिए अब बीकानेर और जैसलमेर में तीन एस्केप रिजर्वायर बनाये जायेंगे। राज्य सरकार ने इस कार्य की सैद्धांतिक स्वीकृति देते हुए शीघ्र काम शुरू करने के आदेश दिए हैं। जलदाय मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने बीकानेर के सत्तासर के पास आरडी 507 और गजनेर लिफ्ट केनाल की आरडी 750 के पास एस्केप रिजर्वायर बनाने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही जैसलमेर में आरडी 1356 पर ऐसा ही रिजर्वायर बनाया जायेगा। इन तीन रिजर्वायर में इंदिरा गांधी नहर से बहने वाले अतिरिक्त पानी को संरक्षित किया जाएगा। ये पानी पेयजल के लिए उपयोग लिया जा सकेगा। जल संसाधन विभाग की ओर से तैयार प्रस्ताव पर डॉ.कल्ला ने सैद्धांतिक सहमति दी है। जल जीवन मिशन के तहत बने मेजर प्रोजेक्ट्स के संबंध में गुरुवार को वीडियो कांफ्रेसिंग से बैठक आयोजित की गई।

 

जलदाय मंत्री ने वीसी में प्रदेश में जल संरक्षण और बूंद-बूंद के सदुपयोग के बारे में जन जागरूकता को बढ़ाने पर भी फोकस करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जल की बचत को प्रोत्साहित करने के लिए ड्रिप इरिगेशन पद्धति से बूंद-बूंद सिंचाई को बढ़ावा देने, ड्रेनैज और सीवरेज के पानी को रिसाईकिल कर उपयोग में लेने और घरों में पानी के मितव्ययता से उपयोग को बढ़ावा देने के तौर तरीकों को प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है, इसके लिए दोनों विभागों के स्तर पर सतत प्रयास जारी रहे। इस प्रकार अतिरिक्त बचत से भी पेयजल परियोजनाओं के अतिरिक्त पानी संचित करने में मदद मिल सकेगी।

जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने संयुक्त बैठक को सकारात्मक पहल बताते हुए कहा कि दोनों विभागों के स्तर पर सतत समन्वय और सहयोग से प्रदेश में जल जीवन मिशन में पेयजल परियोजनाओं के लिए दीर्घकालिक स्रोत जुटाने के उद्देश्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने जलदाय विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे आने वाले दिनों में अपने अपने क्षेत्र में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठकर सतही स्रोत से पानी की उपलब्धता का विश्लेषण करे और उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार कर भेजे। जल संसाधन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री नवीन महाजन ने वीसी में बताया कि सतही जल स्रोतों के पानी का प्रदेश में पेयजल सहित अन्य क्षेत्रों के लिए मिश्रित उपयोग किया जा रहा है। राज्य सरकार की प्राथमिकता के अनुरूप प्रदेश में पेयजल परियोजनाओं के लिए सतही जल स्रोतों से जल आरक्षण के लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे है। अन्य राज्यों से भी राज्य के हिस्से का पानी लेने के लिए भी पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।

वीसी में बताया गया कि जलदाय मंत्री के सुझाव और निर्देशानुसार इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आईजीएनपी) की मेन कैनाल क्षेत्र में सत्तासर के पास 507 आरडी, गजनेर लिफ्ट परियोजना के समीप 750 आरडी तथा जैसलमेर में 1356 आरडी पर एस्कैप रिजर्वायर बनाने के कार्यों को डिपोजिट वर्क के रूप में सम्पादित करने के लिए जल संसाधन विभाग की ओर से सैद्धांतिक सहमति दी गई है। ये एस्कैप रिजर्वायर बनाकर इंदिरा गांधी नहर से बहने वाले अतिरिक्त पानी को संरक्षित कर उसका पेयजल के लिए उपयोग करने के लिए जल संसाधन विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार किया गया है।

वीसी का संचालन करते हुए जलदाय विभाग के मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) श्री दलीप कुमार गौड़ ने जेजेएम में जलदाय विभाग की वृहद पेयजल परियोजनाओं के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। वीसी से जलदाय विभाग की विशिष्ट सचिव श्रीमती उर्मिला राजोरिया, मुख्य अभियंता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू) श्री सीएम चौहान, मुख्य अभियंता (ग्रामीण) श्री आरके मीना, मुख्य अभियंता (तकनीकी) श्री संदीप शर्मा, मुख्य अभियंता (जोधुपर) श्री नीरज माथुर, मुख्य अभियंता (नागौर) श्री दिनेश गोयल, वित्तीय सलाहकार एवं प्रमुख लेखाधिकारी श्री ललित वर्मा और प्रदेश भर से प्रोजेक्ट विंग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता व अधीक्षण अभियंताओं के अलावा जल संसाधन विभाग से मुख्य अभियंता, बीकानेर श्री विनोद चौधरी, मुख्य अभियंता श्री असीम मार्कण्डेय, मुख्य अभियंता, हनुमानगढ़ श्री विनोद मित्तल सहित अन्य अधिकारी भी जुड़े।

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