
शनिश्चरी अमावस्या पर साल का आखिरी सूर्य ग्रहण






अभी अगहन महीना चल रहा है। इस महीने की अमावस्या पर स्नान-दान और पितरों के लिए श्राद्ध करने की परंपरा है। ऐसा करने से पितृ एक साल के लिए तृप्त हो जाते हैं। साथ ही इस दिन स्नान-दान से हर तरह के पाप भी खत्म हो जाते हैं। ये अमावस्या पर्व 4 दिसंबर, शनिवार को है। इसलिए इसे शनिश्चरी अमावस्या के रूप में मनाया जाएगा। इस अमावस्या पर भगवान विष्णु, शिवजी, शनिदेव और हनुमानजी की पूजा खासतौर से की जाएगी। इस दिन साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा। लेकिन भारत में नहीं दिखने से न तो इसका सूतक लगेगा और न ही कोई धार्मिक महत्व रहेगा।


