
सरकारी व विवादित जमीनों पर भू-माफियाओं की नजर, जगह-जगह हो रहे कब्जे, प्रशासन की चुप्पी भी सवालों के घेरे में







खुलासा न्यूज, बीकानेर। इन दिनों शहर व शहर के आसपास इलाकों में सरकारी व विवादित जमीनों पर भूमाफियाओं की पैनी नजर है। सूत्रों ने बताया कि इन भूमाफियाओं को न तो कानून का डर है और न ही प्रशासन का। जहां जमीन खाली पड़ी नजर आ रही है, उस पर कब्जे का प्रयास हो रहा है और कई स्थानों पर तो कब्जे हो भी गए। जिन पर कार्यवाही करने वाला जिला प्रशासन भी चुप्पे साधे हुए है। सूत्र बताते है कि जिला प्रशासन की चुप्पी साधने के पीछे का कारण स्थानीय राजनेताओं का भूमाफियाओं को संरक्षण देना है। इसी के चलते इन भूमाफियाओं के हौसले बुलंद है, जो सरकारी जमीनों को दबाने में लगे हुए है। केवल सरकारी जमीनें ही नहीं, बल्कि ऐसी जमीनों पर भी नजरें है, जो लंबे अर्से से विवादित है। सूत्र बताते है कि भूमाफिया ठेकेदार बनकर आते है और बकायदा यह बोलते है कि कोई विवादित या कब्जे वाली जमीन है तो बताओ। मिल बांटकर काम करने का आश्वासन देते है। दरअसल, इन भूमाफियाओं के कारण उन लोगों को चपत लग रही है, जो आर्थिक रूप से कमजोर है, उन्हें सस्तें दामों में जमीन की जरूरत होती है। ऐसे लोगों को भूमाफिया अपने जाल में फंसाते है और ओने-पौने दामों में विवादित जमीन या सरकारी जमीन पर प्लॉट पर कब्जा करवा देते है और कुछ तो रजिस्ट्रियां भी करवा रहे है ताकि लोगों में विश्वास कायम हो जाए कि उनकी जमीन कहीं नहीं जाएगी। ऐसा करना न केवल धोखाधड़ी है, बल्कि गरीब लोगों के उन सपनों को तोडऩे का काम भी है जो मेहनत कर पायी-पायी पैसा जोड़कर अपना आशियाना बसाने का सपना संजोता है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि राजनीतिक दबाव को किनारे करते हुए लुट रहे गरीब व कमजोर लोगों को बचाए, साथ ही सरकारी जमीनों को बचाए, जो भविष्य में शहर के विकास में काम आए।


