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डेंगू-मलेरिया के प्रकोप में लैब संचालक कूट रहे चांदी, कईयों में पैथोलॉजिस्ट नहीं, टेक्निशियन ही चला रहे लैब

खुलासा न्यूज बीकानेर। डेंगू और मलेरिया के प्रकोप में प्राइवेट पैथालॉजी लैब संचालकों ने खुली लूट मचा रखी है। जबकि, लैब संचालन के नियम कायदों को देखें तो अधिकांश इन नियमों की पालना नहीं कर रहे हैं। कई लैब बिना पैथालॉजिस्ट संचालित हो रही हैं। कुछ लैब को तो लैब टेक्नीशियन ही संचालित कर रहे हैं। स्थितियां यहां तक गंभीर हैं कि जिले में संचालित अधिकांश लैब में पैथॉलॉजिस्ट तक नहीं है। एलाइजा टेस्ट की सुविधा एक भी लैब के पास नहीं है। इस कारण ये लैब सिर्फ कलेशन सेंटर की तरह ही काम कर रहे हैं। रोगियों से जांच के नाम पर मुंह मांगा शुल्क लेने वाले ये लैब संचालक ब्लड सैंपल जांच के कहां से करवा रहे है, इसकी सुध लेने वाला भी कोई नहीं है। जांच के लिए 2100 रुपए फीस बताई जा रही है। वहीं, डेंगू कार्ड टेस्ट के 800 रुपए लिये जा रहे है। टाइफाइड एवं सीबीसी की जांच के लिए 500 से 200 रुपए तक लिये जा रहे है। यानि मुंह मांगे दाम मरीजों से लूट रहे है। मजे की बात यह है कि इस लूट व लापरवाही पर रोक लगाने वाला स्वास्थ्य विभाग नींद में सो रहा है। जिले में संचालित लैब पर अंकुश लगाने के लिए चिकित्सा विभाग कोई ठोस कदम उठाता नजर नहीं आ रहा। 8 नवंबर को पंजीयन के लिए निर्देश जारी करने के बाद एक भी लैब संचालक पंजीयन के लिए नहीं पहुंचा। पंजीयन के लिए न पहुंचने पर भी विभागीय अधिकारियों की ओर से कोई कदम नहीं उठाए गए। जबकि विभाग ने लैब संचालकों को सात दिन में पंजीयन के निर्देश दिए थे।

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