कूडो है आत्मरक्षा का माध्यम - Khulasa Online कूडो है आत्मरक्षा का माध्यम - Khulasa Online

कूडो है आत्मरक्षा का माध्यम

बीकानेर। कुडो लड़ाई नहीं बल्कि आत्मरक्षा का माध्यम है। जुडो-कराटे, मार्शल आर्ट आदि के मिक्सचर कहे जाने वाले कुडो से सबसे ज्यादा महिलाओं व बालिकाओं को फायदा हो रहा है। यह बात रविवार को कुडो राजस्थान अध्यक्ष मेनारिया ने प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए कही। मेनारिया ने बताया कि राजस्थान में कुडो के प्रति महिलाओं व बालिकाओं में जो विश्वास हुआ है उससे वे पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो गई हैं।
महाराष्ट्र सचिव जसवीन मकवाना ने बताया कि कुडो एक ऐसी विधि है जिसमें आपको कोई स्पेशल ड्रेस नहीं बल्कि साड़ी अथवा आम दिनचर्या में पहने जाने वाली ड्रेस में आप इसका बखूबी इस्तेमाल कर सकते हैं।
बीकानेर में ऐतिहासिक प्रशिक्षण
टेक्निकल डायरेक्टर रैन्सी प्रीतम सैन (ब्लैक बेल्ट जापान) ने बताया कि कूडो एसोसियेशन ऑफ राजस्थान (कार) के तत्वावधान में छठी कूडो राज्य स्तरीय प्रशिक्षण शिविर तथा चैम्पियनशिप का आयोजन 16 अगस्त से गंगाशहर के महावीर चौक स्थित जेआरएम रामपुरिया भवन में चल रहा है जो कि 19 अगस्त तक जारी रहेगा। प्रीतम सैन बताया कि बीकानेर के इतिहास में पहली पहली बार कूडो, मिक्स मार्शल आर्ट की राज्य स्तरीय चैम्पियनशिप व प्रशिक्षण शिविर में राज्य के दस जिलों के 400 मार्शल आर्टिस्ट अपना दाव पेच दिखा रहे हैं।
सेन्सई सोनिका सेन ने बताया कि खिलाडिय़ों को विशेष लाभ देने के लिये तथा कूडो आर्ट के प्रमोशन के लिये इस प्रशिक्षण शिविर में कूडो फेडरेशन ऑफ इण्डिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोशिहान मेहूल वोरा (8 डिग्री ब्लेक बेल्ट) भी मुम्बई से आए हैं। वोरा सभी मार्शल आर्टिस्टों को मिक्स मार्शल आर्ट की विशेष तकनीकों का बारीकियों से प्रशिक्षण दे रहे हैं।

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