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जानिए 2022 में क्या-क्या बदल जाएगा,स्पीड से मिलेंगी नौकरियां

2020 में कोरोना महामारी आने से बहुत कुछ बदल गया। कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई, ऑनलाइन खरीदारी, ऑनलाइन क्लासेज, डॉक्टर की ऑनलाइन सलाह और टेलीमेडिसिन का इस्तेमाल अचानक बढ़ गया। लोगों को ज्यादा तेज इंटरनेट की जरूरत महसूस होने लगी। टेलिकॉम कंपनियों ने देश में 5G टेक्नोलॉजी की इस तलब को भांप लिया है। यही वजह है कि पिछले कुछ महीने से 5G से जुड़ी नौकरियां तेजी से बढ़ रही हैं।

डेटा एनालिटिक्स कंपनी ग्लोबल डेटा के मुताबिक भारत में 5G से जुड़ी वैकेंसी अक्टूबर-दिसंबर 2020 के मुकाबले जनवरी-मार्च 2021 में दोगुना हो गईं। इस फर्म में बिजनेस फंडामेंटल एनालिस्ट अजय थल्लूरी का कहना है कि आने वाले महीनों में हायरिंग बढ़ सकती हैं, क्योंकि 5जी के आने से कई सेक्टर प्रभावित होंगे।

इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर स्किल्स की ज्यादा डिमांड

  • टैलेंट सॉल्यूशन कंपनी Xpheno की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 5G शुरू करने के लिए जल्द ही 1.5 लाख से ज्यादा लोगों की जरूरत पड़ेगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि IP नेटवर्किंग, फर्मवेयर, ऑटोमेशन, मशीन लर्निंग, बिग डेटा एक्सपर्ट, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट, इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर्स की डिमांड बढ़ेगी। ज्यादातर भर्तियां टेलिकॉम और IoT कंपनियां करेंगी।
  • TeamLease सर्विसेज की रिपोर्ट के मुताबिक साल के आखिर में शुरू होने वाली 5G सेवाओं से न सिर्फ इंटरनेट स्पीड में इजाफा होगा, बल्कि अगले दो साल तक बंपर नौकरियां भी मिलेंगी। इसमें से ज्यादातर जॉब कॉन्ट्रैक्ट पर रहेंगी, लेकिन महामारी की मार से जूझ रहे देश में रोजगार के मोर्चे पर बड़ी राहत मिलेगी। इस फर्म के बिजनेस हेड देवल सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बावजूद टेलिकॉम कंपनियों की सर्विस का विस्तार जारी है।

5G से जुड़ी कुल वैकेंसी में 30% सिर्फ Cisco की

  • डेटा एनालिटिक्स कंपनी ग्लोबल डेटा ने जनवरी 2020 से मार्च 2021 के बीच 5G से जुड़ी नौकरियों का एनालिसिस किया है। रिपोर्ट के मुताबिक कुल वैकेंसी का 30% अकेले Cisco ने जारी किया है। ये अमेरिका की एक मल्टीनेशनल कंपनी है जो दुनिया भर में 5G प्रोजेक्ट्स पर 3.6 लाख करोड़ रुपए का निवेश कर रही है।
  • दूसरे नंबर पर स्वीडन की फर्म Ericsson है जिसकी 20% वैकेंसी पर हिस्सेदारी है। इसी तरह केपजेमिनी, डेट और हेलवेट-पैकर्ड ने भी 5G से जुड़ी नौकरियां निकाली हैं। भारत में अभी 5G से जुड़ी ज्यादातर हायरिंग ग्लोबल फर्म्स कर रही हैं। जियो, एयरटेल और Vi ने फिलहाल 5G के लिए बड़े पैमाने पर वैकेंसी नहीं निकाली है।
  • शुरुआत में ट्रांसमिशन स्टेशन इंजीनियर, ड्राइव टेस्ट इंजीनियर व मेंटेनेंस इंजीनियर जैसे पदों पर काम मिलता है। सर्किट डिजाइनर से लेकर स्ट्रैटजिक मास डेवलपर बन सकते हैं। नेटवर्क इंजीनियर, प्रोडक्ट डिजाइनर, डाटाबेस डेवलपर प्रचलित पेशे हैं। मशीन-टू-मशीन कम्युनिकेशन, टेलिकॉम मैन्युफैक्चरिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर तथा सर्विस में भी रोजगार के अच्छे अवसर हैं।
  • 5G के लिए 10% ज्यादा खर्च करने को तैयार हैं भारतीय

    • 2020 की दूसरी छमाही में हुए एक सर्वे के मुताबिक भारत में एक व्यक्ति औसतन हर महीने 12 GB डेटा का इस्तेमाल करता है। अगले पांच सालों में ये 25 GB तक पहुंचने का अनुमान है।
    • ग्लोबल टेलिकॉम इंडस्ट्री बॉडी का अनुमान है कि भारत में 2025 तक 92 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर्स होंगे जिसमें से 8.8 करोड़ के पास 5G कनेक्शन होगा। 5G को अपनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और सॉफ्टवेयर की बड़े पैमाने पर जरूरत होगी। जिससे इस सेक्टर में बंपर नौकरियां पैदा होंगी।
    • दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनी एरिक्सन ने एक रिपोर्ट में बताया है कि भारतीय ग्राहक 5G सर्विस के लिए मौजूदा दूरसंचार खर्च में 10% इजाफा करने को तैयार हैं। लॉन्चिंग के पहले साल ही करीब 4 करोड़ कस्टमर्स के 5G से जुड़ने का अनुमान है।

    2022 की शुरुआत में लॉन्च हो सकती है 5G सर्विस

    भारत में 4 प्रमुख कंपनियां 5G लॉन्च करने की तैयारी कर रही हैं। जुलाई 2020 में मुकेश अंबानी ने घोषणा की थी कि जियो प्लेटफॉर्म भारत के लिए 5G सॉल्यूशन डेवलप करेगा। कुछ महीने बाद ही जियो ने कैलिफोर्निया की क्वालकॉम टेक्नोलॉजी के साथ हाथ मिला लिया। इससे देसी 5G नेटवर्क के इंफ्रास्ट्रक्चर और सर्विस के काम में तेजी आने की उम्मीद है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 24 जून 2021 को होने वाली रिलायंस की सालाना जनरल मीटिंग में 5G सपोर्ट करने वाले फोन और 5G लॉन्चिंग की घोषणा की जा सकती है।

    एयरटेल ने हैदराबाद में 5जी टेस्टिंग पूरी कर ली है और कॉमर्शियल रोलआउट के लिए तैयार है। Vi और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) भी 5जी ट्रॉयल्स कराने को तैयार है। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर सर्विसेज के एक हालिया इवेंट में कहा था, ‘हम 2G, 3G, 4G में दुनिया के सामने पिछड़ गए, लेकिन 5G के मामले में भारत दुनिया से तेज चलेगा।’ गौरतलब है कि 60 से ज्यादा देशों में 5G सर्विस शुरू हो चुकी है।

    4G से 20 गुना तेज मिलेगी 5G की स्पीड

    5G बेहद हाईटेक टेक्नोलॉजी है, जो बहुत तेज वायरलेस नेटवर्क देती है। फुल HD फिल्म कुछ ही सेकेंड में डाउनलोड हो जाएगी। हालांकि इसका इस्तेमाल महज वीडियो देखने से कहीं बड़ा है।

    5G की मदद से ड्राइवरलेस ट्रांसपोर्ट, स्मार्ट सिटीज, वर्चुअल रियलिटी और बहुत तेज रियल टाइम अपडेट मिलेगा। इसके जरिए एक गाड़ी, दूसरी गाड़ी से भी बात कर सकेगी और डेटा के जरिए तय करेगी कि दोनों गाड़ियों के बीच दूरी व रफ्तार कितनी होनी चाहिए।

    5G टेक्नोलॉजी आने से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस काफी बेहतर हो जाएगा और इससे तमाम मशीनें जैसे स्मार्ट TV, वाशिंग मशीन, होम स्पीकर और रोबोट्स काफी तेज और ऑटोमेटिक फीचर्स से लैस होंगे।

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