
प्रेमी से बोली-पहले पति की हत्या कर, तब तेरे साथ चलूंगी और प्रेमी ने पति का गला रेत दिया






दांतारामगढ़। क्षेत्र में एक सप्ताह में दूसरी बार गला रेतकर हत्या करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मंगलवार तड़के बड़ का चारणवास में गांव के ही युवक बोदूराम (33) पुत्र नोलाराम बलाई की गला रेतकर हत्या कर दी गई। आरोपियों ने शव को गांव के पास ही सड़क किनारे पटक दिया। वहीं पुलिस ने शाम तक सात घंटे में हत्या की मास्टरमाइंड पत्नी व आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पत्नी ने पुलिस के सामने प्रथम दृष्टया कबूल किया कि उसने ही पति की हत्या की प्लानिंग की थी। प्रेमी से कहा था कि जब तक तू पति की हत्या नहीं करेगा, तब तक मैं तेरे साथ नहीं चलूंगी।
इस पर पत्नी लक्ष्मी (22) व प्रेमी बनवारी लाल (24) ने मिलकर बोदूराम बलाई की हत्या की प्लानिंग की। प्रेमी ने सोमवार शाम फोन कर बोदूराम को गांव घाटवा बुलाया और कहा कि मकान में पेंट करना है, मैं घाटवा में हूं, कुछ देर में आ जाओ तो चलकर मकान दिखा देते हैं।
इस पर बोदूराम घरवालों को बताकर घाटवा चला गया और मंगलवार रात उसकी हत्या कर दी गई। शव को बड़ का चारणवास की बस्ती से दो किलोमीटर दूर पटक दिया। गांव घाटवा नागौर जिले में है जो आरोपी के गांव श्रीरामपुरा के पास ही है।
दांता में डेयरी की दुकान करने वाला मुकेश बुरड़क मंगलवार सुबह छह बजे दांता की ओर आ रहा था। बड़ का चारणवास से दांता की ओर आने वाले मार्ग पर दो किमी दूर बालाजी मंदिर के सामने युवक का शव पड़ा था। मुकेश ने प्रहलाद नाम के व्यक्ति को फोन किया। इस पर वह गांव वालों को लेकर वहां पहुंचा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव दांता सीएचसी में रखवाया।
इसके बाद ग्रामीणों ने हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होने तक पोस्टमार्टम नहीं करने को लेकर धरना दे दिया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रतनलाल भार्गव नीमकाथाना व एसएचओ हिम्मत सिंह ने देर शाम तक आरोपियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया। पांच घंटे बाद ग्रामीण करीब एक बजे मान गए। शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
बोदूराम की पत्नी दो साल से नहीं आ रही थी, दोनों की शादी 31 मार्च 2016 को हुई थी
बोदूराम की पत्नी लक्ष्मी दो साल से ससुराल नहीं आकर पीहर काटिया में ही रह रही थी। इस बीच लक्ष्मी की सास का निधन हो गया फिर भी वह नहीं आई। बोदूराम के दो साल का बेटा है। लक्ष्मी अपने जेठ के कैंसर के निधन पर भी नहीं आई थी। मृतक का पिता नोलाराम (75) का रो-रोकर बुरा हाल है। बोदूराम नौ भाई-बहन हैं।
इनमें सात भाई व दो बहनें हैं। बोदूराम छठे नंबर का था। परिजनों ने बताया कि बोदूराम की पत्नी से बात होती रहती थी। वह एक बार उसे लाने गया था लेकिन वह नहीं आई। दोनों की शादी 31 मार्च 2016 को हुई थी। 16 फरवरी को बोदूराम के बड़े भाई की दो बेटियों व एक बेटे की शादी है : बोदूराम के बड़े भाई की दो बेटियों व एक बेटे की 16 फरवरी को शादी है। ऐसे में जिस घर में शादियों की तैयारी चल रही थी, उसमें मातम छा गया।
घर वाले पूरी रात ढूंढ़ते रहे, सुबह मिला शव
मृतक बोदूराम के परिजन उसे पूरी रात ढूंढ़ते रहे। भाई जगदीश प्रसाद ने बताया कि उसके पास किसी का फोन आया था। वह घाटवा गांव जाने की कहकर निकला था। गांव से निजी बस से वह घाटवा गया था। लेकिन रात नौ बजे से उसका फोन बंद आने लगा। परिजन उसे पूरी रात ढूंढ़ते रहे, लेकिन वह नहीं मिला। बाद में उसके बालाजी मंदिर के पास पड़े होने की सूचना मिली।
आरोपी ने हत्या कहीं और कर शव यहां लाकर पटका
बोदूराम की हत्या बालाजी मंदिर के सामने की गई या कहीं और यह भी एक पहेली बनी हुई है। क्योंकि उसके जबड़े व गले के बीच में किसी धारदार हथियार से वार किया गया, जिससे उसका आधा जबड़ा व आधा गला कट गया। घाव गहरा होने से मौके पर भी खून बह रहा था, लेकिन जितना खून मौके पर होना चाहिए, उतना नहीं था। हाथ व पैर के तड़पने के निशान भी नहीं थे।
शव के पास पड़े मिले कुरकुरे और चिप्स के पैकेट
शव के पास कुरकुरे व चिप्स के खाली पैकेट एवं खेत की छड़ियों पर अमरूद की थैली लटकी थी। कुरकुरे व चिप्स की थैलियों में पानी भरा था। ग्रामीणों का कहना है कि बोदूराम शराब तो क्या जर्दा व गुटखा तक नहीं खाता था। हत्या में बोदूराम के साढ़ू की भूमिका भी संदिग्ध है। उसका फोन बंद है। बनवारीलाल और कृष्णकुमार रैगर दोनों अविवाहित हैं। ज्यादा पढ़े-लिखे भी नहीं हैं।
एसपी ने किया खुलासा
एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर बताया कि बोदूराम की हत्या की मास्टर माइंड उसकी पत्नी लक्ष्मीदेवी थी। इसमें उसका प्रेमी तथा एक अन्य शामिल था। मृतक के सिर व गले में धारदार हथियार से चोट के निशान हैं। मृतक के भाई जगदीश प्रसाद ने हत्या की रिपोर्ट दी थी। अति. पुलिस अधीक्षक रतनलाल भार्गव नीमकाथाना के निर्देशन में डीएसपी बनवारी धायल रींगस के नेतृत्व में टीमों का गठन कर आरोपियों की तलाश शुरू की।
टीम ने मौके के सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल तथा गुप्त रूप से जानकारी प्राप्त की। अन्य कई लोगों से मृतक की पारिवारिक दुश्मनी भी सामने आई। पत्नी लक्ष्मी की भूमिका संदिग्ध लगी। इस पर उससे गहनता से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसके प्रेमी बनवारी लाल रैगर ने अपने बुआ के पोते कृष्ण रैगर (24) के साथ मिलकर उसके पति की हत्या कर दी।
टीम ने कृष्ण को गांव खाचरियावास से पकड़ लिया। बनवारी लाल रैगर को टीम ने पीछाकर जयपुर से दबोचा। पूछताछ में जुर्म कबूल करने पर लक्ष्मी देवी पत्नी बोदूराम, बनवारी पुत्र छीतरमल रैगर गांव श्रीरामपुरा, कृष्ण कुमार पुत्र शंकर लाल (25) रैगर निवासी गांव खाचरियावास को गिरफ्तार किया।


