
खेत सिंह हत्याकांड: आरोपियों की अवैध प्रॉपर्टी को तोड़ा, संविदा पर नौकरी और आर्थिक सहायता पर बनी सहमति





खेत सिंह हत्याकांड: आरोपियों की अवैध प्रॉपर्टी को तोड़ा, संविदा पर नौकरी और आर्थिक सहायता पर बनी सहमति
खुलासा न्यूज़। जैसलमेर के डांगरी गांव में हुए खेत सिंह हत्याकांड के 3 आरोपियों की अवैध प्रॉपर्टी को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है। गुरुवार देर रात वार्ता में मांगों पर सहमति बनने के बाद प्रशासन ने बुलडोजर से 5 अवैध दुकानों को तोड़ा।
इसके अलावा इन लोगों ने 150 बीघा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर खेती कर रखी थी। प्रशासन ने देर रात इस जमीन से भी तारबंदी को हटाया। उधर, शुक्रवार सुबह करीब 7 बजे खेत सिंह का शव डांगरी गांव लाया गया, जहां पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।
इससे पहले गुरुवार को धरना-प्रदर्शन में शामिल प्रदर्शनकारी बेकाबू हो गए थे और गांव में घुसकर गाड़ी में आग लगा दी और पथराव शुरू कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज करने के साथ आंसू गैस के गोले छोड़कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। दिनभर गांव में तनाव की स्थिति बनी रही।
देर रात 10 बजे ग्रामीणों और प्रशासन के बीच हुई वार्ता में मांगों पर सहमति बनी तो ग्रामीणों ने धरना खत्म कर दिया और अंतिम संस्कार के लिए माने। ग्रामीणों ने कहा- आरोपियों के अवैध अतिक्रमण के साथ ही गांव में जहां भी अवैध अतिक्रमण है, उनको तोड़ा जाए। इसके अलावा परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी और आर्थिक सहायता देने के साथ ही पकड़े गए 26 प्रदर्शनकारियों को छोड़ने की मांग रखी गई। प्रशासन ने संविदा पर नौकरी और आर्थिक सहायता की मांग पर सहमति जताई।
पुलिस प्रशासन ने देर रात हत्याकांड के आरोपियों लाडू खान, जमाल खान और खेते खान की टायर ट्यूब समेत 5 अवैध दुकानों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। इसके अलावा इन लोगों ने 150 बीघा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर खेती कर रखी थी। प्रशासन ने इस जमीन से भी तारबंदी को हटाया।
ग्रामीणों के साथ हुई वार्ता में पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, स्वरूपसिंह खारा, पूर्व विधायक सांग सिंह भाटी, भाजपा नेत्री सुनीता भाटी, जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी, पोकरण विधायक महंत प्रतापपुरी, आईजी राजेश मीना, कलेक्टर प्रतापसिंह और एसपी अभिषेक शिवहरे मौजूद रहे।


