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150 बीघा जमीन पर सोलर प्लांट लगाने के लिए देर रात काटे खेजड़ी के पेड़

150 बीघा जमीन पर सोलर प्लांट लगाने के लिए देर रात काटे खेजड़ी के पेड़
बीकानेर। श्रीडूंगरगढ़ तहसील के मोमासर गांव में सोलर प्लांट लगाने के लिए मंगलवार रात एक खेत में खेजड़ी के 30 पेड़ काट डाले गए। इनमें से मौके पर 16 पेड़ ही कटे हुए मिले। शेष 14 पेड़ ट्रैक्टरों और पिकअप गाडिय़ों में लाद कर लोग फरार हो गए। मोमासर गांव में प्रिंजल रिन्युएबल एनर्जी एलएलपी कंपनी ने करीब 50 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाने के लिए लगभग 150 बीघा जमीन किसानों से लीज पर ली है। इसमें खसरा नंबर 2643/1298 रविंद्र कुमार का है, जहां मंगलवार रात खेजड़ी के पेड़ों पर आरी चलाई गई। एक ही खेत में 30 पेड़ काटने की खबर है। आरा मशीनें चलने की आवाज पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो पेड़ काटने वाले लोग भाग गए।
पर्यावरण प्रेमी बीरबलराम पूनिया ने बताया कि मौके पर 16 पेड़ कटे हुए पड़े थे, जबकि 14 पेड़ों के ठूंठ मिले हैं। यह पेड़ आरोपी गाडिय़ों में भरकर ले गए। पेड़ काटने की सूचना मिलने पर जीव रक्षा सभा के अध्यक्ष मोखराम बिश्नोई ने रात को करीब 9.30 बजे कलेक्टर कंट्रोल रूम पर दी, लेकिन वन विभाग की टीम ही मौके पर पहुंची। राजस्व विभाग से गिरदावर और पटवारी बुधवार दोपहर बाद घटना स्थल पर गए। फर्द रिपोर्ट तैयार कर तहसीलदार को सौंप दी। पटवारी जयप्रकाश मीणा ने बताया कि खेत मालिक को पेड़ नहीं काटने के लिए पाबंद किया गया है। उन्होंने बताया कि एक सोलर कंपनी ने यहां करीब 150 बीघा जमीन लीज पर ली है, जिसकी कार्यवाही चल रही है।
एक महीने में तीसरी घटना : सोलर प्लांट के लिए खेजड़ी के पेड़ काटने की एक महीने में यह तीसरी घटना है। पिछले महीने 20 नवंबर को करणीसर भाटियान में 179 पेड़ काटे गए थे। उसके बाद हाल ही में रामसर गांव में करीब 50 पेड़ कटे थे।
नया कानून विधानसभा में पेश होगा, अभी जुर्माना 100 रुपए ही
काश्तकारी अधिनियम के तहत पेड़ काटने पर अब जुर्माना काफी बढ़ गया है, जो पहले 100 रुपए प्रति पेड़ था, अब इसे बढ़ाकर 10 गुना 1000 रुपए प्रति पेड़ पहली बार में कर दिया गया है। दूसरी बार में काटने पर 2000 रुपए प्रति पेड़ जुर्माना वसूला जाएगा। खेजड़ी जैसे महत्वपूर्ण पेड़ों की कटाई को देखते हुए पर्यावरण प्रेमियों की मांग पर सरकार ने जुर्माना राशि बढ़ाई है। उपखंड अधिकारी का कहना है कि कानून में संशोधन बिल विधानसभा में पेश होगा। मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा। तब तक जुर्माना पुराने कानून के अनुसार ही वसूला जाएगा।

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