
प्रमोद कृष्णम बोले-हाईकमान को ब्लैकमेल करने वालों के लिए सबक माकन ने आहत होकर पद छोड़ा,तीनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करें







जयपुर। अजय माकन के राजस्थान प्रभारी पद से इस्तीफे की वजह को लेकर कांग्रेस में खींचतान शुरू हो गई है। माकन के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में बयानबाजी का दोर शुरू हो गया है। पायलट समर्थक नेताओं ने अब गहलोत खेमे पर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी के नजदीकी कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम और पायलट समर्थक विधाय वेद प्रकाश सोलंकी ने नाम लिए बिना गहलोत गुट को निशाने पर लिया है।
प्रियंका गांधी के नजदीकी कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने माकन के इस्तीफे के बाद इशारों में गहलोत खेमे पर निशाना साधा है। आचार्य प्रमोद ने लिखा- राजस्थान के प्रभारी कांग्रेस महासचिव अजय माकन का इस्तीफ़ा उन सभी नेताओं के लिये एक बड़ा सबक़ है जो अपनी कुर्सी बचाने के लिये पार्टी हाई कमान को ब्लैकमेल और बेज़्ज़त करते हैं। आचार्य प्रमोद ने 25 सितंबर को गहलोत कैंप के विधायकों के कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने पर भी
पायलट समर्थक विधायक सोलंकी बोले- 25 सितंबर की घटना से आहत थे माकन
सचिन पायलट समर्थक विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि 25 सितंबर की घटना से आहत होकर अजय माकन ने प्रदेश प्रभारी का पद छोड़ा है। यह हमारे लिए शर्मिंदगी की बात है। अजय माकन ने कार्यकर्ताओं को एकजुट करके उनकी आवाज सुनी। माकन की वजह से कार्यकर्ताओं को पद मिले। उन्होंने कार्यकर्ताओं में नई उम्मीद जगाई थी। 25 सितंबर की घटना का जिक्र करके उनका पद छोडऩा यह साबित करता है कि वे आहत थे।
सोलंकी ने कहा- माकन से सब लोगों को समाहित किया,सबकी सुन रहे थे। हम बार बार मांग उठा रहे थे कि कार्यकर्ताओं को महत्व दिया जाए। माकन ने कांग्रेस के लिए पसीना बहाने वाले वर्करों को महत्व दिया तीन हजार कार्यकर्ताओं को पद दिलाए, इससे नई एनर्जी आई थी। 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक में कांग्रेस की रीढ माने जाने वाले परिवारों के विधायक शामिल हुए थे, कुछ विधायकों को धोखे में रखकर पैरेलल बैठक में ले गए थे।
विधायक बैरवा बोले- राहुल की यात्रा से पहले तीनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करें
सचिन पायलट समर्थक विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि अजय माकन के पद छोडऩे से आम कांग्रेसी को धक्का लगा है। हमारे प्रभारी महासचिव को यह कहना पड़े कि 25 सितंबर को 51 दिन हो गए और कार्रवाई नहीं हुई। 25 सितंबर को जो हुआ वो आज के अध्यक्ष के सामने हुआ। उस दिन क्या ड्रामा हुआ, हम तीन घंटे तक सीएम हाउस पर बैठक के लिए इंतजार करते रहे। आलाकमान ने माना कि तीन लोग जिम्मेदार थे, उन तीनों के खिलाफ 51 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं होना गंभीर बात है। राहुल गांधी की यात्रा से पहले जो भी बदलाव करने हैं वह कर लेने चाहिए। तीनों नेताओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई हो।
प्रियंका गांधी के नजदीकी कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने माकन के इस्तीफे के बाद इशारों में गहलोत खेमे पर निशाना साधा है। आचार्य प्रमोद ने लिखा- राजस्थान के प्रभारी कांग्रेस महासचिव अजय माकन का इस्तीफ़ा उन सभी नेताओं के लिये एक बड़ा सबक़ है जो अपनी कुर्सी बचाने के लिये पार्टी हाई कमान को ब्लैकमेल और बेज़्ज़त करते हैं। आचार्य प्रमोद ने 25 सितंबर को गहलोत कैंप के विधायकों के कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने पर भी
पायलट समर्थक विधायक सोलंकी बोले- 25 सितंबर की घटना से आहत थे माकन
सचिन पायलट समर्थक विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि 25 सितंबर की घटना से आहत होकर अजय माकन ने प्रदेश प्रभारी का पद छोड़ा है। यह हमारे लिए शर्मिंदगी की बात है। अजय माकन ने कार्यकर्ताओं को एकजुट करके उनकी आवाज सुनी। माकन की वजह से कार्यकर्ताओं को पद मिले। उन्होंने कार्यकर्ताओं में नई उम्मीद जगाई थी। 25 सितंबर की घटना का जिक्र करके उनका पद छोडऩा यह साबित करता है कि वे आहत थे।
सोलंकी ने कहा- माकन से सब लोगों को समाहित किया,सबकी सुन रहे थे। हम बार बार मांग उठा रहे थे कि कार्यकर्ताओं को महत्व दिया जाए। माकन ने कांग्रेस के लिए पसीना बहाने वाले वर्करों को महत्व दिया तीन हजार कार्यकर्ताओं को पद दिलाए, इससे नई एनर्जी आई थी। 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक में कांग्रेस की रीढ माने जाने वाले परिवारों के विधायक शामिल हुए थे, कुछ विधायकों को धोखे में रखकर पैरेलल बैठक में ले गए थे।
विधायक बैरवा बोले- राहुल की यात्रा से पहले तीनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करें
सचिन पायलट समर्थक विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि अजय माकन के पद छोडऩे से आम कांग्रेसी को धक्का लगा है। हमारे प्रभारी महासचिव को यह कहना पड़े कि 25 सितंबर को 51 दिन हो गए और कार्रवाई नहीं हुई। 25 सितंबर को जो हुआ वो आज के अध्यक्ष के सामने हुआ। उस दिन क्या ड्रामा हुआ, हम तीन घंटे तक सीएम हाउस पर बैठक के लिए इंतजार करते रहे। आलाकमान ने माना कि तीन लोग जिम्मेदार थे, उन तीनों के खिलाफ 51 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं होना गंभीर बात है। राहुल गांधी की यात्रा से पहले जो भी बदलाव करने हैं वह कर लेने चाहिए। तीनों नेताओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई हो।


